उत्तर:
दृष्टिकोण:
- भूमिका: भारत में गिग अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि पर प्रकाश डालें, गिग श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियाँ प्रस्तुत करने के बावजूद रोजगार के लिए इसकी क्षमता को रेखांकित करें।
- मुख्य भाग:
- नौकरी की असुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा की कमी और कानूनी अधिकारों के अभाव सहित गिग श्रमिकों के समक्ष आने वाली प्रमुख समस्याओं पर संक्षेप में चर्चा करें।
- गिग श्रमिकों की स्थितियों में सुधार के लिए विधिक मान्यता, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, उचित वेतन, कौशल विकास और मंच जवाबदेही जैसे संक्षिप्त उपाय सुझाएं।
- निष्कर्ष: श्रमिकों के लिए गिग अर्थव्यवस्था न्यायसंगत और सतत हो यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार, डिजिटल प्लेटफॉर्म और नागरिक समाज द्वारा आवश्यक सहयोगात्मक प्रयासों पर जोर दें।
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भूमिका:
भारत में गिग अर्थव्यवस्था, जो लचीली, अस्थायी या फ्रीलांस नौकरियों की विशेषता है, जिसे प्रायः डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म द्वारा सुविधाजनक बनाया जाता है, तेजी से विकसित हो रही है । यह क्षेत्र रोजगार और आर्थिक गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध कराता है।, लेकिन इसमें चुनौतियां भी हैं जो गिग श्रमिकों के कल्याण और अधिकारों को प्रभावित करती हैं।
मुख्य भाग:
भारत में गिग श्रमिकों के समक्ष आने वाली प्रमुख समस्याएँ-
नौकरी की सुरक्षा और आय स्थिरता: गिग श्रमिकों को अक्सर नौकरी की असुरक्षा और आय में अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। एक अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया 2019 से 2022 तक फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म कर्मियों की औसत वास्तविक मासिक आय में गिरावट हुई, हालांकि आर्डरों की मात्रा और मूल्य में वृद्धि हुई।
सामाजिक सुरक्षा लाभों का अभाव: गिग श्रमिकों के पास आम तौर पर कर्मचारी राज्य बीमा, भविष्य निधि, या स्वास्थ्य बीमा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच नहीं होती है, जिससे वे स्वास्थ्य संकट या दुर्घटनाओं के समय वित्तीय अस्थिरता की समस्या से गुजर सकते हैं।
- लंबे समय तक काम करने के घंटे और उच्च कमीशन शुल्क: कई गिग श्रमिकों को अपेक्षित आय अर्जित करने के लिए लंबे समय तक काम करने की आवश्यकता होती है। प्लेटफ़ॉर्म प्रायः कमीशन संरचनाओं और प्रोत्साहनों प्रोत्साहनों में परिवर्तन करते हैं, जिससे समय के साथ श्रमिकों की कमाई कम हो जाती है।
- कानूनी मान्यता और अधिकारों का अभाव: ‘कर्मचारी’ के रूप में कानूनी मान्यता का अभाव गिग श्रमिकों को संघों का गठन करने, सामूहिक रूप से सौदेबाजी करने, या राष्ट्रीय श्रम कानूनों के तहत न्यूनतम मजदूरी और काम की स्थिति संरक्षण को उपलब्ध कराने से रोकती है।
सुधार के लिए सुझाए गए उपाय
- कानूनी ढांचा और मान्यता: विशिष्ट कानूनों को प्रस्तुत करके गिग श्रमिकों को मान्यता देना और सुनिश्चित करना कि उन्हें यूनियन बनाने और सामूहिक रूप से सौदेबाजी करने का अधिकार हो। राजस्थान प्लेटफ़ॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम 2023 भारत में एक अग्रणी उदाहरण के रूप में कार्य करता है।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ: गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत योजनाओं को लागू करना और संचालित करना, उन्हें जीवन और विकलांगता कवर, दुर्घटना बीमा और वृद्धावस्था सुरक्षा जैसे आवश्यक लाभ प्रदान करना।
- उचित वेतन और काम करने की स्थितियाँ: गिग श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन मानकों की स्थापना और काम के घंटों को विनियमित करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उनके श्रम के लिए उचित मुआवजा मिले। इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा पारदर्शी और निष्पक्ष कमीशन संरचना भी शामिल है।
- वित्त और कौशल विकास तक पहुंच: गिग श्रमिकों के लिए तैयार वित्तीय उत्पादों तक पहुंच बढ़ाना और गिग अर्थव्यवस्था के भीतर उच्च-कुशल भूमिकाओं में उनके परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए कौशल विकास पहल को बढ़ावा देना I
- प्लेटफ़ॉर्म जवाबदेही: प्लेटफार्मों को विशेष रूप से उच्च मांग अवधि के दौरान गिग श्रमिकों के साथ अपने मुनाफे का एक अनुपात साझा करने के लिए अनिवार्य करना । इससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि बढ़े हुए व्यापार के लाभों का न्यायसंगत वितरण हो I
- स्वास्थ्य और सुरक्षा उपाय: प्लेटफार्मों को अनिवार्य रूप से जरूरी स्वास्थ्य और सुरक्षा उपाय प्रदान करना चाहिए, जिसमें दुर्घटना बीमा शामिल हो।। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य बीमा लाभों को विस्तारित करने से गिग श्रमिकों को अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों से बचाया जा सकता है।
निष्कर्ष:
इन चुनौतियों का समाधान करने और सुझाए गए उपायों को कार्यान्वित करने से भारत में गिग श्रमिकों की काम की परिस्थितियों और समग्र कल्याण में काफी सुधार हो सकता है। सरकार, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और नागरिक समाज सहित हितधारकों को अधिक सतत और न्यायसंगत गिग अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करना चाहिए।
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