प्रश्न की मुख्य माँग
- सिक्किम के भारत में एकीकरण की समयरेखा पर चर्चा कीजिए।
- चर्चा कीजिए कि भारत ने किस तरह से सिक्किम की अनूठी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को राजनीतिक एकीकरण के साथ संतुलित किया है।
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उत्तर
सिक्किम, भारत के साथ एकीकरण के 50 वर्ष पूरे कर चुका है, इसकी यात्रा राजनीतिक एकता, आर्थिक विकास एवं सांस्कृतिक संरक्षण के बीच संतुलन बनाने के प्रयासों को उजागर करती है। इस संतुलन का मूल्यांकन विरासत का सम्मान करते हुए विकास के प्रबंधन पर प्रकाश डालता है।
सिक्किम का भारत में एकीकरण
- वर्ष 1817 में तितालिया की संधि (Treaty of Titalia) ने ब्रिटिश अधिकारियों को सिक्किम में कई वाणिज्यिक एवं राजनीतिक लाभ दिए।
- तुमलोंग की संधि (मार्च 1861): सिक्किम ब्रिटिश संरक्षित राज्य बन गया, जिसमें चोग्याल ने आंतरिक अधिकार बनाए रखा, जबकि ब्रिटेन ने अपने बाहरी संबंधों का प्रबंधन किया।
- भारत-सिक्किम संधि (5 दिसंबर, 1950): पिछले समझौतों को समाप्त कर दिया गया क्योंकि भारत ने रक्षा, विदेशी मामलों एवं संचार को अपने अधिकार में ले लिया, जिससे सिक्किम को आंतरिक प्रशासनिक स्वायत्तता मिल गई।
- त्रिपक्षीय समझौता (8 मई, 1973): चोग्याल, भारत सरकार एवं प्रमुख सिक्किमी दलों ने लोकतांत्रिक सुधारों तथा शाही शक्तियों पर अंकुश लगाते हुए चुनावों की निगरानी करने पर सहमति व्यक्त की।
- संविधान (35वाँ संशोधन) अधिनियम, 1974: अनुच्छेद-2A एवं एक नई अनुसूची ने सिक्किम को औपचारिक रूप से संघ से जोड़ा, उसे संसदीय सीटें प्रदान कीं तथा उसकी विधायिका को एकीकृत किया।
- जनमत संग्रह एवं संविधान (36वाँ संशोधन) अधिनियम, 1975: 14 अप्रैल, 1975 को 97% से अधिक लोगों ने राजशाही को समाप्त करने के लिए मतदान किया एवं 16 मई, 1975 को सिक्किम को भारत के 22वें राज्य के रूप में स्वीकार किया गया।
भारत ने सिक्किम की अनूठी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं राजनीतिक एकीकरण के बीच किस तरह संतुलन बनाया है
- अनुच्छेद-371F के तहत संवैधानिक उपाय: सिक्किम के मौजूदा कानूनों को जारी रखना तथा विशिष्ट पहचान और सांस्कृतिक प्रथाओं की रक्षा के लिए राज्यपाल के लिए विशेष प्रावधान करना।
- उदाहरण: अनुच्छेद-371F गारंटी देता है कि कोई भी नया राज्य कानून भूटिया एवं लेप्चा समुदायों के भूमि-स्वामित्व नियमों को रद्द नहीं कर सकता है।
- भूमि एवं जनजातीय अधिकारों की सुरक्षा: भूटिया एवं लेप्चा को अनुसूचित जनजाति के रूप में नामित किया गया, जिससे उनकी पारंपरिक भू-स्वामित्व प्रणाली तथा राजनीतिक स्थिति सुरक्षित रहेगी।
- आधिकारिक बहुभाषावाद: नेपाली, सिक्किमी (भूटिया), लेप्चा एवं अंग्रेजी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता, साथ ही ‘संस्कृति तथा परंपरा के संरक्षण के लिए’ आठ अतिरिक्त क्षेत्रीय भाषाओं को मान्यता।
- उदाहरण: सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम में ग्रेड 1 से लेप्चा भाषा की कक्षाएँ शामिल हैं, वर्ष 2018 एवं वर्ष 2024 के बीच पाठ्यपुस्तकों की छपाई में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- आरक्षित राजनीतिक प्रतिनिधित्व: भूटिया-लेप्चा समुदाय के लिए 40 में से 16 विधानसभा सीटें अलग रखी गई हैं।
- पारंपरिक त्योहारों का राज्य प्रायोजित प्रचार: वार्षिक पर्यटन महोत्सव के तहत बुमचू, पंग ल्हबसोल एवं लोसार को आधिकारिक पर्यटन कैलेंडर में शामिल करना।
भारत ने सिक्किम की अनूठी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं आर्थिक विकास के बीच किस तरह संतुलन बनाया है
- पर्यटन आधारित विकास विरासत में निहित है: पिछले एक दशक में, सिक्किम में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो वर्ष 2013 में 5,76,749 से बढ़कर वर्ष 2023 में 16,25,573 हो गई है।
- जैविक कृषि में अग्रणी: सिक्किम ने सिक्किम ऑर्गेनिक मिशन के माध्यम से अपने 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर 100 प्रतिशत जैविक प्रमाणन हासिल किया।
- मजबूत प्रति व्यक्ति आर्थिक संकेतक: सिक्किम की वास्तविक जीएसडीपी वर्ष 2012-13 से वर्ष 2021-22 की अवधि के दौरान 6.4 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ी है, जो राष्ट्रीय औसत वृद्धि 5.6 प्रतिशत से अधिक है।
- पर्यावरण एवं समाज को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ: मेली-डेंटम रेल सर्वेक्षण जैसी परियोजनाओं में सांस्कृतिक परिदृश्यों का सम्मान करने के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन तथा सामुदायिक परामर्श शामिल हैं।
- उदाहरण: वर्ष 2024 में रंगपो-सेवोक लाइन सर्वेक्षण के दौरान, स्थानीय विरोध के बाद इंजीनियरों ने पवित्र लेप्चा दफन भूमि से बचने के लिए खंडों का मार्ग बदल दिया।
- इकोटूरिज्म एवं हेरिटेज शिल्प का विकास: समुदाय द्वारा संचालित इको लॉज एवं मठ के होमस्टे के लिए समर्थन पर्यटन राजस्व को सीधे सांस्कृतिक संरक्षकों के हाथों में पहुँचाता है।
- उदाहरण: लेप्चा परिवारों द्वारा प्रबंधित जोंगू होमस्टे सर्किट (Dzongu Homestay Circuit) ने वर्ष 2023 में हजारों से अधिक मेहमानों का स्वागत किया।
सिक्किम की यात्रा राजनीतिक एकीकरण, आर्थिक विकास एवं सांस्कृतिक संरक्षण में सामंजस्य स्थापित करने के भारत के प्रयासों को दर्शाती है। हालाँकि, स्थानीय परंपराओं, सतत् पर्यटन तथा समावेशी नीतियों को सशक्त बनाने पर निरंतर ध्यान देना आवश्यक है। इस संतुलन को जारी रखते हुए, सिक्किम विविधता में एकता का एक मॉडल बना रह सकता है।
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