प्रश्न की मुख्य माँग
- समझाइए कि सामाजिक प्रभाव व्यक्तिगत व्यवहार और सामाजिक मानदंडों में किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- सामाजिक प्रभाव के विभिन्न प्रकारों का परीक्षण कीजिए।
- सामाजिक प्रभाव के विभिन्न सिद्धांतों पर चर्चा कीजिए।
- व्यक्तिगत और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में निर्णय लेने पर सामाजिक प्रभाव के सकारात्मक प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
- व्यक्तिगत और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में निर्णय लेने पर सामाजिक प्रभाव के नकारात्मक प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।
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उत्तर:
सामाजिक प्रभाव व्यक्तिगत व्यवहार और सामाजिक मानदंडों दोनों को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह इस बात को प्रभावित करता है कि लोग कैसे निर्णय लेते हैं और अपने समुदायों के भीतर कैसे अंतर्क्रिया करते हैं । यह साथियों के दबाव, मीडिया और सांस्कृतिक मूल्यों के माध्यम से प्रकट होता है और यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप कैसे कार्य करते हैं। यह प्रभाव व्यक्तिगत विकल्पों और सार्वजनिक व्यवहारों दोनों को प्रभावित करता है तथा समाजों के कामकाज और सामाजिक ढाँचे के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
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सामाजिक प्रभाव, व्यक्तिगत व्यवहार और सामाजिक मानदंडों में किस प्रकार से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है
- साथियों का दबाव: सहकर्मी समूह अक्सर लोगों पर स्वीकृत सामाजिक मानकों के अनुरूप ढलने का दबाव बनाकर व्यक्तिगत व्यवहार को आकार देते हैं, विशेष तौर पर किशोरावस्था में।
- उदाहरण के लिए: छात्र अपने साथियों के समूह में फिट होने के लिए विशिष्ट फैशन ट्रेंड को अपना सकते हैं , भले ही वह उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से अलग हों।
- सामाजिक मानदंडों के अनुरूप होना: व्यक्ति, अस्वीकृति या सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हैं, जिससे मौजूदा व्यवहार और सांस्कृतिक मानक मजबूत होते हैं।
- उदाहरण के लिए: यातायात नियमों का व्यापक रूप से पालन न केवल कानूनी प्रवर्तन के कारण होता है, बल्कि सड़कों पर व्यवस्था बनाए रखने की सामाजिक अपेक्षा के कारण भी होता है।
- मीडिया का प्रभाव: मीडिया रुझानों, विचारों और सामाजिक मानदंडों को प्रदर्शित करके जनता की राय और व्यक्तिगत व्यवहार को महत्त्वपूर्ण रूप से आकार देती है।
- उदाहरण के लिए: वर्ष 2020 के COVID-19 महामारी के दौरान, मीडिया प्लेटफॉर्म ने सुरक्षा उपायों पर सार्वजनिक निर्णयों को प्रभावित किया और मास्क पहनने तथा सोशल डिस्टेंशिंग जैसे व्यवहार में बदलाव किया।
- पारिवारिक प्रभाव: पारिवारिक मूल्य और सांस्कृतिक मानदंड अक्सर व्यक्तिगत व्यवहार को निर्धारित करते हैं तथा व्यक्तियों में वो विश्वास और अभिवृत्ति उत्पन्न करते हैं, जिन्हें वे वयस्कता में भी अपनाते हैं।
- सांस्कृतिक मानदंड: पीढ़ियों से चली आ रही परंपराएँ और सांस्कृतिक प्रथाएँ व्यक्तिगत कार्यों को प्रभावित करती हैं, विशेष तौर पर घनिष्ठ रूप से जुड़े समाजों में।
- उदाहरण के लिए : भारत में, त्योहार और वैवाहिक प्रथाएँ सांस्कृतिक मानदंडों में गहराई से निहित हैं, जो व्यक्तिगत और सामूहिक व्यवहार को प्रभावित करती हैं।
सामाजिक प्रभाव के प्रकार
- मानक सामाजिक प्रभाव: व्यक्ति, स्वीकृति प्राप्त करने या अस्वीकृति से बचने के लिए किसी समूह की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हैं, भले ही वे आंतरिक रूप से उससे असहमत हों।
