प्रश्न की मुख्य माँग
- कतर पर इजरायल के हालिया हमले के क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून पर सकारात्मक प्रभाव।
- कतर पर इजरायल के हालिया हमले के क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून पर नकारात्मक प्रभाव।
- गैर-राज्यीय तत्त्वों के विरुद्ध एकतरफा सैन्य कार्रवाइयों में किसी राज्य की विदेश नीति को बाधित करने में घरेलू असहमति की भूमिका।
- गैर-राज्यीय तत्त्वों के विरुद्ध एकतरफा सैन्य कार्रवाइयों में किसी राज्य की विदेश नीति को बाधित करने में अंतरराष्ट्रीय राय की भूमिका।
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उत्तर
प्रस्तावना
हाल ही में इजरायल द्वारा कतर में हमास वार्ताकारों पर की गई कार्रवाई ने पश्चिम एशिया में तनाव को और गहरा कर दिया है। प्रतिशोध के रूप में प्रस्तुत इस हमले ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-2(4) का उल्लंघन कर संप्रभुता पर चोट पहुँचाई और वैश्विक आलोचना को जन्म दिया। घरेलू विरोध प्रदर्शनों, अमेरिका की असहजता और संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन पर ध्यान केंद्रित होने की पृष्ठभूमि में यह हमला क्षेत्रीय स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय कानून और एकतरफा कार्रवाइयों की सीमाओं पर गंभीर प्रश्न उठाता है।
मुख्य भाग
इजरायल के हालिया हमले के सकारात्मक निहितार्थ: क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून के संदर्भ में
- आतंकवादियों के लिए निवारक संदेश: गाजा के बाहर हमास को निशाना बनाना, इजरायल की पहुँच और सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ प्रतिशोध की क्षमता को दर्शाता है।
- उदाहरण: ईरान, लेबनान और सीरिया में ऐसी ही कार्रवाइयों ने निवारक प्रभाव तो डाला, पर उनकी वैधता विवादास्पद रही।
- हमास वार्ताओं पर दबाव: युद्धविराम वार्ताओं के दौरान नेताओं को निशाना बनाकर इजरायल ने बंदियों की रिहाई हेतु दबाव बढ़ाने की रणनीति अपनाई।
- उदाहरण: होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम ने इजरायली बंदियों की रिहाई की तात्कालिकता पर बल दिया।
- राष्ट्रीय सुरक्षा कथा को सुदृढ़ करना: यह हमला नेतन्याहू के घरेलू राजनीतिक नैरेटिव को मजबूत करता है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय दबाव से ऊपर इजरायली सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
इजरायल के हालिया हमले के नकारात्मक निहितार्थ: क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून के संदर्भ में
- राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति के बिना कतर में हमला अनुच्छेद-2(4) का उल्लंघन है, जिससे संप्रभुता के मानकों को क्षति पहुँचती है।
- क्षेत्रीय संघर्ष के विस्तार का जोखिम: यह हमला गाजा से परे टकराव को फैलाकर खाड़ी देशों को सीधे संघर्ष में खींच सकता है।
- उदाहरण: कतर में मध्य-पूर्व का सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है, जिससे अस्थिरता का खतरा बढ़ता है।
- युद्धविराम की संभावनाओं पर आघात: अमेरिकी समर्थित युद्धविराम वार्ताओं के दौरान हुआ हमला कूटनीति को बाधित करता है और संघर्ष को लंबा करता है।
- उदाहरण: दोहा बैठक ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव पर चर्चा हेतु बुलाई गई थी, जिसे अब खतरा है।
- अंतरराष्ट्रीय वैधता का क्षरण: इजरायल की लगातार सीमा-पार कार्रवाइयाँ अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान को कमजोर करती हैं।
एकतरफा सैन्य कार्रवाइयों में घरेलू विरोध की भूमिका
- युद्धविराम हेतु जनदबाव: इजरायल में विरोध प्रदर्शनों ने युद्ध समाप्त करने और बंदियों की रिहाई को प्राथमिकता देने की माँग की।
- नागरिक मंचों से जवाबदेही: होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम जैसे समूह आक्रामक कार्रवाइयों के खतरों पर खुलकर सवाल उठाते हैं।
- राजनीतिक वैधता संकट: लगातार विरोध सरकार की एकतरफा कदम उठाने की वैधता को कमजोर करता है।
- निर्वाचन परिणामों की संभावना: घरेलू प्रतिक्रिया चुनावी व्यवहार को प्रभावित कर सकती है, जिससे नीति में नरमी का दबाव बढ़ता है।
अंतरराष्ट्रीय जनमत की भूमिका: एकतरफा सैन्य कार्रवाइयों को सीमित करने में
- कूटनीतिक निंदा: कतर की तीखी आलोचना ने इजरायल को संप्रभुता का उल्लंघन करने वाला करार दिया और उसे कूटनीतिक रूप से अलग-थलग किया।
- उदाहरण: दोहा ने इसे “अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन” बताया।
- संयुक्त राष्ट्र में जाँच और निंदा: संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में इजरायल को औपचारिक निंदा और फिलिस्तीन की मान्यता जैसे प्रतिकूल कदमों का सामना करना पड़ सकता है।
- उदाहरण: ब्रिटेन, फ्राँस, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और कनाडा जैसे देशों ने मान्यता का वादा किया।
- फिलिस्तीनी वैधता का सशक्तीकरण: इजरायल की आक्रामक कार्रवाइयाँ फिलिस्तीन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को गति देती हैं।
- उदाहरण: दोहा हमले का समय मान्यता की कोशिशों को और तेज कर सकता है।
निष्कर्ष
कतर पर इजरायल का हमला एकतरफा सैन्य कार्रवाइयों के जोखिमों को दर्शाता है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून को कमजोर करता है और क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ाता है। घरेलू विरोध और फिलिस्तीन के प्रति बढ़ता वैश्विक समर्थन नीति विकल्पों को सीमित करता है। आगे का रचनात्मक मार्ग कूटनीति, संप्रभुता का सम्मान और संतुलित आतंकवाद-निरोधक रणनीति में निहित है, जिससे स्थिरता तथा वैधता दोनों सुनिश्चित हो सकती हैं।
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