उत्तर:
दृष्टिकोण:
- प्रस्तावना: मूल्यों को परिभाषित कीजिए।
- मुख्य विषयवस्तु:
- लोक सेवाओं के संदर्भ में इन मूल्यों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
- ये मूल्य सार्वभौमिक कैसे हैं?
- पुष्टि के लिए उदाहरण लिखिए।
- निष्कर्ष: प्रासंगिक कथनों के साथ समापन कीजिए।
|
प्रस्तावना:
लोक सेवाओं के संदर्भ में तीन बुनियादी मूल्य प्रकृति में सार्वभौमिक माने जाते हैं:
- सत्यनिष्ठा: यह सदाचार-पूर्ण और नैतिक सिद्धांतों के पालन को संदर्भित करता है। इसका अर्थ है कि कोई निर्णय लेने और कार्यों में ईमानदार, पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए। इसका तात्पर्य अपने कार्यों के लिए जवाबदेह होना भी है।
- वस्तुनिष्ठता: यह व्यक्तिगत पक्षपात या पूर्वाग्रहों के बजाय तथ्यों, प्रमाणों और डेटा के आधार पर निर्णय लेने को संदर्भित करता है। इसमें विभिन्न हितधारकों के साथ व्यवहार करते समय निष्पक्ष और तटस्थ रहना शामिल है।
- व्यावसायिकता: यह योग्यता, विशेषज्ञता और दक्षता के स्तर को संदर्भित करता है जो लोक सेवक अपने कार्य प्रणाली में अपनाते हैं। इसमें कार्य के उच्च मानकों को बनाए रखना, नागरिकों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होना तथा कौशल और ज्ञान में लगातार सुधार करना शामिल है।
मुख्य विषयवस्तु:
लोक सेवाओं के संदर्भ में इन मूल्यों का महत्व:
ये मूल्य लोक सेवकों के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे विभिन्न सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं और उनसे उच्च स्तर की सत्यनिष्ठा, वस्तुनिष्ठता और व्यावसायिकता बनाए रखने की उम्मीद की जाती है।
ये मूल्य सुनिश्चित करते हैं कि लोक सेवक उन नागरिकों की जरूरतों के प्रति जवाबदेह, कुशल और उत्तरदायी हैं जिनकी वे सेवा करते हैं।
भारतीय सिविल सेवाओं में इन मूल्यों के उदाहरण:
- सत्यनिष्ठा: 2010 में, आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने गौतम बुद्ध नगर में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करते हुए रेत माफिया से लोहा लिया और बाद में उन्हें उनके कार्यों के लिए निलंबित कर दिया गया।
हालाँकि, उनके कार्यों की जनता ने प्रशंसा की और कुछ महीनों के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया। उनके कार्यों ने सत्यनिष्ठा और भ्रष्ट प्रथाओं के खिलाफ खड़े होने के महत्व को दर्शाया।
- वस्तुनिष्ठता: 2015 में, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) शुरू की, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों को वित्तीय समावेशन प्रदान करना है। इस योजना को बिना किसी पक्षपात के निष्पक्ष रूप से लागू किया गया और इसके परिणामस्वरूप 42 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए। यह योजना इसके कार्यान्वयन में शामिल लोक सेवकों की निष्पक्षता के कारण सफल रही।
- व्यावसायिकता: कोविड-19 महामारी के दौरान, भारतीय लोक सेवकों ने आवश्यक सेवाओं के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम करके व्यावसायिकता का प्रदर्शन किया।
उदाहरण के लिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी डॉ. के. सेंथिल राज ने अपने कार्य जिले, कृष्णागिरी में संगरोध सुविधाएं स्थापित करने, संपर्क ट्रेसिंग और परीक्षण जैसे विभिन्न उपायों को लागू करके वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों की व्यापक सराहना हुई और उनके काम के लिए उन्हें प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
निष्कर्ष:
इन मूल्यों को कायम रखने से सुशासन, सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। इसलिए लोक सेवकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन मूल्यों को अपने कार्य में शामिल करें और जनता के साथ अपने सभी संवाद में उन्हें बनाए रखें।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Latest Comments