- सूचनात्मक सामाजिक प्रभाव: अनिश्चितता के समय, लोग मार्गदर्शन के लिए दूसरों का सहारा लेते हैं विशेष रूप से विपरीत परिस्थितियों में, यह मानते हुए कि समूह का व्यवहार सही होगा।
- उदाहरण के लिए: प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, लोग अपने समुदाय और अधिकारियों की कार्रवाइयों के आधार पर निकासी आदेशों का पालन करते हैं।
- अनुपालन: यह तब होता है जब व्यक्ति अक्सर अनुमोदन प्राप्त करने या नकारात्मक परिणामों से बचने के लिए अनुरोधों अथवा निर्देशों का पालन करते हैं। इसमें यह आवश्यक नहीं कि व्यक्ति इन निर्देशों से सहमत ही हों।
- आज्ञाकारिता: व्यक्ति बिना किसी सवाल के अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हैं, विशेष रूप से स्कूलों या कार्यस्थलों में ।
- उदाहरण के लिए: सैनिक, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का पालन करते हैं, भले ही वे व्यक्तिगत रूप से मिशन के उद्देश्यों से असहमत हों।
- पहचान: व्यक्ति उस समूह के मूल्यों या व्यवहारों को अपनाते हैं, जिसकी वे प्रशंसा करते हैं और स्वयं को उस समूह की पहचान और मूल्यों के साथ जोड़ते हैं।
- उदाहरण के लिए: सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स अक्सर अपने फॉलोअर्स को विशिष्ट जीवन शैली अपनाने या कुछ उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं जिनकी पहचान इन इनफ्लुएंसर्स से जुड़ी होती है।
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सामाजिक प्रभाव के सिद्धांत
- पारस्परिकता: लोग एहसान चुकाने का एक सामाजिक दायित्व महसूस करते हैं, जिससे उनमें सामाजिक संतुलन बनाए रखने वाले व्यवहार उत्पन्न होते हैं ।
- प्रतिबद्धता और निरंतरता: एक बार जब व्यक्ति कोई निर्णय या प्रतिबद्धता ले लेता है , तो वह अपने भविष्य के कार्यों को अपने पिछले विकल्पों के अनुरूप बनाए रखने की कोशिश करता है।
- सामाजिक प्रमाण: लोग उचित व्यवहार का निर्धारण करने के लिए दूसरों का अनुसरण करते हैं, विशेष रूप से विपरीत परिस्थितियों में।
- प्राधिकार का प्रभाव: लोगों में आधिकारिक व्यक्तियों या विशेषज्ञों के निर्देशों का पालन करने की अधिक संभावना होती है, बशर्ते कि उनके पास अधिक ज्ञान या अनुभव हो।
- पसंद: व्यक्ति उन लोगों से अधिक आसानी से प्रभावित होते हैं जिन्हें वे पसंद करते हैं या जिनके साथ उनके सकारात्मक संबंध होते हैं , जो उनकी प्राथमिकताओं और निर्णयों को आकार देते हैं।
व्यक्तिगत और सार्वजनिक क्षेत्रों में निर्णय लेने पर सामाजिक प्रभाव का सकारात्मक प्रभाव
- सामाजिक सहयोग में वृद्धि: सामाजिक प्रभाव सहयोग को प्रोत्साहित करता है तथा लोगों को साझा लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए एक साथ लाता है।
- उदाहरण के लिए: आपदा राहत के दौरान सामूहिक प्रयास यह प्रदर्शित करते हैं कि सामाजिक प्रभाव किस प्रकार से संकटों के लिए समन्वित, प्रभावी प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देता है।
- नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देना: सामाजिक मानदंड नैतिक निर्णय लेने को बढ़ावा दे सकते हैं और व्यक्तियों को ऐसे कार्य करने हेतु मार्गदर्शित कर सकते हैं, जो अधिकांश लोगों को लाभ पहुँचाते।
- उदाहरण के लिए: स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहल व्यक्तियों को सामुदायिक स्वच्छता प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- नागरिक भागीदारी: मतदान और सामुदायिक सेवा जैसे नागरिक कर्तव्यों में सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने में सामाजिक प्रभाव महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
