Q. भारत के परिवहन क्षेत्र में आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine- ICE) से चलने वाले वाहनों का प्रभुत्व जारी रहने के साथ, अप्रत्यक्ष कर नीति का उपयोग किस प्रकार निर्माताओं और उपभोक्ताओं को कम उत्सर्जन वाली तकनीकों की ओर प्रेरित करने के लिए किया जा सकता है, इसका परीक्षण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • अप्रत्यक्ष कर नीति किस प्रकार आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहन निर्माताओं को कम उत्सर्जन वाली तकनीकों की ओर प्रेरित कर सकती है।
  • अप्रत्यक्ष कर नीति किस प्रकार आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहन उपभोक्ताओं को कम उत्सर्जन वाले विकल्पों की ओर निर्देशित कर सकती है।

उत्तर

दहन इंजन (ICE) वाहन, जो ईंधन दहन से संचालित होते हैं, भारत के परिवहन क्षेत्र पर हावी हैं और उत्सर्जन में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं। वर्तमान GST सुधार कार्बन उत्सर्जन के बजाय इंजन के आकार और लंबाई पर केंद्रित हैं। उत्सर्जन-आधारित कराधान निर्माताओं को स्वच्छ तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है और उपभोक्ताओं को कम उत्सर्जन वाले वाहनों की ओर प्रेरित कर सकता है, जिससे भारत के जलवायु और स्थिरता लक्ष्यों को बल मिलेगा।

कैसे अप्रत्यक्ष कर नीति ICE वाहन निर्माताओं को कम-उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों की ओर प्रेरित कर सकती है

  • उत्सर्जन-लिंक्ड GST दरें: कर दरें वाहन के कार्बन उत्सर्जन के आधार पर संरचित की जा सकती हैं, जिससे निर्माता स्वच्छ वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
    • उदाहरण: फ्राँस की वर्ष 2008 की उत्सर्जन-लिंक्ड शुल्क संरचना ने नई यात्री कार फ्लीट में 9g/km की कमी लाई।
  • निर्माताओं के लिए फीबेट (Feebate) प्रोत्साहन: उच्च-उत्सर्जन वाहनों पर अधिक कर लगाने से प्राप्त राशि का उपयोग कम-उत्सर्जन वाहनों के उत्पादन हेतु छूट या कर क्रेडिट देने में किया जा सकता है, जिससे नवाचार के लिए प्रेरणा मिलेगी।
    • उदाहरण: स्वीडन की वर्ष 2018 की बोनस-मैलस प्रणाली (Bonus-malus system) ने ऑटोमेकरों को इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया, जिससे EV पंजीकरण में वृद्धि हुई।
  • निवेश-लिंक्ड कर प्रोत्साहन: कम-उत्सर्जन प्रौद्योगिकी R&D और उत्पादन में निवेश करने वाले निर्माताओं को कर कटौती या कर क्रेडिट दिया जा सकता है।
  • उत्सर्जन मानकों पर आधारित स्तरीकृत उत्पाद शुल्क: उन वाहनों पर अधिक उत्पाद शुल्क लगाना, जो निर्धारित उत्सर्जन सीमा से अधिक हैं, निर्माताओं को कठोर मानकों को पूरा करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
    • उदाहरण: नीदरलैंड की वर्ष 2005–2012 की कार्बन-आधारित वाहन कराधान प्रणाली ने नई कारों के उत्सर्जन में 6.3g/km की कमी लाई।
  • हरित उत्पादन प्रथाओं को प्रोत्साहन: कर नीतियाँ उन निर्माताओं को पुरस्कृत कर सकती हैं, जो सतत् उत्पादन प्रक्रियाएँ अपनाते हैं, जैसे असेंबली प्लांट्स में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग।

कैसे अप्रत्यक्ष कर नीति ICE वाहन उपभोक्ताओं को कम-उत्सर्जन विकल्पों की ओर मार्गदर्शित कर सकती है

  • कम-उत्सर्जन वाहनों पर कम GST: कम कार्बन उत्सर्जन वाले वाहनों पर कर दरें घटाने से वे अधिक किफायती होंगे और उपभोक्ता वरीयता बदलेगी।
    • उदाहरण: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% GST दर ने पहले ही EV को उच्च-उत्सर्जन ICE वाहनों की तुलना में अधिक आकर्षक बना दिया है।
  • उपभोक्ताओं के लिए फीबेट प्रणाली: उच्च-उत्सर्जन वाहन खरीदने वाले उपभोक्ता अधिक कर देंगे, जबकि कम-उत्सर्जन वाहन खरीदने वालों को कर से छूट मिलेगी, जिससे स्वच्छ विकल्प अपनाने के लिए वित्तीय प्रेरणा बनेगी।
  • हाइब्रिड और छोटे इंजन वाले वाहनों के लिए प्रोत्साहन: हाइब्रिड वाहनों या कम उत्सर्जन वाले ICE वाहनों पर कर में छूट उपभोक्ताओं को पर्यावरण-अनुकूल मॉडलों को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
  • कर नीति के माध्यम से दीर्घकालिक लागत बचत: अप्रत्यक्ष करों में कमी से कम-उत्सर्जन वाहनों की प्रारंभिक लागत घटेगी और उपभोक्ताओं को ईंधन व रखरखाव पर जीवनकाल में होने वाली बचत का लाभ दिखेगा।
  • कर भेदभाव के माध्यम से जन-जागरूकता: उच्च और निम्न उत्सर्जन वाले वाहनों के बीच स्पष्ट कर अंतर, पर्यावरणीय प्राथमिकताओं का संदेश देगा तथा उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करेगा।

निष्कर्ष

अप्रत्यक्ष कर नीति भारत के सतत् गतिशीलता की ओर संक्रमण को आर्थिक प्रोत्साहनों को पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ संरेखित करके संचालित कर सकती है। उत्सर्जन-आधारित कराधान, कम-उत्सर्जन वाहनों के लिए छूट और निर्माताओं को स्वच्छ प्रौद्योगिकियाँ अपनाने के लिए प्रोत्साहन उच्च-उत्सर्जन आंतरिक दहन इंजन (ICE)  वाहनों से परिवर्तन को तीव्र कर सकते हैं, जिससे भारत की दीर्घकालिक जलवायु प्रतिबद्धताओं को समर्थन मिलेगा।

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