प्रश्न की मुख्य माँग
- राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षायें आयोजित करने में पारदर्शिता और दक्षता के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की स्वायत्तता के महत्त्व का आकलन कीजिए।
- राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की स्वायत्तता, पारदर्शिता और दक्षता के निहितार्थों का आकलन कीजिए।
- प्रस्तावित सुधारों पर प्रकाश डालिये।
- बताइये कि प्रस्तावित सुधार किस प्रकार इसकी जवाबदेही में सुधार ला सकते हैं।
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उत्तर
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्त निकाय है, जो पारदर्शी, कुशल और मानकीकृत तरीके से राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए इसकी स्वायत्तता महत्त्वपूर्ण है । सुधारों के लिए हाल ही में किए गए प्रस्तावों का उद्देश्य इसकी जवाबदेही बढ़ाना, पारदर्शिता और परिचालन प्रभावशीलता को और मजबूत करना है।
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राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में पारदर्शिता और दक्षता के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की स्वायत्तता का महत्त्व
- न्यूनतम राजनीतिक हस्तक्षेप: स्वायत्तता यह सुनिश्चित करती है कि NTA राजनीतिक प्रभाव से मुक्त होकर कार्य करे, जिससे निष्पक्ष निर्णय लेने की सुविधा मिलती है।
- उदाहरण के लिए: NTA ,बाह्य दबावों के बिना स्वतंत्र रूप से प्रवेश परीक्षाओं को डिज़ाइन और संचालित कर सकता है, जिससे चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित होती है ।
- निर्णय लेने में तेजी: स्वायत्तता के साथ, NTA उभरते मुद्दों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकता है और आवश्यक परिवर्तनों को लागू कर सकता है, जिससे संचालन संबंधी दक्षता में सुधार होता है।
- उदाहरण के लिए: आकस्मक व्यवधान, जैसे कि प्राकृतिक आपदा या सुरक्षा उल्लंघन के मामले में, NTA प्रशासनिक देरी के बिना परीक्षा केंद्रों को तेजी से स्थानांतरित कर सकता है या परीक्षाओं को पुनर्निर्धारित कर सकता है।
- बेहतर जवाबदेही: स्वतंत्र प्रशासन NTA को परीक्षा से संबंधित प्रक्रियाओं, विकास से लेकर परिणाम प्रसंस्करण तक की पूरी जिम्मेदारी लेने की अनुमति देता है, जिससे इसकी जवाबदेही बढ़ जाती है।
- उदाहरण के लिए: यदि कोई प्रश्नपत्र लीक होता है, तो NTA को सीधे जवाबदेह ठहराया जा सकता है, इससे यह सुनिश्चित होगा कि सख्त सुरक्षा उपाय या आंतरिक ऑडिट जैसे सुधारात्मक कार्रवाई की जाये।
- जनता के विश्वास में बढ़ोत्तरी: संचालन में स्वायत्तता उम्मीदवारों और हितधारकों के बीच भरोसा बढ़ाती है, क्योंकि NTA बाह्य पक्षपात के बिना पारदर्शी तरीके से कार्य कर सकता है।
- उदाहरण के लिए: परिणाम प्रसंस्करण और सुरक्षा व्यवस्था जैसे संवेदनशील कार्यों का पारदर्शी संचालन, परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता के संबंध में संदेह उत्पन्न होने से रोक सकते हैं।
- प्रभावी संसाधन आवंटन: अपने बजट और स्टाफिंग पर पूर्ण नियंत्रण के साथ NTA, आवश्यकताओं वाले क्षेत्रों में संसाधनों को अधिक कुशलता से आवंटित कर सकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की जाए।
- उदाहरण के लिए: ‘NTA बायोमेट्रिक सिस्टम’ या परीक्षण के ‘हाइब्रिड मॉडल’ जैसी तकनीक में निवेश कर सकता है जो परीक्षा सुरक्षा और उम्मीदवार के अनुभव को बेहतर बनाता है।
राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में पारदर्शिता और दक्षता के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की स्वायत्तता के निहितार्थ
