Q. भारत के लिए राष्ट्रमंडल समूह की समकालीन प्रासंगिकता की आलोचनात्मक जाँच कीजिये। क्या यह केवल औपनिवेशिक अवशेष है या यह ठोस कूटनीतिक एवं रणनीतिक हितों की पूर्ति करता है?" (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • भारत के लिए राष्ट्रमंडल समूह की समकालीन प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए।
  • औपनिवेशिक अवशेष के रूप में राष्ट्रमंडल समूह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और धारणा पर चर्चा कीजिए।
  • समूह के ठोस कूटनीतिक और रणनीतिक हितों का विश्लेषण कीजिए।
  • आगे की राह लिखिये।

उत्तर

राष्ट्रमंडल समूह , मुख्य रूप से पूर्व में ब्रिटिश उपनिवेश रहे 56 सदस्य देशों का एक गठबंधन है, जो व्यापार, मानवाधिकार और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देता है। भारत जो इस समूह  का संस्थापक सदस्य है, अपने औपनिवेशिक संबंधों के बावजूद बहुपक्षीय कूटनीति और आर्थिक विकास के लिए इस मंच का लाभ उठाता है। आज, इस समूह की प्रासंगिकता पर बहस होने लगी  है क्योंकि कुछ लोग इसे औपनिवेशिक अवशेष के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे भारत के लिए एक मूल्यवान कूटनीतिक संपत्ति के रूप में देखते हैं।

Enroll now for UPSC Online Course

भारत के लिए राष्ट्रमंडल समूह की समकालीन प्रासंगिकता

  • व्यापार और निवेश को बढ़ावा देता है: राष्ट्रमंडल समूह एक ऐसा नेटवर्क प्रदान करता है, जो व्यापार लेनदेन को आसान बनाता है, क्योंकि इसके सदस्यों के  कानूनी और आर्थिक ढाँचे समान हैं । 
    • उदाहरण के लिए: वर्ष 2020 से लेकर वर्ष 2022 के बीच राष्ट्रमंडल देशों के साथ भारत का व्यापार बढ़ा है, जिससे इस नेटवर्क के भीतर कम लेनदेन लागत का लाभ मिला है।
  • जलवायु कार्रवाई और प्रतिरोध का समर्थन करता है: राष्ट्रमंडल कार्यक्रम, भारत के जलवायु कूटनीति लक्ष्यों के साथ संरेखित होते हुए, सुभेद्य राज्यों में संधारणीय विकास और जलवायु प्रतिरोध को प्रोत्साहित करते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: कोरल रीस्टोरेशन और ओशेन मॉनिटरिंग जैसी परियोजनाओं के माध्यम से  कॉमनवेल्थ ब्लू चार्टर तटीय देशों की सहायता करता है।
  • शैक्षिक और सांस्कृतिक विनिमय को बढ़ावा देता है: छात्रवृत्ति और विनिमय कार्यक्रम, अकादमिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देते हैं, जिससे भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंध मजबूत होते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से, हजारों भारतीय छात्र विदेश में अध्ययन करते हैं, जिससे लोगों के बीच अच्छे संबंध बनते हैं।
  • वैश्विक स्वास्थ्य चिंताओं को संबोधित करता है: राष्ट्रमंडल समूह की  स्वास्थ्य पहलें, बीमारी की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत के स्वास्थ्य सेवा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है। 
    • उदाहरण के लिए: कोविड-19 महामारी के दौरान सदस्य देशों को भारत द्वारा किये गये वैक्सीन वितरण ने राष्ट्रमंडल में इसकी स्वास्थ्य कूटनीति को मजबूत किया।
  • बहुपक्षीय कूटनीति को मजबूत करता है: राष्ट्रमंडल समूह,भारत को पारंपरिक गठबंधनों से बाहर के देशों के साथ जुड़ने, अफ्रीकी और कैरेबियाई देशों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक तटस्थ मंच प्रदान करता है । 
    • उदाहरण के लिए: भारत ने राष्ट्रमंडल कार्यक्रमों के माध्यम से अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को गहरा किया है तथा विकास और व्यापार पहलों को आगे बढ़ाया है

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और औपनिवेशिक अवशेष के रूप में धारणा

