प्रश्न की मुख्य माँग
- आईटी उद्योग में छंटनी की प्रवृत्ति के पीछे क्या कारण हैं?
- रोजगार की सुरक्षा के लिए सुझावात्मक उपाय।
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उत्तर
TCS की रिकॉर्ड 20,000 नौकरियों की कटौती भारत के आईटी सेक्टर में एक बड़े संरचनात्मक परिवर्तन को दर्शाती है। यह “साइलेंट लेऑफ्स” का दौर पारंपरिक आउटसोर्सिंग मॉडल से हटकर AI-आधारित डिजिटल संचालन की ओर संक्रमण को दर्शाता है। ऐसे में, रोजगार सुरक्षा और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व बनाए रखने के लिए अनुकूलन आवश्यक हो गया है।
इस प्रवृत्ति के प्रमुख कारण
- AI-आधारित स्वचालन: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एजेंटिक सिस्टम अब दोहराए जाने वाले कोडिंग, टेस्टिंग, और कोऑर्डिनेशन कार्यों को स्वचालित कर रहे हैं, जिससे मानव श्रम की आवश्यकता घट रही है।
- उदाहरण: TCS और इन्फोसिस ने SAP ECC प्रबंधन जैसे नियमित संचालन में AI उपकरणों के उपयोग से मिड-लेवल भूमिकाओं को कम किया है।
- “वॉल्यूम” से “वैल्यू” मॉडल की ओर परिवर्तन: बड़े पैमाने पर हायरिंग वाले आउटसोर्सिंग मॉडल की जगह अब स्पेशलाइज्ड सॉल्यूशन-बेस्ड डिलीवरी सिस्टम्स ले रहे हैं।
- कौशल अप्रचलन और असंगति: पुरानी तकनीकों में प्रशिक्षित मिड-कॅरियर पेशेवर AI, डेटा एनालिटिक्स, और क्लाउड प्लेटफॉर्म्स के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं।
- वैश्विक आर्थिक और नीतिगत दबाव: अमेरिका और यूरोप में IT बजट की कटौती, H-1B वीजा शुल्क वृद्धि और व्यापार संरक्षणवाद ने कंपनियों को विदेशी बाजारों में स्थानीय नियुक्तियों की ओर प्रेरित किया है।
- उदाहरण: वीजा शुल्क बढ़ने से भारतीय इंजीनियरों की ऑन-साइट तैनाती अर्थिक रूप से अव्यावहारिक हो गई है।
- कॉरपोरेट लागत अनुकूलन: कंपनियाँ प्रबंधन स्तरों में कटौती कर परिचालन लागत घटा रही हैं ताकि घटती वैश्विक माँग और लाभ के बीच प्रतिस्पर्द्धी बनी रहें।
- उदाहरण: TCS ने 3.2% कार्यबल में कमी की, विशेषकर मध्य प्रबंधन में, जिससे संचालन दक्षता बढ़ी।
रोजगार की सुरक्षा के उपाय
- व्यापक AI और डिजिटल अपस्किलिंग: कर्मचारियों को लगातार AI, डेटा साइंस और क्लाउड कंप्यूटिंग में प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे उद्योग में प्रासंगिक बने रहें।
- उदाहरण: TCS ने 5.5 लाख कर्मचारियों को बेसिक AI और 1 लाख को एडवांस्ड AI प्रशिक्षण दिया यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा सकता है।
- तकनीकी शिक्षा में पाठ्यक्रम सुधार: इंजीनियरिंग कॉलेजों को AI एथिक्स, प्रोडक्ट थिंकिंग, और सॉफ्ट स्किल्स जैसे कोर्स शामिल करने चाहिए।
- उदाहरण: सरकार और AICTE इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत भविष्य की तकनीकों से जोड़ सकते हैं।
- सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत करना: अनिवार्य सेवरेंस पैकेज, पुनःप्रशिक्षण सब्सिडी, और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन प्रदान कर लैड-ऑफ पेशेवरों को सुरक्षा दी जाए।
- पब्लिक–प्राइवेट रिस्किलिंग भागीदारी: उद्योग और एड-टेक कंपनियों के सहयोग से बड़े पैमाने पर AI प्रशिक्षण मिशन शुरू किए जाएँ, विशेष रूप से डिजिटल इंडिया के अंतर्गत।
- प्रोडक्ट इनोवेशन और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देना: डीप-टेक उद्यमिता और AI आधारित प्रोडक्ट विकास को प्रोत्साहित कर सेवा क्षेत्र से आगे रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएँ।
- उदाहरण: AI स्टार्ट-अप्स और इनोवेशन हब्स के लिए समर्थन से उच्च-मूल्य वाले रोजगार सृजित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
भारत के आईटी सेक्टर में यह छँटनी का दौर मैनपॉवर आधारित मॉडल से नवाचार आधारित मॉडल की ओर परिवर्तन को दर्शाता है। रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रिस्किलिंग, सामाजिक सुरक्षा, और नवाचार पर समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। समय पर अनुकूलन के साथ, भारत का आईटी क्षेत्र वैश्विक डिजिटल युग में और भी मजबूत होकर उभर सकता है।
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