Explore Our Affordable Courses

Click Here

Q. महासागरों के उन विभिन्न संसाधनों का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए जिनका उपयोग वैश्विक संसाधन संकट से निपटने के लिए किया जा सकता है।(10 ‌अंक,150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य मांग:

  • महासागर के विभिन्न संसाधनों का मूल्यांकन करें जिनका उपयोग विश्व में संसाधन संकट से निपटने के लिए किया जा सकता है।
  • विश्व में संसाधन संकट से निपटने के लिए महासागर के विभिन्न संसाधनों के उपयोग की सीमाओं पर प्रकाश डालिए।

 

उत्तर:

विशाल महासागर खनिजों एवं ऊर्जा स्रोतों जैसे संसाधनों के भंडार है ,जो वैश्विक संसाधन संकट का समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत, 7,517 किलोमीटर की तटरेखा के साथ, इन संसाधनों का अन्वेषण कर रहा है, जिसमें गहरे समुद्र में खनन एवं  नवीकरणीय महासागरीय ऊर्जा शामिल हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय डीप ओशन मिशन जैसी पहलों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा  है ,जिसका उद्देश्य महासागरीय संभावनाओं का सतत रूप से दोहन करना है।

महासागरीय संसाधनों का दोहन: वैश्विक संसाधन संकट का समाधान

  • पॉलीमेटालिक नोड्यूल्स (Polymetallic Nodules): मैंगनीज , कोबाल्ट , कॉपर और निकल से समृद्ध ये नोड्यूल बैटरी एवं  इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों
    की बढ़ती मांग को पूरा करते हैं । उदाहरण के लिए: हवाई एवं  मैक्सिको के मध्य  क्लेरियन -क्लिपरटन ज़ोन में महत्वपूर्ण भंडार हैं, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार 2040 तक इन धातुओं की आपूर्ति संभावित रूप से दोगुनी हो सकती है ।
  • नवीकरणीय महासागर ऊर्जा: ज्वारीय, तरंग, और तापीय ऊर्जा रूपांतरण सहित महासागर ऊर्जा जीवाश्म ईंधन के लिए सतत विकल्प प्रदान करती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
    उदाहरण के लिए: भारत के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने ओशन थर्मल एनर्जी कन्वर्जन (OTEC) जैसी परियोजनाओं की शुरुआत की है, जो विद्युत उत्पादन के लिए महासागरों में तापीय प्रवणता का उपयोग करती हैं।
  • जैविक संसाधन: मत्स्य, शैवाल एवं अन्य जीवों सहित समुद्री जैव विविधता , मानव जीविका एवं आर्थिक विकास के लिए आवश्यक भोजन , औषधियां तथा  औद्योगिक उत्पाद प्रदान करती है
    उदाहरण के लिए: भारत की नीली क्रांति का उद्देश्य मछली उत्पादन को बढ़ाना तथा सतत  जलीय कृषि पद्धतियों  को बढ़ावा देना है , जिससे खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका में वृद्धि हो सके
  • हाइड्रोकार्बन भंडार: अपतटीय तेल एवं गैस भंडार ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदान करते हैं।
    उदाहरण के लिए: भारत में कृष्णा -गोदावरी बेसिन एक प्रमुख अपतटीय तेल एवं  गैस क्षेत्र है , जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • समुद्री आनुवंशिक संसाधन: समुद्री जीवों की अद्वितीय आनुवंशिक सामग्री जैव प्रौद्योगिकी एवं दवा उद्योगों के लिए मूल्यवान है, जो नवीन औषधियों  तथा   उपचारों के विकास में मदद करती है ।
    उदाहरण के लिए: भारत की वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) चिकित्सीय क्षमता से समृद्ध  जैव सक्रिय यौगिकों के लिए समुद्री जीवों की जैव-खोज में संलंग्न  है ।

महासागरीय संसाधनों के दोहन की सीमाएँ:

