Explore Our Affordable Courses

Click Here

Q. सर्वोच्च न्यायालय में मौजूदा लंबित मामलों(current backlog of cases) को देखते हुए इस मुद्दे के समाधान के लिए किए जाने वाले संरचनात्मक परिवर्तनों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक)

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • प्रस्तावना: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वर्तमान में 80,344 मामले लंबित हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  • मुख्य विषयवस्तु:
    • सीमित न्यायाधीशों, अपील की उच्च दर, जटिल कानूनी प्रक्रियाओं और कोविड 19 महामारी के कारण हुई देरी सहित बैकलॉग के कारणों का विवरण दीजिए।
    • संविधान पीठों की स्थापना, न्यायालय के कार्यों को विभाजित करना, क्षेत्रीय पीठों की शुरूआत और सुप्रीम कोर्ट के नियमों में सुधार सहित प्रस्तावित संरचनात्मक सुधारों की रूपरेखा तैयार कीजिए।
    • इन सुधारों को लागू करने की चुनौतियों और व्यवहार्यता पर चर्चा कीजिए।
  • निष्कर्ष: एक प्रासंगिक निष्कर्ष लिखिए।

 

प्रस्तावना:

भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वर्तमान में 80,344 से अधिक मामले लंबित हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

मुख्य विषयवस्तु:

सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामलों के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं:

  • न्यायाधीशों की सीमित संख्या: न्यायाधीशों की वर्तमान संख्या मामलों की संख्या को संभालने के लिए अपर्याप्त है।
  • अपील की उच्च दर: निचली अदालतों से बड़ी संख्या में अपीलें सर्वोच्च न्यायालय में जाती हैं जिससे लंबित प्रकरणों की संख्या में बढ़ोतरी होती हैं।
  • जटिल कानूनी प्रक्रियाएं: लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप अक्सर मामले की अवधि बढ़ जाती है।
  • महामारी-प्रेरित देरी: कोविड-19 महामारी के कारण मामले की सुनवाई और निर्णयों में अभूतपूर्व रूप से देरी हुई है।

न्यायिक दक्षता को पुनर्जीवित करना: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के लिए प्रस्तावित संरचनात्मक सुधार”

  • संविधान पीठ की स्थापना: हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सर्वोच्च न्यायालय की “स्थायी विशेषता” के रूप में अलग-अलग शक्तियों – पांच, सात और नौ न्यायाधीशों के साथ संविधान पीठ स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की जो लंबित मामलों को संबोधित करने और संवैधानिक मामलों को संभालने में प्रवीण हो सकता है।
  • न्यायालय के कार्यों को विभाजित करना: संवैधानिक मामलों और अपीलीय मुद्दों के लिए सर्वोच्च न्यायालय को प्रभागों में विभाजित करने का प्रस्ताव किया गया है, जो मामले के प्रबंधन को सुव्यवस्थित कर सकता है और विशिष्ट कानूनी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
  • क्षेत्रीय बेंचों की स्थापना: मामलों की संख्या को विकेंद्रीकृत करने और समाधान हेतु, क्षेत्रीय बेंचों की स्थापना की सिफारिश की गई है। इस दृष्टिकोण से देश भर में मामलों का अधिक न्यायसंगत वितरण हो सकता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय के नियमों में सुधार: इन संरचनात्मक परिवर्तनों को अनुच्छेद 145 के तहत सुप्रीम कोर्ट के नियमों में संशोधन के माध्यम से लागू किया जा सकता है, जो संवैधानिक संशोधनों की तुलना में कम बोझिल है, जिसके लिए केवल राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता होती है।

चुनौतियाँ और व्यवहार्यता:

इन संरचनात्मक सुधारों को लागू करने में करने में चुनौतियाँ हैं, जैसे संवैधानिक संशोधन और प्रशासनिक पुनर्गठन आदि। हालाँकि, अनुच्छेद 145 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के नियमों में संशोधन कर एक उपयुक्त विकल्प प्राप्त किया जा सकता है, जिसके लिए केवल राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष:

हालांकि इन सुधारों को लागू करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के लिए अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से पूरा करने और सभी भारतीयों के लिए इसके दरवाजे खुले होने के अपने वादे को बनाए रखने के लिए ये आवश्यक हैं। हालिया पहल और घोषणाएं सही दिशा में उठाए गए कदम हैं, लेकिन इन महत्वपूर्ण बदलावों को रेखांकित करने के लिए एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Download October 2024 Current Affairs.   Srijan 2025 Program (Prelims+Mains) !     Current Affairs Plus By Sumit Sir   UPSC Prelims2025 Test Series.    IDMP – Self Study Program 2025.

 

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Download October 2024 Current Affairs.   Srijan 2025 Program (Prelims+Mains) !     Current Affairs Plus By Sumit Sir   UPSC Prelims2025 Test Series.    IDMP – Self Study Program 2025.

 

Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.