Q. चर्चा कीजिए कि रतन टाटा की नेतृत्व शैली कॉर्पोरेट जगत में ईमानदारी और नैतिक निर्णय लेने का उदाहरण कैसे प्रस्तुत करती है। टाटा समूह में उनके कार्यकाल के उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए। (10 अंक 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • उदाहरण सहित चर्चा कीजिए कि किस प्रकार रतन टाटा की नेतृत्व शैली कॉर्पोरेट जगत में ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
  • उदाहरणों के साथ परीक्षण कीजिए कि रतन टाटा की नेतृत्व शैली कॉर्पोरेट जगत में नैतिक निर्णय लेने का उदाहरण कैसे प्रस्तुत करती है।

 

उत्तर:

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा  को उनके नैतिक नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने सत्यनिष्ठा, करुणा और परोपकारिता जैसे गुणों पर ध्यान बनाए रखते हुए वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार किया। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में उनके योगदान ने लाखों लोगों के जीवन को परिवर्तित दिया जिससे वे कॉर्पोरेट नैतिकता और धारणीय व्यावसायिक प्रथाओं के प्रतीक बन गए हैं ।

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सत्यनिष्ठा के उदाहरण के रूप में रतन टाटा  की नेतृत्व शैली 

  • कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता: रतन टाटा ने सदैव अपने कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता दी, जिससे उनकी गहन सत्यनिष्ठा का पता चलता है। 
    • उदाहरण के लिए: 26/11 मुंबई हमले के बाद, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और यह सुनिश्चित किया कि उनकी जरूरतें पूरी हों। ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट के गठन ने इस त्रासदी से प्रभावित कर्मचारियों की सहायता की।
  • नैतिकता से समझौता करने से इनकार: रतन टाटा को, व्यावसायिक नुकसान की कीमत पर भी भ्रष्ट आचरण में शामिल होने से इनकार करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई ऐसी अंतरराष्ट्रीय बोलियों से खुद को अलग कर लिया, जहां अनैतिक व्यवहार की संभावना जताई गई थी। 
    • उदाहरण के लिए: इंडोनेशियाई भ्रष्टाचार घोटाले में जब रतन टाटा से रिश्वत माँगी गई तो उन्होंने अनुबंध हासिल करने के लिए रिश्वत देने से इनकार कर दिया।
  • नेतृत्व में विनम्रता: रतन टाटा ने विनम्रता का परिचय देते हुए अपना करियर टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम करके शुरू किया। कर्मचारियों के सम्मुख आने वाली चुनौतियों को समझना, उनके नेतृत्व शैली की एक खास विशेषता थी। 
    • उदाहरण के लिए: उन्होंने जमीनी स्तर का अनुभव प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों के साथ मिलकर व्यक्तिगत रूप से काम किया, जिससे उनके साथ उनका रिश्ता मजबूत हुआ।
  • निर्णय लेने में पारदर्शिता: रतन टाटा ने सदैव अपने व्यवसाय संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित की, कभी भी हितधारकों या निवेशकों को गुमराह नहीं किया। उनके नेतृत्व ने कंपनी के अंदर और बाहर, विश्वास का निर्माण करते हुए खुले संचार पर जोर दिया । 
    • उदाहरण के लिए: टाटा समूह की आचार संहिता (Code of Conduct ) कॉर्पोरेट जगत की सबसे सम्मानित आचार संहिता है, जो नैतिक पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
  • राष्ट्रीय संकट के दौरान सहायता: रतन टाटा का नेतृत्व व्यवसाय से परे था, जो समाज के प्रति उनके नैतिक दायित्व को दर्शाता है। कई बार संकट के दौरान उन्होंने राष्ट्र की सहायता भी की। 
    • उदाहरण के लिए: टाटा मोटर्स ने कॉर्पोरेट जिम्मेदारी दर्शाते हुए वर्ष 1984 के दंगों के दौरान अपनी आजीविका खो चुके सिख ड्राइवरों को नए ट्रक उपलब्ध कराए ।
  • समुदायों के प्रति समानुभूति: आपदाओं से प्रभावित समुदायों के प्रति रतन टाटा की गहन सहानुभूति, उनके परोपकारी कार्यों में स्पष्ट रूप से झलकती है। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने, समाज कल्याण में सुधार की विभिन्न पहलों की शुरुआत की। 
    • उदाहरण के लिए: उन्होंने बाढ़ और भूकंप के दौरान महत्त्वपूर्ण आपदा राहत प्रयासों का नेतृत्व किया और जरूरतमंद लोगों को सहायता और पुनर्वास की सुविधा प्रदान की।
  • ग्राहक का विश्वास पाना : रतन टाटा का मानना था कि विश्वास किसी भी व्यवसाय की नींव है। ग्राहक संबंधों में सत्यनिष्ठा पर बल देकर उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि टाटा के उत्पाद और सेवाएँ उनकी विश्वसनीयता के लिए जानी जायें। 
    • उदाहरण के लिए: उनके नेतृत्व में, टाटा मोटर्स ने आम आदमी की सेवा करने के उद्देश्य से टाटा नैनो जैसी सुरक्षित और सस्ती कारों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया ।

