प्रश्न की मुख्य माँग
- विभिन्न क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत को जिन रणनीतियों का अनुसरण करना चाहिए, उन पर चर्चा कीजिए।
- विभिन्न क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत को जिन रणनीतियों का अनुसरण करना चाहिए, उन पर प्रकाश डालिये।
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उत्तर:
भारत-अमेरिका संबंधों में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से कई क्षेत्रों में मजबूत रणनीतिक साझेदारी उजागर हुई है। वर्ष 2022 में व्यापार 191.8 बिलियन डॉलर को पार कर जाने के साथ, दोनों देशों ने रक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन पहलों पर सहयोग किया है। दोनों देशों का लक्ष्य राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव के बावजूद संबंधों को मजबूत करना है, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है ।
भारत-अमेरिका संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत को निम्नलिखित रणनीतियाँ अपनानी चाहिए
- आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देना: द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने से आर्थिक विकास और प्रत्यास्थता बढ़ सकती है। भारत को अमेरिकी बाजार तक पहुँच बढ़ाने के लिए अनुकूल व्यापार समझौतों पर वार्ता करनी चाहिए ।
- उदाहरण के लिए: वर्ष 2021 में फिर से सक्रिय हुए यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम का उद्देश्य व्यापार बाधाओं को दूर करना और नए आर्थिक अवसरों की खोज करना है।
- रक्षा सहयोग को मजबूत करना: संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित रक्षा सहयोग का विस्तार, सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक संरेखण को बढ़ा सकता है।
- उदाहरण के लिए: अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (DTTI) रक्षा अनुसंधान और उत्पादन में सहयोग की सुविधा प्रदान करती है।
- तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना: AI, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष अन्वेषण जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में साझेदारी नवाचार और आपसी विकास को बढ़ावा दे सकती है।
- उदाहरण के लिए: यूएस-इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पहल आपसी लाभ के लिए AI प्रौद्योगिकियों में संयुक्त अनुसंधान और विकास पर केंद्रित है।
- शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना: शैक्षिक साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने से लोगों के बीच संबंध मजबूत हो सकते हैं और आपसी समझ को बढ़ावा मिल सकता है ।
- उदाहरण के लिए: फुलब्राइट-नेहरू छात्रवृत्ति कार्यक्रम भारतीय और अमेरिकी रिसर्चस के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान के अवसर प्रदान करता है।
- जलवायु परिवर्तन पर सहयोग: स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु प्रत्यास्थता पर संयुक्त पहल, वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकती है और सतत विकास का समर्थन कर सकती है।
- उदाहरण के लिए: अमेरिका-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 भागीदारी का उद्देश्य उत्सर्जन को कम करने हेतु वित्त की व्यवस्था करना एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को लागू करना है।
भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत को निम्नलिखित रणनीतियाँ अपनानी चाहिए
- रणनीतिक वार्ता में भाग: नियमित रणनीतिक वार्ता, भू-राजनीतिक मुद्दों पर संरेखण सुनिश्चित कर सकती है और कूटनीतिक समन्वय को बढ़ा सकती है।
- उदाहरण के लिए: प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली यूएस -इंडिया रणनीतिक वार्ता प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर विचार करती है, तथा घनिष्ठ राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देती है।
- आतंकवाद विरोधी सहयोग का विस्तार करना: खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त आतंकवाद विरोधी प्रयासों को मजबूत करने से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बढ़ सकती है ।
- उदाहरण के लिए: अमेरिका-भारत आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।
- स्वास्थ्य सेवा सहयोग को बढ़ावा देना: स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान और महामारी की तैयारी में संयुक्त प्रयास, सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बना सकते हैं और वैज्ञानिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दे सकते हैं।
- उदाहरण के लिए: यूएस-इंडिया वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम (VAP) वैक्सीन विकास और वितरण में सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देता है।
- बुनियादी ढाँचे के विकास का समर्थन: बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं, विशेष रूप से डिजिटल और हरित प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करने से आर्थिक संपर्क और लचीलापन में वृद्धि हो सकती है।
- उदाहरण के लिए: यूएस-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग मंच प्रौद्योगिकी साझाकरण और निवेश के माध्यम से सतत बुनियादी ढाँचे के विकास का समर्थन करता है।
- लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना: लोकतांत्रिक शासन और मानवाधिकारों के लिए संयुक्त प्रयास, वैश्विक मानदंडों और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर सकते है।
- उदाहरण के लिए: अमेरिका-भारत लोकतंत्र और नागरिक समाज वार्ता लोकतांत्रिक सिद्धांतों और नागरिक स्वतंत्रता के महत्त्व पर जोर देती है।
एक मजबूत भारत-अमेरिका साझेदारी सुनिश्चित करने के लिए, भारत को एक बहुआयामी रणनीति अपनानी चाहिए जो आर्थिक विकास, सुरक्षा सहयोग और तकनीकी उन्नति पर जोर देती हो। आपसी विश्वास को बढ़ावा देकर और वैश्विक चुनौतियों पर एकजुट होकर, भारत और अमेरिका एक मजबूत और स्थायी साझेदारी का निर्माण कर सकते हैं , जो आने वाले दशकों में वैश्विक स्थिरता एवं समृद्धि में योगदान देगा।
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