प्रश्न की मुख्य माँग
- इस कमजोर वर्ग के लिए सामाजिक सुरक्षा और सभ्य कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने हेतु, निवासी कल्याण संघों (RWA) जैसी संस्थाओं का लाभ उठाते हुए, समुदाय-आधारित मॉडल की क्षमता पर चर्चा कीजिए।
- समुदाय-आधारित मॉडल की चुनौतियाँ।
- इस समुदाय-आधारित मॉडल को और बेहतर बनाने के लिए आगे की राह।
- चर्चा कीजिए कि इस तरह के मॉडल को भारत की नई श्रम संहिताओं के ढाँचे में कैसे एकीकृत किया जा सकता है।
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उत्तर
सर्वोच्च न्यायालय के अजय मलिक (वर्ष 2025) निर्णय ने घरेलू कामगारों के लिए मजबूत कानूनी सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया है। शहरी महिलाओं का लगभग 11% हिस्सा इस क्षेत्र में कार्यरत है, लेकिन पारंपरिक प्रवर्तन तंत्र अप्रभावी सिद्ध हुआ है क्योंकि घर को उद्योग नहीं माना जाता। ऐसे में रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) आधारित सामुदायिक मॉडल, न्यायपूर्ण वेतन और सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक व्यावहारिक विकल्प प्रस्तुत करता है।
RWA आधारित सामुदायिक मॉडल की संभावनाएँ
- स्थानीय प्रवर्तन तंत्र: RWAs पहले से ही कामगारों का डिजिटल रिकॉर्ड रखते हैं (जैसे- पुलिस सत्यापन और ड्यूटी प्रबंधन)। इन रिकॉर्डों को कामगार पंजीकरण और निगरानी प्रणाली के रूप में विस्तारित किया जा सकता है।
- उदाहरण: दिल्ली की गेटेड सोसायटीज में RWAs द्वारा बनाए गए डेटाबेस को श्रम विभागों के साथ साझा किया जा सकता है।
- सुगम शिकायत निवारण मंच: RWAs घरों और कामगारों दोनों के समीप होते हैं, जिससे वे निष्पक्ष मंच के रूप में कार्य कर सकते हैं और अनुचित नियोक्ताओं को न्यायपूर्ण आचरण के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
- उदाहरण: चिली में “सिंबोलिक एनफोर्समेंट” मॉडल ने सामुदायिक प्राधिकारियों के माध्यम से बार-बार उल्लंघन करने वालों को अनुशासित किया।
- जागरूकता और संवेदनशीलता केंद्र: RWAs अधिकार-आधारित जागरूकता कार्यक्रम चला सकते हैं ताकि कामगार न्यूनतम वेतन, मातृत्व लाभ और पेंशन जैसी सुविधाओं से परिचित हों।
- उदाहरण: तमिलनाडु में घरेलू कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा चलाए गए जागरूकता शिविर।
- सामाजिक सुरक्षा से जोड़ना: RWAs राज्य की कल्याणकारी योजनाओं (बीमा, पेंशन) में कामगारों के पंजीकरण में मदद कर सकते हैं।
- उदाहरण: महाराष्ट्र का घरेलू कामगार कल्याण बोर्ड स्थानीय पहुँच के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा और पेंशन उपलब्ध कराता है।
सामुदायिक मॉडल की चुनौतियाँ
- घरेलू गोपनीयता का प्रश्न: निजी आवासों में प्रवर्तन को हस्तक्षेप के रूप में देखा जा सकता है।
- उदाहरण: आयरलैंड में भी घरों को “उद्योग” न मानने के कारण ऐसी कठिनाइयाँ सामने आईं।
- कानूनी अधिकार का अभाव: RWAs वैधानिक श्रम नियामक नहीं हैं; इनके निर्णय बाध्यकारी नहीं होते।
- उदाहरण: भारत में घरेलू कामगारों पर लाए गए सात विधेयक प्रवर्तन डिजाइन की कमजोरियों के कारण असफल रहे।
- विखंडन और क्षमता असमानता: सभी RWAs के पास समान संसाधन या डिजिटल ढाँचा नहीं है।
- उदाहरण: पश्चिम बंगाल के छोटे आवासीय परिसरों में संगठित RWA संरचना का अभाव है।
मॉडल को बेहतर बनाने के उपाय
- RWAs की भूमिका की कानूनी मान्यता: श्रम नियमों में संशोधन कर RWAs को “अनुपालन सहायक” (compliance facilitator) की भूमिका दी जा सकती है।
- उदाहरण: सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में घरों को “नियोक्ता” के रूप में मान्यता मिली है; इसे RWAs तक बढ़ाया जा सकता है।
- मानकीकृत डिजिटल पंजीकरण: RWAs के माध्यम से श्रम विभाग से जुड़ा डिजिटल आईडी कार्ड जारी किया जा सकता है।
- उदाहरण: बंगलूरू की गेटेड सोसायटीज में पुलिस सत्यापन डेटाबेस पहले से कार्यरत हैं।
- साझेदारी मॉडल: RWAs, श्रम अधिकारियों और NGOs के संयुक्त शिविर शिकायत समाधान और योजना पंजीकरण में मदद कर सकते हैं।
- उदाहरण: पश्चिम बंगाल के कल्याण बोर्ड के आउटरीच कैंप्स को शहरी सोसायटी में अपनाया जा सकता है।
- जवाबदेही सुनिश्चित करना: RWAs की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र या सामाजिक ऑडिट अनिवार्य किया जा सकता है।
- उदाहरण: चिली का त्रिपक्षीय मॉडल — राज्य, नियोक्ता और कामगारों के बीच संतुलित निगरानी।
भारत के नए श्रम संहिताओं के साथ एकीकरण
- वेतन संहिता, 2019: RWAs न्यूनतम वेतन के अनुपालन में सहयोग कर सकते हैं।
- उदाहरण: तमिलनाडु ने घरेलू कार्य के लिए अलग वेतन श्रेणियाँ अधिसूचित की हैं।
- सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020: RWAs के माध्यम से पंजीकरण घरेलू कामगारों को ई-श्रमिक पोर्टल और कल्याण बोर्डों से जोड़ सकता है।
- उदाहरण: महाराष्ट्र बोर्ड पहले से पेंशन और बीमा प्रदान करता है।
- व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता, 2020: RWAs सुरक्षित कार्य स्थितियों और उत्पीड़न से सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम चला सकते हैं।
- औद्योगिक संबंध संहिता, 2020: जबकि घरों को “उद्योग” नहीं माना जा सकता, RWAs विवाद समाधान के प्रारंभिक मंच के रूप में कार्य कर सकते हैं।
- उदाहरण: चिली में समुदाय-स्तर पर प्रतीकात्मक प्रवर्तन।
निष्कर्ष
घरेलू कार्य को औपचारिक श्रम के रूप में समान अधिकारों के साथ मान्यता देना आवश्यक है। RWA-आधारित मॉडल, यदि श्रम संहिताओं के साथ एकीकृत किया जाए, तो प्रवर्तन अंतर को कम कर सकता है। यह मॉडल ILO कन्वेंशन C189 के अनुरूप है और घरेलू कामगारों के लिए सम्मानजनक, सुरक्षित तथा न्यायपूर्ण कार्य वातावरण सुनिश्चित कर सकता है।
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