Q. मानव प्रतिरक्षा प्रणाली की समझ को पुनर्परिभाषित करने में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में वर्ष 2025 के नोबेल पुरस्कार के महत्त्व पर चर्चा कीजिए। FOXP3 और नियामक टी कोशिकाओं (Tregs) से संबंधित खोजों ने स्वप्रतिरक्षी रोगों, प्रत्यारोपण और कैंसर चिकित्सा के प्रति दृष्टिकोण को कैसे परिवर्तित किया है। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • वर्ष 2025 के नोबेल पुरस्कार का महत्त्व 
  • चिकित्सा पद्धतियों पर परिवर्तनकारी प्रभाव

उत्तर

वर्ष 2025 का फिजियोलॉजी या मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मेरी ई. ब्रंकौ, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन साकागुची को प्रदान किया गया है। इन वैज्ञानिकों की FOXP3 जीन और नियामक टी-कोशिकाओं की खोज ने यह स्पष्ट किया कि प्रतिरक्षा तंत्र शरीर की स्व- सहनशीलता कैसे बनाए रखता है। इस खोज ने प्रतिरक्षा विज्ञान की मूलभूत समझ को बदल दिया और स्व-प्रतिरक्षा रोगों (Autoimmune Diseases), अंग प्रत्यारोपण तथा कैंसर के लिए उपचारात्मक क्रांति  का मार्ग प्रशस्त किया।

वर्ष 2025 के नोबेल पुरस्कार का महत्त्व

  •  प्रतिरक्षा स्व-सहनशीलता के तंत्र का अनावरण: शरीर “स्व” और “पराए” के बीच अंतर कर पाता है, जिससे प्रतिरक्षा कोशिकाएँ स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण नहीं करतीं।
    • उदाहरण: शिमोन साकागुची ने वर्ष 1995 में Tregs कोशिकाओं की पहचान की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ये कोशिकाएँ अत्यधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को दबाती हैं और स्व-प्रतिरक्षा विकारों की जड़ को समझने में सहायता करती हैं।
  • FOXP3 जीन की पहचान एक मुख्य नियामक के रूप में:  FOXP3 को Tregs के विकास और कार्य को नियंत्रित करने वाला प्रमुख ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर पाया गया।
    • उदाहरण: मेरी ब्रंकौ और फ्रेड रैम्सडेल ने स्कर्फी माउस में FOXP3 उत्परिवर्तन (Mutation) को प्रतिरक्षा विफलता से जोड़ा, जिससे सिद्ध हुआ कि जीन दोष स्व-प्रतिरक्षा उत्पन्न कर सकते हैं।
  • प्रतिरक्षा की पारंपरिक धारणा में परिवर्तन: पहले प्रतिरक्षा को केवल “रक्षात्मक” प्रणाली माना  जाता था, किंतु अब यह समझा गया कि नियमन और संयम भी उतने ही महत्त्वपूर्ण हैं।
    • उदाहरण: Tregs की भूमिका को समझने से यह धारणा बनी कि प्रतिरक्षा स्वास्थ्य का अर्थ केवल आक्रमण नहीं, बल्कि संतुलन भी है।
  • परिधीय प्रतिरक्षा नियमन की भूमिका: प्राथमिक प्रतिरक्षा अंगों के बाहर भी सहनशीलता बनाए रखने में नियमन महत्त्वपूर्ण होता है।
    • उदाहरण: अध्ययनों से पता चला कि Tregs म्यूकोसल ऊतकों (जैसे आँत और फेफड़े) में संतुलन बनाए रखते हैं और सूजन (Inflammation) को रोकते हैं।
  • आनुवंशिक उत्परिवर्तन और प्रतिरक्षा विकारों के बीच संबंध: FOXP3 में दोषों को गंभीर प्रतिरक्षा असंतुलन से जोड़ा गया।
    • उदाहरण: IPEX सिंड्रोम पर अनुसंधान से यह सिद्ध हुआ कि एकल-जीन दोष प्रतिरक्षा सहनशीलता (Immune Tolerance) को ध्वस्त कर सकता है।

चिकित्सा क्षेत्र पर परिवर्तनकारी प्रभाव

  • स्व-प्रतिरक्षा रोग प्रबंधन: अब उपचार का लक्ष्य Tregs कार्य को पुनर्स्थापित या बढ़ाना है ताकि शरीर अपनी ही कोशिकाओं को नष्ट न करे।
    • उदाहरण: टाइप-1 डायबिटीज और मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लिए Tregs आधारित उपचार प्रतिरक्षा संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित हैं।
  • अंग प्रत्यारोपण सहनशीलता: Tregs का उपयोग ग्राफ्ट अस्वीकृति को रोकने के लिए किया जा सकता है, जिससे प्रतिरक्षा तंत्र को विदेशी अंगों को स्वीकार करने के लिए “सीखा” जा सके।
    • उदाहरण: गुर्दा और यकृत प्रत्यारोपण के बाद आजीवन इम्यूनोसप्रेसेंट्स की निर्भरता को कम करने हेतु रोगी-उत्पन्न Tregs (Patient-derived Tregs) के नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं।
  • कैंसर इम्यूनोथेरेपी: चूंकि Tregs ट्यूमर को प्रतिरक्षा हमले से बचा सकती हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाना या नियंत्रित करना कैंसर विरोधी उपचारों की प्रभावशीलता बढ़ाता है।
    • उदाहरण: FOXP3 इनहिबिटर्स विकसित किए जा रहे हैं ताकि ट्यूमर-संरक्षक Tregs को सीमित किया जा सके और चेकपॉइंट इनहिबिटर थैरेपीज के परिणाम सुधारे जा सकें।
  • सटीक प्रतिरक्षा निगरानी: Tregs जीव विज्ञान की समझ से लक्षित निगरानी और व्यक्तिगत उपचार रणनीतियाँ विकसित हुई हैं।
    • उदाहरण: FOXP3+ Tregs को ट्रैक करने वाले बायोमार्कर परीक्षण अब ल्यूपस रोगियों में स्व-प्रतिरक्षा पूर्वानुमान के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
  • प्रतिरक्षा-संतुलनकारी जैव औषधियों का विकास:  नए उपचार अब व्यापक प्रतिरक्षा दमन के बजाय संतुलित प्रतिरक्षा नियंत्रण (Immune Modulation) पर केंद्रित हैं।
    • उदाहरण: इंजीनियर्ड Treg कोशिका उपचार (Engineered Treg Cell Therapy) का परीक्षण अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant) में ग्राफ्ट-विरुद्ध-होस्ट रोग (GVHD) को रोकने के लिए किया जा रहा है।

निष्कर्ष

FOXP3 और Tregs जीवविज्ञान की व्याख्या कर नोबेल विजेताओं ने आणविक आनुवंशिकी और नैदानिक प्रतिरक्षा विज्ञान के बीच की खाई को कम कर दिया है। इनकी खोजों ने यह दृष्टिकोण बदल दिया कि प्रतिरक्षा प्रणाली केवल युद्ध नहीं, बल्कि संतुलन और विनियमन का भी प्रतीक है।
यह कार्य सटीक चिकित्सा (Precision Medicine) की दिशा में मार्ग प्रशस्त करता है, जो स्व-प्रतिरक्षा, प्रत्यारोपण और कैंसर चिकित्सा में रक्षा, सहनशीलता और पुनर्स्थापन के बीच संतुलन स्थापित करता है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.