- उदाहरण के लिए: चुनावों के दौरान अधिक मतदान अक्सर उन अभियानों से प्रेरित होता है, जो लोकतांत्रिक भागीदारी के महत्त्व को बढ़ावा देते हैं।
- स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहन: सकारात्मक सामाजिक प्रभाव व्यक्तियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यवहार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे व्यक्तिगत और सार्वजनिक कल्याण में सुधार होता है।
- उदाहरण के लिए: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के फिटनेस चैलेंज अक्सर व्यक्तियों को नियमित रूप से व्यायाम करने और स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं।
- पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देना: सामाजिक प्रभाव पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार कार्यों को बढ़ावा दे सकते है तथा व्यक्तियों और समुदायों को संधारणीय प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है ।
- उदाहरण के लिए: प्लास्टिक कचरे को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाने वाले अभियानों ने वैश्विक समाजों में व्यापक गति प्राप्त की है।
व्यक्तिगत और सार्वजनिक क्षेत्रों में निर्णय लेने पर सामाजिक प्रभाव का नकारात्मक प्रभाव
- साथियों का दबाव जोखिम भरे व्यवहार की ओर ले जाता है: साथियों का नकारात्मक प्रभाव, व्यक्तिगत सुरक्षा की अनदेखी करते हुए व्यक्तियों को जोखिम भरे व्यवहार में संलग्न होने के लिए प्रेरित कर सकता है।
- उदाहरण के लिए: किशोर अपने साथियों के समूह में फिट होने के लिए, स्वास्थ्य जोखिम पता होने के बावजूद धूम्रपान करना या शराब पीना शुरू कर सकते हैं।
- अनुरूपता रचनात्मकता को सीमित करती है: सामाजिक मानदंडों या अपेक्षाओं के प्रति अत्यधिक अनुरूपता, नवाचार और रचनात्मकता का दमन कर सकती है जिससे व्यक्तिगत अभिव्यक्ति भी सीमित हो सकती है।
- उदाहरण के लिए: कॉरपोरेट वातावरण में, सामूहिक-विचार कर्मचारियों को अनोखे समाधान पेश करने से हतोत्साहित कर सकता है, जिससे रचनात्मकता में बाधा उत्पन्न होती है।
- गलत सूचना का प्रसार: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गलत सूचनाओं के तीव्र प्रसार को बढ़ावा दे सकते हैं, तथा गलत आँकड़ों के आधार पर सार्वजनिक निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
- सामूहिक मानसिकता: सामूहिक सामाजिक प्रभाव से तर्कहीन कार्य हो सकते हैं , जहाँ व्यक्ति समूह के दबाव के कारण ऐसे तरीके से कार्य करते हैं, जैसा वे अकेले होने पर नहीं करते।
- अनैतिक कॉरपोरेट व्यवहार: कॉरपोरेट संरचनाओं के भीतर सामाजिक प्रभाव, व्यक्तियों को कार्यस्थल मानदंडों के अनुरूप अनैतिक व्यवहार करने के लिए दबाव डाल सकता है।
- उदाहरण के लिए: कर्मचारी ,प्रबंधन की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने के लिए कार्यस्थल में वित्तीय कदाचार को अनदेखा कर सकते हैं, जिससे कॉरपोरेट धोखाधड़ी को बढ़ावा मिलता है।
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सामाजिक प्रभाव का व्यक्तिगत निर्णय लेने और सामाजिक मानदंडों को आकार देने, दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिसमें सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम होने की संभावना होती है। जबकि यह सहयोग, नैतिक व्यवहार और नागरिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है, यह साथियों के दबाव, गलत सूचना और अनुरूपता को भी जन्म दे सकता है। सामाजिक प्रभाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए सामाजिक अपेक्षाओं को व्यक्तिगत स्वायत्तता के साथ संतुलित करना आवश्यक है ।
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