Q. विशिष्ट कार्यों वाले नए प्रोटीन के निर्माण के संभावित लाभ क्या हैं? यह दवा एवं प्रौद्योगिकी जैसे उद्योगों को कैसे प्रभावित कर सकता है? (10 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • विशिष्ट कार्यों वाले न्यू प्रोटीन बनाने के संभावित लाभों की व्याख्या कीजिए।
  • चर्चा कीजिए कि इसका चिकित्सा और प्रौद्योगिकी जैसे उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

 

उत्तर:

प्रोटीन लगभग सभी जैविक कार्यों के लिए आवश्यक हैं। ये विभिन्न जीवों के एंजाइम, हार्मोन और संरचनात्मक घटकों के रूप में कार्य करते हैं। प्रोटीन इंजीनियरिंग में प्रगति के साथ अब ऐसे प्रोटीन बनाए जाने लगे हैं जिनका कार्य आवश्यकतानुसार, पहले से ही निर्धारित होता है। इस तरह के नवाचार विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करके चिकित्सा , प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विज्ञान जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं ।

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विशिष्ट कार्यों वाले न्यू प्रोटीन बनाने के लाभ 

  • लक्षित दवा विकास: विशिष्ट चिकित्सीय कार्यों वाले प्रोटीन बनाने से लक्षित दवाओं का विकास संभव होता है, जो रोगों का अधिक सटीक उपचार करती हैं। ये प्रोटीन, स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित न करते हुए चुनिंदा रूप से रोगग्रस्त कोशिकाओं पर हमला कर सकते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: केवल ट्यूमर कोशिकाओं को समाप्त करने के लिए प्रोटीन-आधारित कैंसर थेरेपी डिजाइन की जा सकती हैं, जिससे उपचार के परिणाम बेहतर होंगे और साइड इफ़ेक्ट कम होगे हैं।
  • त्वरित वैक्सीन विकास: विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं वाली प्रोटीन डिजाइन करने की क्षमता वैक्सीन विकास प्रक्रिया को गति दे सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य खतरों से निपटना आसान हो सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: COVID-19 महामारी के दौरान, वायरस से निपटने के लिए तीव्र और प्रभावी समाधान विकसित करने में प्रोटीन-आधारित टीके अत्यंत महत्त्वपूर्ण साबित हुये थे।
  • एंटीबायोटिक प्रतिरोध पर काबू पाना : इंजीनियर्ड प्रोटीन एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया को लक्षित कर सकते हैं, जिससे रोगाणुरोधी प्रतिरोध की बढ़ती समस्या के लिए अभिनव समाधान उपलब्ध हो सकते हैं।
  • उन्नत नैनोमटेरियल का निर्माण: विशिष्ट गुणों वाले नैनोमैटेरियल्स जैसे कि सेल्फ-क्लीनिंग सतह या तकनीकी अनुप्रयोगों के लिए बहुत कम वजन के ढाँचे, इत्यादि के निर्माण में न्यू प्रोटीन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • उदाहरण के लिए: प्रोटीन-इंजीनियर्ड फैब्रिक का उपयोग सेल्फ क्लीनिंग कपड़े बनाने के लिए किया जा सकता है, जिससे सफाई प्रक्रिया में जल और रसायनों की आवश्यकता कम हो  सकती है।
  • पर्यावरण की सफाई: प्रदूषकों और विषैले पदार्थों को विखंडित करने हेतु डिजाइन किए गए प्रोटीन, पर्यावरण की सफाई के लिए आशाजनक समाधान प्रदान करते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र में प्रदूषण कम होता है।
    उदाहरण के लिए: प्लास्टिक कचरे को विघटित करने में सक्षम इंजीनियर्ड प्रोटीन वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संकट को कम करने में सहायता कर सकते हैं।
  • पर्यावरण निगरानी के लिए प्रेसिजन सेंसर (Precision Sensor): न्यू प्रोटीन, ऐसे बायोसेंसर के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो उच्च परिशुद्धता के साथ प्रदूषकों और विषाक्त पदार्थों का पता लगाते हैं, जिससे पर्यावरण निगरानी और संरक्षण में सहायता मिलती है।
  • हरित औद्योगिक प्रक्रियाएँ: औद्योगिक प्रक्रियाओं में हानिकारक रसायनों की जगह उत्प्रेरक गुणों वाले प्रोटीन का उपयोग किया जा सकता है, जिससे उत्पादन प्रक्रिया पर्यावरण के अधिक अनुकूल हो जायेगी। 
    • उदाहरण के लिए: प्रोटीन आधारित उत्प्रेरक रासायनिक उद्योग में विषाक्त पदार्थों के उपयोग को कम कर सकते हैं, संधारणीयता को बढ़ावा दे सकते हैं और पर्यावरणीय प्रभाव को कम कर सकते हैं।