  • पर्यावरणीय प्रभाव: समुद्री संसाधनों का दोहन समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित कर सकता है , जिससे जैव विविधता के ह्रास के साथ  आवास का विनाश हो सकता है
    उदाहरण के लिए: अंतर्राष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण में चर्चा  के अनुसार, गहरे समुद्र में खनन से संवेदनशील समुद्री पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न  होता है, जिसके लिए सख्त  पर्यावरणीय आकलन की आवश्यकता होती है।
  • तकनीकी चुनौतियाँ: गहरे समुद्र के अन्वेषण एवं संसाधन निष्कर्षण के लिए तकनीकों का विकास एवं   उपयोग  जटिल एवं  महंगी होती हैं, जो प्रायः विद्यमान  क्षमताओं से अधिक होती हैं।
    उदाहरण के लिए: गहरे समुद्र में खनन के दौरान  अत्यधिक गहराई एवं  दबाव महत्वपूर्ण तकनीकी बाधाएँ प्रस्तुत करते हैं , जैसा कि खनन कंपनियों के समक्ष  उत्पन्न  चुनौतियों से पता चलता है।
  • आर्थिक व्यवहार्यता: समुद्री संसाधनों के दोहन से सम्बंधित उच्च लागत एवं  अनिश्चित रिटर्न निवेश एवं  विकास को हतोत्साहित कर सकते हैं
    उदाहरण के लिए: ग्रीनपीस जैसे अध्ययनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  गहरे समुद्र में खनन के आर्थिक लाभ इसमें किये गए व्यय  एवं  जोखिमों  के अनुकूल नहीं होते हैं।
  • विनियामक और कानूनी मुद्दे: व्यापक अंतरराष्ट्रीय विनियमनों की कमी तथा क्षेत्रीय विवादों की संभावना समुद्री संसाधनों के सतत प्रबंधन को जटिल बनाती है । उदाहरण के लिए: संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि  (UNCLOS) समुद्री संसाधनों को नियंत्रित करता है , लेकिन ISA वार्ता में देशों के मध्य असहमति प्रभावी विनियमन को बाधित करती है।
  • सामाजिक एवं नैतिक चिंताएँ: समुद्री संसाधनों का दोहन नैतिक मुद्दों को जन्म देता है, जिसमें स्वदेशी एवं  तटीय समुदायों के अधिकार एवं  लाभों का न्यायसंगत  वितरण जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं । उदाहरण के लिए: प्रशांत द्वीप देशों द्वारा गहरे समुद्र में खनन का विरोध स्थानीय समुदायों तथा पारिस्थितिकी तंत्र पर संभावित प्रभावों के संबंध  में चिंताओं को दर्शाता है ।

महासागरीय संसाधनों के दोहन की सीमाओं  को दूर करने के उपाय :

  • पर्यावरण विनियमन को मजबूत करना: मजबूत पर्यावरण विनियमन तथा प्रभाव आकलन को लागू करने से समुद्री संसाधनों के निष्कर्षण से होने वाले पारिस्थितिक क्षति  को कम किया जा सकता है ।
    उदाहरण के लिए: गहरे समुद्र में खनन के लिए बाध्यकारी नियम स्थापित करने के लिए ISA द्वारा किये जा रहे  प्रयासों का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी पद्धतियों  को सुनिश्चित करना है ।
  • तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करना : अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने से सतत  एवं कुशल संसाधन निष्कर्षण के लिए प्रौद्योगिकियों में सुधार हो सकता है ।
    उदाहरण के लिए: भारत के डीप ओशन मिशन में अन्वेषण तथा  खनन के लिए उन्नत अंडरवाटर प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए पहल शामिल हैं।
  • आर्थिक प्रोत्साहन बढ़ाना: वित्तीय प्रोत्साहन एवं सब्सिडी प्रदान करने से सतत  महासागरीय  संसाधन परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।
    उदाहरण के लिए: भारत सरकार की ब्लू इकोनॉमी नीति समुद्री क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करती है, जिससे आर्थिक विकास और स्थिरता को बढ़ावा मिलता है
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने से नियमों के सामंजस्य के साथ  सतत महासागर संसाधन प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सकता है।
    उदाहरण के लिए:  UNCLOS और ISA के तहत सहयोगात्मक प्रयास संसाधन निष्कर्षण के लिए एकीकृत दिशानिर्देशों के विकास को सुविधाजनक बनाते हैं।
  • नैतिक और समावेशी नीतियों को बढ़ावा देना: यह सुनिश्चित करना आवश्यक है की संसाधन निष्कर्षण के लाभों को समान रूप से साझा किया जाए तथा  स्थानीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा की जाए, जो सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है । उदाहरण के लिए:
    भारत की तटीय विकास परियोजनाओं में सामुदायिक सहभागिता एवं  लाभ-साझाकरण समझौतों का उद्देश्य निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में स्थानीय हितधारकों को सम्मिलित करना है ।

महासागर संसाधनों का दोहन अवसर एवं  चुनौतियाँ दोनों प्रस्तुत करता है । प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करते हुए   , विनियमों को मजबूत करके, एवं  अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा  नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देकर, हम महासागरीय संपदा का सतत एवं न्यायसंगत उपयोग प्राप्त कर सकते हैं । भविष्य के नवाचारों एवं  नीतियों को पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए, साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महासागर वैश्विक समृद्धि एवं  पारिस्थितिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण बने रहें ।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

 Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023.   Udaan-Prelims Wallah ( Static ) booklets 2024 released both in english and hindi : Download from Here!     Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF  Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing  , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz ,  4) PDF Downloads  UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

 Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023.   Udaan-Prelims Wallah ( Static ) booklets 2024 released both in english and hindi : Download from Here!     Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF  Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing  , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz ,  4) PDF Downloads  UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.