Q. ऊर्जा आयात पर भारत की अत्यधिक निर्भरता इसे भू-राजनीतिक जोखिमों के प्रति उजागर करती है। भारत की ऊर्जा संप्रभुता के समक्ष प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा कीजिए और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक रणनीति सुझाइए। (10 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • भारत की ऊर्जा संप्रभुता के समक्ष आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
  • दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति सुझाइये।

उत्तर

भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए अत्यधिक आयात-निर्भर है—कच्चे तेल का 85% से अधिक तथा प्राकृतिक गैस का 50% से अधिक आयात करता है, जिस पर वित्तीय वर्ष 2023–24 में लगभग 170 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यय हुआ। यह परिदृश्य ऊर्जा सुरक्षा को एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भू-राजनीतिक और आर्थिक चिंता बना देता है। हाल के इजराइल–ईरान तनाव (वर्ष 2025) तथा कच्चे तेल की आपूर्ति में रूस की प्रभुत्वपूर्ण भूमिका आपूर्ति शृंखलाओं, विदेशी मुद्रा स्थिरता और रणनीतिक स्वायत्तता में भारत की संवेदनशीलताओं को उजागर करती है।

भारत की ऊर्जा संप्रभुता के लिए प्रमुख चुनौतियाँ

  • आयात पर अत्यधिक निर्भरता: कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के आयात पर अत्यधिक निर्भरता भारत को बाहरी आपूर्ति और मूल्य झटकों के प्रति संवेदनशील बनाती है।
  • आपूर्ति क्षेत्रों में भू-राजनीतिक अस्थिरता: संघर्ष-प्रवण पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन तनाव से आपूर्ति निरंतरता को खतरा है।
    • उदाहरण के लिए: इजराइल–ईरान के निकट-संघर्ष (वर्ष 2025) से प्रतिदिन 2 करोड़ बैरल तेल की आपूर्ति बाधित होने का जोखिम उत्पन्न हुआ।
  • स्रोतों का संकेन्द्रण: कुछ गिने-चुने साझेदारों पर अत्यधिक निर्भरता राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाती है।
    • उदाहरण के लिए: कुछ गिने-चुने साझेदारों पर अत्यधिक निर्भरता राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाती है।
  • अपर्याप्त सामरिक पेट्रोलियम भंडार (SPR): सीमित भंडार वैश्विक आपूर्ति व्यवधानों के दौरान प्रत्यास्थता को कम कर देते हैं।
  • अनिश्चित वैश्विक ऊर्जा संक्रमण: जीवाश्म ईंधनों की खोज में घटता निवेश और बढ़ती माँग आपूर्ति संकट उत्पन्न करते हैं।
    • उदाहरण के लिए: आज भी वैश्विक ऊर्जा की लगभग 80% आवश्यकता जीवाश्म ईंधनों से पूरी होती है, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 10% से भी कम है।

दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति

  • ऊर्जा स्रोतों एवं भागीदारों का विविधीकरण: पश्चिम एशिया और रूस से परे अफ्रीका, अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों से आपूर्ति बढ़ाई जानी चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: भारत ने हाल के वर्षों में पश्चिम एशिया  पर निर्भरता 60% से घटाकर 45% से कम कर दी है।
  • कोयला गैसीकरण और स्वदेशी ऊर्जा का दोहन: भारत के 150+ अरब टन कोयले का गैसीकरण एवं कार्बन कैप्चर तकनीक के साथ उपयोग किया जाना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: उर्वरक आयात निर्भरता घटाने हेतु सिनगैस और मेथेनाल परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं।
  • जैव ईंधन का विस्तार एवं ग्रामीण सशक्तिकरण: SATAT योजना के माध्यम से इथेनॉल मिश्रण (E20) और संपीड़ित बायोगैस (CBG) का विस्तार करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: इथेनॉल सम्मिश्रण से कच्चे तेल के आयात बिल में 92,000 करोड़ रुपये की बचत हुई।
  • परमाणु ऊर्जा एवं थोरियम रोडमैप में तेजी लाना: लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) विकसित करने चाहिए और यूरेनियम साझेदारी को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: भारत का लक्ष्य वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 100 GW तक विस्तारित करना है।
  • हरित हाइड्रोजन नेतृत्व: वर्ष 2030 तक 5 MMT के लिए इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण, भंडारण और उत्प्रेरक में निवेश करना चाहिए।
    • उदाहरण: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य हाइड्रोजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
  • रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार और मुद्रा हेजिंग का विस्तार: SPR क्षमता बढ़ाकर कम से कम 30–45 दिनों के आयात को कवर किया जाना‌ चाहिये, जो वर्तमान में केवल 9–10 दिनों का है।
    • उदाहरण के लिए: चंडीखोल और पादुर साइट के लिए चरण-II SPR विस्तार की योजना बनाई गई है।

निष्कर्ष

भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना, रणनीतिक भंडार का विस्तार करना, जैव ईंधन, परमाणु और हरित हाइड्रोजन जैसे स्वदेशी स्रोतों को बढ़ावा देना तथा प्रत्यास्थ और आत्मनिर्भर ऊर्जा स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय ऊर्जा कॉरिडोर को बढ़ाना आवश्यक है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.