Q. निवारक निरोध, जिसे सामान्यत: 'आवश्यक बुराई' कहा जाता है, एक कंस्टीट्यूशनल बरमूडा ट्रायंगल का निर्माण करता है जहाँ 'गोल्डन ट्रायंगल' (अनुच्छेद 14, 19 और 21) के मौलिक अधिकार लुप्त होते प्रतीत होते हैं। इस वक्तव्य और हाल के न्यायिक निर्णयों के आलोक में, भारत में निवारक निरोध कानूनों द्वारा व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)
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