प्रश्न की मुख्य माँग
- घोस्ट मॉल के उभरने के पीछे के कारण बताइए।
- शहरी क्षेत्रों के लिए घोस्ट मॉल से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- ऐसे वाणिज्यिक स्थानों के अनुकूली और सतत् उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आगे की राह पर चर्चा कीजिए।
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उत्तर
भूमिका
घोस्ट मॉल वे शॉपिंग सेंटर होते हैं, जिनमें 40% से अधिक दुकानें खाली रहती हैं, जिसके कारण उनकी वाणिज्यिक उपयोगिता और फुटफॉल (ग्राहक आवागमन) समाप्त हो जाता है। कभी चहल-पहल वाले ये मॉल आज उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन, खराब प्रबंधन और ऑनलाइन रिटेल प्रतिस्पर्द्धा के कारण परित्यक्त हो गए हैं, विशेषकर भारत के टियर-1 और टियर-2 शहरों में।
मुख्य भाग
घोस्ट मॉल्स के उभरने के कारण
- उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन: ई-कॉमर्स ने खरीदारी की प्राथमिकताओं को बदल दिया, जिससे भौतिक मॉल्स पर निर्भरता घट गई।
- पुराना अवसंरचना ढाँचा: पुराने मॉल आधुनिक डिजाइन, सुविधाओं और आकर्षक लेआउट के मुकाबले पिछड़ गए।
- नए मॉल्स से प्रतिस्पर्द्धा: बेहतर लोकेशन और आधुनिक सुविधाओं वाले नए मॉल्स की बढ़ती संख्या ने पुराने मॉल्स की माँग कम कर दी है।
- उदाहरण: बंगलूरू के नए रिटेल कॉम्प्लेक्स अधिक उपभोक्ता आकर्षित कर रहे हैं, जिससे पहले बने मॉल उपेक्षित हो गए।
- वित्तीय चुनौतियाँ: उच्च रखरखाव लागत और कम रिटर्न ने कई मॉल्स को अलाभकारी बना दिया।
- उदाहरण: अनेक घोस्ट मॉल्स को बंद करना पड़ा क्योंकि परिचालन व्यय आय से अधिक हो गया।
- अनुकूली योजना का अभाव: मॉल्स को दीर्घकालिक लचीलेपन या वैकल्पिक उपयोग की दृष्टि से डिजाइन नहीं किया गया।
- उदाहरण: “प्लान B” की अनुपस्थिति के कारण खुदरा माँग घटते ही ये संरचनाएँ असुरक्षित हो गईं।
- कम जीवन-चक्र: बड़े पर्यावरणीय और वित्तीय निवेश के बावजूद कई मॉल कुछ ही वर्षों में अप्रचलित हो गए।
शहरी क्षेत्रों में घोस्ट मॉल्स से उत्पन्न समस्याएँ
- आस-पास के व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र पर असर: खाली मॉल्स के कारण फुटफॉल घटता है, जिससे नजदीकी व्यापार प्रभावित होते हैं।
- कीमती शहरी भूमि का दुरुपयोग: बड़े अनुपयोगी परिसर उच्च-मूल्य शहरी क्षेत्रों में बेकार पड़े रहते हैं।
- उदाहरण: महानगरों में खाली मॉल्स अधिक उत्पादक वाणिज्यिक या सार्वजनिक उपयोग को रोकते हैं।
- डेवलपर्स और निवेशकों को वित्तीय हानि: अलाभकारी मॉल्स से रियल एस्टेट मूल्य और निवेशकों का विश्वास घटता है।
- उदाहरण: नाइट फ्रैंक सर्वेक्षण, 2023 ने कमजोर प्रदर्शन वाले मॉल्स में वाणिज्यिक मूल्य में भारी गिरावट दर्ज की।
- नीतिगत और नियोजन संकट: घोस्ट मॉल्स शहरी वाणिज्यिक नियोजन में दूरदर्शिता की कमी को उजागर करते हैं।
- शहरी अवनति और असुरक्षा: परित्यक्त संरचनाएँ उपेक्षित व असुरक्षित क्षेत्रों में बदल जाती हैं।
आगे की राह
- कार्यालय और को-वर्किंग स्पेस में पुनर्पयोग: मॉल्स को आईटी और कॉरपोरेट उपयोग हेतु अनुकूलित किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य और शैक्षणिक केंद्रों में रूपांतरण: बड़े लेआउट और मजबूत अवसंरचना इन्हें अस्पतालों या शैक्षणिक संस्थानों में बदलने के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
- हॉस्पिटैलिटी और कन्वेंशन सेंटर: विस्तृत परिसर वाले मॉल्स को होटल या कन्वेंशन सेंटर में बदला जा सकता है, जिससे वहाँ पर्यटक आकर्षित होंगे।
- मिश्रित उपयोग विकास: खुदरा, कार्यालय और मनोरंजन के संयोजन से सतत् माँग सुनिश्चित हो सकती है।
- “एग्जिट स्ट्रेटेजी” की योजना: भविष्य के मॉल्स को वैकल्पिक उपयोग के लचीलेपन के साथ डिजाइन करना आवश्यक है।
- अनुकूली पुनर्पयोग में सहयोग: डेवलपर्स, आर्किटेक्ट्स और योजनाकारों को मिलकर पुनर्पयोग को लाभकारी बनाने पर कार्य करना चाहिए।
- उदाहरण: बंगलूरू के अनुकूली पुनर्पयोग के उदाहरण शहर-व्यापी ढाँचे की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
- शहरी भूमि उपयोग में स्थिरता को प्राथमिकता: नीतियों के माध्यम से ग्रीन रेट्रोफिटिंग और अनुकूली पुनर्पयोग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
घोस्ट मॉल्स का उदय शहरी नियोजन में दूरदर्शिता की कमी को दर्शाता है, किंतु अनुकूली पुनर्पयोग समाधान प्रस्तुत करता है। एग्जिट स्ट्रेटेजी, मिश्रित उपयोग और सतत् पुनर्पयोग को अपनाकर छोड़े गए मॉल्स को शहरी परिसंपत्तियों में बदला जा सकता है, जैसा कि बंगलूरू में कार्यालयों, अस्पतालों और होटलों में रूपांतरण से देखा गया है। यह दृष्टिकोण शहरी विकास को अधिक लचीला और दक्ष बनाएगा।
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