चिकित्सा और प्रौद्योगिकी पर प्रभाव

  • दवा खोज में क्रांतिकारी बदलाव : विशिष्ट कार्यों वाले प्रोटीन बनाने की क्षमता दवा खोज को बदल सकती है, जिससे उन बीमारियों के लिए उपचार विकसित करना संभव हो सकता है जो पहले इलाज योग्य नहीं थीं। 
    • उदाहरण के लिए: प्रोटीन इंजीनियरिंग में शामिल आणविक तंत्र (Molecular Mechanism ) को लक्षित करके अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के लिए नए उपचार विकसित किये जा सकते हैं ।
  • व्यक्तिगत चिकित्सा: न्यू प्रोटीन को व्यक्तिगत रोगियों की जैविक प्रोफाइल के अनुरूप डिजाइन किया जा सकता है, जिससे व्यक्तिगत चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति होगी। 
    • उदाहरण के लिए: इंजीनियर्ड प्रोटीन का उपयोग करके कैंसर के उपचार के लिए आनुवंशिक डेटा के आधार पर विशिष्ट कैंसर प्रकारों को लक्षित करते हुए चिकित्सीय परिणामों में सुधार किया जा सकता है।
  • उन्नत निदान: इंजीनियर्ड प्रोटीन, निदान की सटीकता और दक्षता में सुधार कर सकते हैं, जिससे रोगों का पहले पता लगाया जा सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: प्रोटीन-आधारित निदान का उपयोग मधुमेह या हृदय  संबंधी विकारों के लिए बायोमार्कर का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।
  • जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को बढ़ावा देना: प्रोटीन डिजाइन जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्रों जैसे सिंथेटिक जीवविज्ञान और जीन एडिटिंग में प्रगति ला सकता है , जिससे जैविक प्रणालियों पर अधिक सटीक नियंत्रण संभव हो सकता है।
    • उदाहरण के लिए: प्रोटीन-संवर्धित CRISPR तकनीकें जीन एडिटिंग की सटीकता में सुधार कर सकती हैं, जिससे संभावित रूप से आनुवंशिक विकारों का इलाज हो सकता है।
  • संधारणीय विनिर्माण: संधारणीय विनिर्माण प्रक्रियाओं के लिए उद्योगों में प्रोटीन-आधारित उत्प्रेरक का उपयोग किया जा सकता है जो अपशिष्ट को कम करते हैं और हानिकारक रसायनों के उपयोग को न्यूनतम करते हैं।
  • खाद्य सुरक्षा में सुधार : इंजीनियर्ड प्रोटीन खाद्य उत्पादों के पोषण मूल्य और सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं, जिससे कुपोषण और खाद्य कमी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
  • चिकित्सा उपकरणों में प्रगति: बायोकम्पैटिबल प्रोटीन का उपयोग चिकित्सा प्रत्यारोपण और कृत्रिम अंग विकसित करने के लिए किया जा सकता है जो इन अंगों की अस्वीकृति के जोखिम को कम करता है और रोगी की रिकवरी को बढ़ाता है। 
    • उदाहरण के लिए: प्रोटीन-लेपित प्रत्यारोपण, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की सफलता दर में सुधार कर सकते हैं , जिससे तीव्र उपचार होता है और जटिलताएं भी कम हो जाती हैं।

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विशिष्ट कार्यों वाले नए प्रोटीन के निर्माण ने चिकित्सा, प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता में परिवर्तनकारी संभावनाओं को खोल दिया है । ये प्रगति लक्षित उपचार विकसित करने, निदान प्रक्रिया को उन्नत करने और संधारणीय औद्योगिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए क्रांतिकारी क्षमता प्रदान करती है। जैसे-जैसे प्रोटीन इंजीनियरिंग विकसित होगी, यह स्वास्थ्य सेवा, जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय समाधानों के भविष्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा पायेगी।

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