Q. हाल ही में अमेरिका और यूक्रेनी प्रशासन के बीच हुई बैठक ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन के भविष्य को लेकर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिकी विदेश नीति में संभावित परिवर्तन के निहितार्थों और यूरोपीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव का विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • परीक्षण कीजिए कि किस प्रकार अमेरिका और यूक्रेनी प्रशासन के बीच हाल की बैठक ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन के भविष्य के संबंध में चिंताएँ उत्पन्न कर दी हैं।
  • रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिकी विदेश नीति में संभावित बदलाव के प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।
  • यूरोपीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर चर्चा कीजिए।

उत्तर

वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में अमेरिकायूक्रेन संबंध महत्त्वपूर्ण रहे हैं। वर्ष 2024 तक, अमेरिका ने यूक्रेन को 119 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है, लेकिन हालिया राजनीतिक परिवर्तनों और बजटीय बाधाओं ने निरंतर सहायता के संबंध में संदेह उत्पन्न कर दिया है। यह अनिश्चितता यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं और क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन के भविष्य को लेकर चिंताएँ

  • सार्वजनिक कूटनीतिक विफलता: अमेरिका और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच तीखी नोकझोंक ने गहरे तनाव को उजागर किया, जिससे यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य और कूटनीतिक समर्थन जारी रहने पर संदेह उत्पन्न हुआ है। 
    • उदाहरण के लिए: नियोजित राजनयिक लंच को अचानक रद्द करना सद्भावना की कमी का संकेत देता है, जिससे कीव और यूरोपीय राजधानियों के बीच चिंता बढ़ गई।
  • रिपब्लिकन उदासीनता: अधिकांश रिपब्लिकन राजनेताओं ने भी अमेरिकी सरकार के रुख का समर्थन किया, जो यूक्रेन को सहायता कम करने की दिशा में अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव का संकेत था।
  • अमेरिका-रूस संबंधों में प्राथमिकता: यूक्रेन की सहायता करने के बजाय मास्को के साथ कूटनीति को प्राथमिकता देना, सैन्य सहायता में संभावित कटौती का संकेत देता है।
  • अमेरिका के प्रति यूरोपीय संशय: यूरोपीय नेता, अमेरिका को एक अविश्वसनीय सहयोगी के रूप में देख रहे हैं और यूक्रेन की रक्षा में नाटो की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। 
    • उदाहरण के लिए: फ्रांस और ब्रिटेन ने संभावित अमेरिकी वापसी की आशंका के चलते सार्वजनिक रूप से चिंता जताई है।
  • आर्थिक और सैन्य अनिश्चितता: दीर्घकालिक सुरक्षा आश्वासनों की कमी यूक्रेन को रक्षा सहायता के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर कर सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: यूरोप और निजी सैन्य ठेकेदारों से हथियार हासिल करने के यूक्रेन के प्रयास अमेरिकी सहायता में कमी के संबंध में व्याप्त चिंताओं को दर्शाते हैं।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव के निहितार्थ

  • रूसी आक्रामकता में वृद्धि: अमेरिकी सैन्य सहायता में कमी से रूस को यूक्रेन में सैन्य अभियान को और भीषण करने का प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे सत्ता रिक्ति का फायदा उठाया जा सकेगा। 
    • उदाहरण के लिए: वर्ष 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के दौरान अमेरिका की पिछली निष्क्रियता ने पुतिन को और अधिक विस्तारवादी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • यूक्रेन का बढ़ता अलगाव: अमेरिका की सहायता के बिना, यूक्रेन को अपनी रक्षा बनाए रखने में संघर्ष करना पड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय नुकसान होगा। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमानों को प्राप्त करने में विफलता, यूक्रेन की हवाई युद्ध क्षमता को कमजोर कर सकती है, जिससे युद्ध के मैदान की गतिशीलता प्रभावित हो सकती है।
  • रूस-चीन के बीच मजबूत होते संबंध: अमेरिका की कमज़ोर भूमिका मॉस्को को बीजिंग के करीब ला सकती है, जिससे वैश्विक शक्ति संरचना में बदलाव आ सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: ऊर्जा निर्यात सहित चीन पर रूस की बढ़ती आर्थिक निर्भरता इस भू-राजनीतिक पुनर्संरेखण को दर्शाती है।
  • रक्षा सहायता बढ़ाने के लिए यूरोप पर दबाव: अमेरिकी सेना के पीछे हटने से यूरोपीय देशों को यूक्रेन की मदद करने के  लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: जर्मनी और UK ने पहले ही अमेरिकी अनिश्चितता के जवाब में नए सैन्य पैकेज देने का वादा किया है।
  • लंबे समय तक गतिरोध का जोखिम: एक विभाजित पश्चिमी मोर्चा गतिरोधपूर्ण युद्ध की ओर ले जा सकता है , जिससे अस्थिरता लंबे समय तक बनी रह सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: कोरियाई युद्ध (1950-1953) दिखाता है कि कैसे अनसुलझे महाशक्ति संघर्षों के परिणामस्वरूप दीर्घकालिक स्थिर विवाद हो सकते हैं।

यूरोपीय सुरक्षा पर प्रभाव

  • NATO की विश्वसनीयता कमज़ोर होना: यूक्रेन से अमेरिका के पीछे हटने से NATO के सामूहिक रक्षा ढाँचे  को नुकसान पहुँच सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: रूस की आक्रामकता को रोकने में विफलता बाल्टिक राज्यों और पूर्वी यूरोप के खिलाफ भविष्य के खतरों को बढ़ावा दे सकती है।
  • यूरोप पर सैन्य बोझ में वृद्धि: यूरोपीय देशों को रक्षा व्यय और सैन्य समन्वय बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। 
    • उदाहरण के लिए: यूरोपीय संघ के नए €50 बिलियन सहायता पैकेज का उद्देश्य संभावित अमेरिकी वापसी के प्रभाव को कम करना है।
  • रूसी विस्तार का उच्च जोखिम: सत्ता रिक्ति,  रूस को पूर्वी यूरोप में NATO के संकल्प का परीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: मोल्दोवा और बाल्टिक में रूसी हाइब्रिड युद्ध की रणनीति दिखाती है कि मॉस्को, पश्चिमी कमजोरियों का कैसे लाभ उठाता है।
  • आर्थिक और ऊर्जा व्यवधान: रूसी गैस पर अत्यधिक निर्भर यूरोपीय राष्ट्रों को नए सिरे से ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: वर्ष 2022 नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन सैबोटेज की घटना ने ऊर्जा युद्ध के प्रति यूरोप की भेद्यता को उजागर किया।
  • यूरोपीय संघ के नेतृत्व वाली रक्षा की ओर रणनीतिक बदलाव: यूरोपीय राष्ट्र अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए एक स्वतंत्र सुरक्षा ढाँचे  का अनुसरण कर सकते हैं

यूक्रेन को मिलने वाला निरंतर अमेरिकी समर्थन, यूरोपीय सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्त्वपूर्ण है परंतु नीतिगत अनिश्चितताओं के कारण यूरोपीय रणनीतिक स्वायत्तता, सशक्त NATO प्रतिबद्धताओं और विविध रक्षा साझेदारी की आवश्यकता है। कूटनीति के साथ निवारक उपायों को मिलाकर तैयार किया गया  एक संतुलित दृष्टिकोण, तनाव को रोकने और नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण है। बहुपक्षीय सुरक्षा ढाँचे  को मजबूत करना दीर्घकालिक भू-राजनीतिक जोखिमों के प्रबंधन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

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