- कदाचार की रोकथाम: स्वायत्तता परीक्षा आयोजित करने के लिए स्पष्ट और लागू करने योग्य नीतियों की स्थापना करके भ्रष्टाचार या कदाचार की संभावनाओं को कम कर सकती है।
- उदाहरण के लिए: NTA, स्वतंत्र रूप से यह सुनिश्चित कर सकता है कि परीक्षा केंद्र सुरक्षा और परीक्षा प्रोटोकॉल के उच्चतम मानकों का पालन करें, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो।
- बेहतर शासन और नैतिकता: स्वायत्तता, NTA को टेस्ट ऑडिट, नैतिक मानकों और पारदर्शिता की देखरेख के लिए विशेष उप-समितियों की स्थापना करने की अनुमति देती है।
- उदाहरण के लिए: NTA परीक्षण सामग्री और प्रशासन प्रक्रियाओं का ऑडिट करने के लिए नैतिकता समितियाँ बना सकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे स्थापित शासन मानकों को पूरा करते हों।
- अधिक तकनीकी नवाचार: संचालन पर स्वतंत्र नियंत्रण, NTA को बाहरी अनुमोदन के कारण होने वाली देरी के बिना डिजी-एग्जाम और कंप्यूटर-अनुकूली परीक्षण जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने और एकीकृत करने की सुविधा प्रदान करता है।
- उदाहरण के लिए: NTA परीक्षा के अनुभव और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण प्रणाली और अनुकूली परीक्षण को लागू कर सकता है।
- केंद्रित रणनीतिक योजना: NTA की स्वायत्तता इसे बाह्य हस्तक्षेप के बिना, प्रवेश परीक्षाओं से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने के लिए अनुकूलित रणनीति बनाने की अनुमति देती है।
- उदाहरण के लिए: NTA स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए क्षेत्रीय समन्वय समितियाँ बना सकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि परीक्षा प्रशासन प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं पर विचार किया जाये।
- डेटा गोपनीयता और सुरक्षा में वृद्धि: स्वायत्तता NTA को इस बात पर पूरा नियंत्रण रखने में सक्षम बनाती है कि उम्मीदवार के डेटा को कैसे हैंडल किया जाता है और यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित और गोपनीय बनी रहे।
- उदाहरण के लिए: NTA उम्मीदवार की जानकारी संग्रहीत करने के लिए एन्क्रिप्टेड डेटाबेस और परिणामों को संसाधित करने हेतु सुरक्षित तरीके लागू कर सकता है, जिससे डेटा उल्लंघन का जोखिम कम हो जाता है।
प्रस्तावित सुधार
- NTA की भूमिका और दायरे पर पुनर्विचार: NTA को केवल उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और भर्ती परीक्षाओं में भागीदारी को कम करना चाहिए, ताकि दक्षता के लिए इसके संचालन को सुव्यवस्थित किया जा सके।
- उदाहरण के लिए: प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने से NTA को संसाधनों का बेहतर आवंटन करने में मदद मिलेगी, जिससे अधिक कुशल संचालन और बेहतर परीक्षा गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
- नेतृत्व को मजबूत करना: दो अतिरिक्त महानिदेशकों (ADG) की नियुक्ति से टेस्ट डेवलपमेंट, प्रौद्योगिकी और केंद्र प्रबंधन के लिए विशिष्ट जिम्मेदारियों के साथ केंद्रित नेतृत्व प्रदान किया जाएगा।
- उदाहरण के लिए: ADG विशिष्ट क्षेत्रों की देखरेख कर सकते हैं, परिचालन दक्षता में सुधार कर सकते हैं, जैसे परीक्षा के दौरान सिस्टम ब्रेकडाउन से बचने के लिए प्रौद्योगिकी प्रबंधन।
- आउटसोर्सिंग को कम करना: NTA को आउटसोर्सिंग जोखिमों को कम करने और जवाबदेही में सुधार करने के लिए टेस्ट डेवलपमेंट और परिणाम प्रसंस्करण जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों हेतु आंतरिक क्षमताओं का निर्माण करना चाहिए।
- उदाहरण के लिए: आंतरिक टीमें संवेदनशील कार्यों को बेहतर ढंग से कर सकती हैं, जैसे प्रश्नपत्रों को डिजाइन बनाना, लीक को कम करना और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करना।
