Q. बजट निर्माण न केवल राजकोषीय प्राथमिकताओं को दर्शाता है, बल्कि लोकतांत्रिक शासन की प्रकृति को भी दर्शाता है। हाल ही में अमेरिका में हुए शटडाउन के आलोक में अमेरिका और भारत के बजट अनुमोदन तंत्र की तुलना कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • अमेरिका और भारत में बजट तंत्र के बीच तुलना।

उत्तर

हाल ही में हुए 43-दिवसीय अमेरिकी सरकारी शटडाउन ने यह उजागर किया कि राष्ट्रपति प्रणाली में बजटीय विवाद किस प्रकार शासन को ठप कर सकते हैं। यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि विभिन्न लोकतंत्र राजकोषीय अधिकारों की संरचना कैसे करते हैं। अमेरिका और भारत की तुलना से स्पष्ट होता है कि संस्थागत ढाँचा बजट अनुमोदन और प्रशासनिक निरंतरता की प्रकृति को कैसे निर्धारित करता है।

अमेरिका और भारत में बजट अनुमोदन तंत्र की तुलना

पहलू संयुक्त राज्य अमेरिका (राष्ट्रपति प्रणाली) भारत (संसदीय प्रणाली)
कार्यपालिका–विधानसभा संबंधों की प्रकृति कार्यपालिका (राष्ट्रपति) और विधानमंडल (कांग्रेस) अलग-अलग और स्वतंत्र शक्ति-केंद्र हैं। कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) संसद का हिस्सा है, जिससे समन्वित निर्णय-निर्माण संभव होता है।
बजट अनुमोदन का अधिकार राष्ट्रपति प्रस्ताव देते हैं, पर अनुमोदन का अधिकार कांग्रेस के पास है; दोनों एक-दूसरे से बाध्य नहीं। सरकार बजट पेश करती है और संसदीय बहुमत के कारण आमतौर पर इसे आसानी से मंजूरी मिल जाती है।
बजट पारित न होने का परिणाम सरकारी शटडाउन; एजेंसियाँ बंद, सेवाएँ रुक जाती हैं और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलता। शटडाउन संभव नहीं; बजट पारित न होना सरकार पर अविश्वास माना जाता है, जिससे इस्तीफा या चुनाव आवश्यक हो जाता है।
शटडाउन की आवृत्ति और तीव्रता वर्ष 1976 से अब तक 11 शटडाउन; नवीनतम 43 दिन, सबसे लंबा। शून्य शटडाउन; कार्यपालिका-विधानपालिका के एकीकृत ढाँचे के कारण।
वित्तीय वर्ष और समय सीमा का दबाव वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से; समय सीमा चूकते ही फंडिंग रुक जाती है और शटडाउन शुरू। वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से; देरी होने पर भी संसदीय नियंत्रण के कारण शासन बाधित नहीं होता।
राजनीतिक गतिरोध का जोखिम अत्यधिक; राष्ट्रपति और कांग्रेस के बीच मतभेद से शासन रुक सकता है। कम; बहुमत सरकार बजट पारित कराती है और प्रशासनिक ठहराव रोकती है।
बजट प्रक्रिया के दौरान शासन की स्थिरता उच्च संवेदनशीलता; शटडाउन अर्थव्यवस्था, कल्याणकारी सेवाओं और संघीय कार्यों को प्रभावित करता है। स्थिर; विवादों के बावजूद प्रशासन बिना रुकावट जारी रहता है।
भारत के लिए प्रणालीगत संकेत दर्शाता है कि राष्ट्रपति प्रणाली में गतिरोध से शासन रुक सकता है। भारत की संसदीय व्यवस्था की स्थिरता और निरंतर कार्यान्वयन क्षमता को पुष्ट करता है।

निष्कर्ष 

यह तुलना स्पष्ट करती है कि बजट प्रक्रियाएँ किसी देश की संवैधानिक संरचना और शासन-दृष्टि को परिलक्षित करती हैं। जहाँ अमेरिकी मॉडल राजनीतिक गतिरोध की स्थिति में प्रशासनिक ठहराव का जोखिम बढ़ाता है, वहीं भारत की संसदीय प्रणाली अबाधित, निरंतर शासन सुनिश्चित करती है। स्थिर और प्रभावी राजकोषीय प्रबंधन के लिए कार्यपालिका और विधानपालिका के बीच मजबूत समन्वय अनिवार्य है।

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