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उत्तर:
प्रश्न को हल कैसे करें?
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परिचय
ज्वालामुखीय प्रक्रियाएँ गतिशील भूवैज्ञानिक घटनाएँ हैं जो पिघली हुई चट्टान, राख और गैसों के विस्फोट के माध्यम से पृथ्वी की सतह को आकार देती हैं। ये प्रक्रियाएँ बाह्य और अंतर्वेधी दोनों प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण करती हैं। शंक्वाकार पहाड़ियों की तरह बाहरी भू-आकृतियाँ पृथ्वी की सतह के बाहर बनती हैं, जबकि बैथोलिथ जैसी अंतर्वेधी भू–आकृतियाँ पृथ्वी की भू-पर्पटी के अंदर विकसित होती हैं।
मुख्य विषय-वस्तु
ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं से उभरने वाली अन्तर्वेधी भू–आकृतियाँ:
अंतर्वेधी भू-आकृतियाँ वे संरचनाएँ होती हैं, जो पृथ्वी की सतह के नीचे मैग्मा के जमने से बनती हैं। वे विभिन्न आकार और आकृति ले सकते हैं, प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं हैं। ऐसे विभिन्न भू-आकृतियों को इस प्रकार समझा जा सकता है:
निष्कर्ष
ज्वालामुखी प्रक्रियाओं से उत्पन्न होने वाले इस असंख्य अंतर्वेधी भू-आकृतियों को समझने से न केवल किसी क्षेत्र के भूवैज्ञानिक इतिहास की जानकारी मिलती है, बल्कि भूविज्ञान, खनिज अन्वेषण और यहां तक कि भूतापीय ऊर्जा उत्पादन सहित विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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