- राज्य और जिला स्तर की भागीदारी को मजबूत करना: राज्य और जिला स्तर की समन्वय समितियाँ, स्थानीय अधिकारियों और पुलिस को शामिल करके, क्षेत्रों की सुरक्षा और परीक्षा प्रशासन में सुधार कर सकती हैं।
- उदाहरण के लिए: स्थानीय अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा और प्रोटोकॉल पालन का प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे धोखाधड़ी कम होने के साथ-साथ सुचारू परीक्षा निष्पादन सुनिश्चित हो सके।
- परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा: परीक्षा केंद्रों को मतदान केंद्रों की तरह माना जाना चाहिए, जहाँ निगरानी हो और पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए जाएँ जिससे प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित होगा और सुरक्षा में सुधार होगा।
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प्रस्तावित सुधार जवाबदेही में कैसे सुधार ला सकते हैं
- केंद्रित नेतृत्व और स्पष्ट भूमिकाएँ: ADG की नियुक्ति से स्पष्ट निरीक्षण सुनिश्चित होगा, प्रत्येक ADG परीक्षण विकास और केंद्र संचालन जैसे विशिष्ट कार्यों का प्रबंधन करेगा , जिससे जवाबदेही में सुधार होगा।
- उदाहरण के लिए: टेस्ट डेवलपमेंट जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाले ADG उच्च गुणवत्ता, बेहतर प्रबंधित परीक्षाएँ सुनिश्चित करेंगे, जिससे गलतियाँ या अनियमितताएँ कम होंगी।
- आउटसोर्सिंग को कम करना और आंतरिक संसाधनों को बढ़ाना: आउटसोर्सिंग को कम करने और आंतरिक टीमों को उन्नत करने से NTA को महत्त्वपूर्ण परिचालनों पर अधिक नियंत्रण रखने, गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- स्थानीय अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय: राज्य और जिला स्तर पर स्थानीय पुलिस और अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय, परीक्षा निष्पादन में बेहतर सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करता है।
- उदाहरण के लिए: स्थानीय समन्वय, सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसे परीक्षा केंद्रों की सख्त निगरानी को लागू करने में मदद कर सकता है जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
- सशक्त शासन और निगरानी: विशेष उप-समितियाँ शासन को बेहतर बनाती हैं व पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार के लिए परीक्षण नैतिकता, लेखा परीक्षा और हितधारक प्रबंधन की देखरेख करती हैं।
- उदाहरण के लिए: नैतिकता पर केंद्रित एक उप-समिति यह सुनिश्चित करेगी कि NTA परीक्षा मानकों का अनुपालन करना, विश्वास में सुधार करना और मुद्दों का तेजी से समाधान करना।
- सुरक्षित एवं पारदर्शी परीक्षा केंद्र: परीक्षा केंद्रों पर CCTV निगरानी और पीठासीन अधिकारी की मौजूदगी पारदर्शिता को बढ़ाती है, NTA दिशानिर्देशों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करती है और अनियमितताओं को कम करने में सहायता करती है।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को स्वायत्तता प्रदान करने से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के संबंध में पारदर्शिता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, जिससे निष्पक्षता और मानकीकृत प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकती है। जैसा कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था ‘कठिनाई के बीच में अवसर छिपा होता है’, अधिक जवाबदेही और सुव्यवस्थित संचालन पर ध्यान केंद्रित करने वाले प्रस्तावित सुधार, उच्च शिक्षा तक निष्पक्ष पहुँच प्रदान करने और परीक्षा प्रणाली में विश्वास को बढ़ावा देने में NTA की भूमिका को और मजबूत करेंगे।
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