नैतिक निर्णय लेने का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, रतन टाटा की नेतृत्व शैली 

  • रिश्वत देने से इनकार: रतन टाटा कार्पोरेट जगत में, व्यावसायिक लाभ को दरकिनार करते हुए भ्रष्ट प्रथाओं में शामिल होने से इनकार करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय सौदों में रिश्वत देने से खुले तौर पर इनकार किया और अपने नैतिक मानकों पर टिके रहने का विकल्प चुना।
    • उदाहरण के लिए: अनुबंध प्राप्त करने के लिए भारी दबाव होने के बावजूद, एयर इंडिया विमान सौदे में उन्होंने रिश्वत देने से इनकार कर दिया ।
  • कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR): CSR, रतन टाटा की नेतृत्व शैली का एक अभिन्न अंग था। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि टाटा कंपनियाँ सिर्फ लाभ के लिए नहीं बल्कि सामाजिक लाभ के लिए भी कार्य करती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट का विस्तार हुआ, जिसने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया ।
  • शेयरधारक हितों की सुरक्षा: रतन टाटा ने हमेशा शेयरधारक हितों को प्राथमिकता दी और ऐसे निर्णय लिए जो नैतिक आचरण और लाभप्रदता के बीच संतुलन बनाए रखते थे। उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण ने सदैव संधारणीय और नैतिक विकास सुनिश्चित किया। 
    • उदाहरण के लिए: टाटा समूह के तंबाकू व्यवसाय से बाहर रहने के निर्णय ने इस समूह की नैतिक एवं सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया है।
  • निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता: रतन टाटा निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं में विश्वास रखते थे और वे सदैव यह प्रयास करते थे कि कि टाटा कंपनियाँ कभी भी आपूर्तिकर्ताओं या भागीदारों का शोषण न करें। वो सभी हितधारकों के साथ समान संबंध बनाए रखने का प्रयास करते थे।
    • उदाहरण के लिए: टाटा टी (Tata Tea) के नेतृत्व में, टाटा कंपनी ने कई निष्पक्ष-व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा दिया जिससे यह सुनिश्चित होता था कि किसानों को उचित भुगतान किया जाए।
  • संधारणीयता पर ध्यान: पर्यावरणीय संधारणीयता के संबंध में नैतिक निर्णय लेना, रतन टाटा की नीतियों का केंद्र बिंदु था। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं और संधारणीय पहलों में पर्याप्त निवेश किया। 
    • उदाहरण के लिए: भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हुए टाटा पावर ने सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया।
  • नियुक्ति और मानव संसाधन (HR)  प्रथाओं में नैतिकता: रतन टाटा ने यह सुनिश्चित किया कि टाटा समूह की कंपनियाँ नैतिक नियुक्ति अभ्यासों का पालन करें तथा विविधता, समावेशन और योग्यता-आधारित भर्ती को बढ़ावा दें। 
    • उदाहरण के लिए: टाटा समूह ने लैंगिक और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए समावेशी नियुक्ति नीतियों को लागू किया जो नैतिक कार्यबल प्रबंधन का एक उपयुक्त उदाहरण है।

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रतन टाटा जी की नेतृत्वशैली, कॉर्पोरेट जगत में सत्यनिष्ठा और नैतिक निर्णय लेने का एक अनुकरणीय उदाहरण है । अपने कार्यों के माध्यम से, उन्होंने प्रदर्शित किया कि नैतिकता या नैतिक मूल्यों से समझौता किए बिना व्यावसायिक सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी जीवनगाथा, भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को उनके निर्णय लेने में समानुभूति, ईमानदारी और सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करती रहेगी जिससे एक अधिक नैतिक कॉर्पोरेट परिदृश्य को आकार मिलेगा।

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