  • औपनिवेशिक उत्पत्ति और विरासत: वर्ष 1931 में स्थापित राष्ट्रमंडल समूह की औपनिवेशिक जड़ें इसे एक आधुनिक गठबंधन के बजाय पुराना गठबंधन मानने की धारणा को बढ़ावा देती हैं।
  • पूर्व उपनिवेशों में मिश्रित भावना: कुछ सदस्य इसे ब्रिटिश प्रभाव का विस्तार मानते हैं, जिससे भागीदारी के संबंध में दुविधा उत्पन्न होती है। 
    • उदाहरण के लिए: औपनिवेशिक संबंधों का हवाला देते हुए कुछ कैरेबियाई राष्ट्र अपनी सदस्यता के संबंध में संदेह व्यक्त करते हैं।
  • व्यावहारिक संबंधों से अधिक प्रतीकात्मक संबंध: आलोचकों का तर्क है, कि राष्ट्रमंडल एक प्रतीकात्मक इकाई के रूप में अधिक काम करता है जिसका वैश्विक मुद्दों पर सीमित प्रभाव है। 
    • उदाहरण के लिए: राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलनों में अक्सर बाध्यकारी प्रस्तावों का अभाव होता है, जिसके कारण इसे  ‘सिर्फ नाम का समूह ‘ माना जाने लगा है।
  • पदानुक्रमिक संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण: राष्ट्रमंडल समूह की U.K केंद्रित संरचना असंतुलित प्रतिनिधित्व को लेकर चिंता उत्पन्न करती है, जो सदस्यों के बीच समानता की धारणा को प्रभावित करती है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत के प्रभाव के बावजूद, राष्ट्रमंडल सचिवालय काफी हद तक U.K-केंद्रित बना हुआ है।
  • ब्रिटिश-विमुक्ति का आह्वान: कई आंदोलन एक ऐसे ‘ब्रिटिश-विमुक्त’ राष्ट्रमंडल की वकालत करते हैं, जो सदस्य राष्ट्रों की विविध पहचानों के साथ संरेखित हो। 
    • उदाहरण के लिए: बारबाडोस का गणतंत्र बनने का निर्णय राष्ट्रमंडल के एक स्वतंत्र, गैर-ब्रिटिश प्रमुख की माँग को रेखांकित करता है।

राष्ट्रमंडल द्वारा प्रदत्त ठोस राजनयिक और रणनीतिक हित

  • अफ्रीका और कैरिबियन में प्रभाव का विस्तार: राष्ट्रमंडल के माध्यम से, भारत ने अफ्रीकी और कैरिबियन देशों के साथ दक्षिण-दक्षिण सहयोग और साझेदारी को मजबूत किया है। 
    • उदाहरण के लिए: अफ्रीका में भारत की विकास परियोजनाएँ, जैसे क्षमता निर्माण कार्यक्रम , राष्ट्रमंडल संबंधों का लाभ उठाती हैं।
  • चीन के प्रभाव का प्रतिकार: भारत, चीन के आर्थिक विस्तार का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रमंडल का उपयोग करता है, विशेष रूप से अफ्रीका और इंडो-पैसिफिक क्षेत्रों में। 
    • उदाहरण के लिए: अफ्रीका में भारत की निवेश पहल चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के विकल्प के रूप में कार्य करती है।
  • सॉफ्ट पावर प्रोजेक्शन: राष्ट्रमंडल समूह, भारत को सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलों के माध्यम से अपनी सॉफ्ट पावर को प्रदर्शित करने की सुविधा प्रदान करता है। 
    • उदाहरण के लिए: राष्ट्रमंडल खेल आयोजनों में भारत की भागीदारी इसकी सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देती है।
  • नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देना: व्यापार, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा में अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का समर्थन करते हुए भारत, राष्ट्रमंडल के भीतर नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था की वकालत करता है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत राष्ट्रमंडल बैठकों में समुद्री सुरक्षा पर जोर देता है, जो उसकी इंडो-पैसिफिक रणनीति के साथ संरेखित है।
  • विकास परियोजनाओं के लिए सहायता: राष्ट्रमंडल कोष में भारत का योगदान इसके कूटनीतिक लक्ष्यों के अनुरूप है, जो स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढाँचे और शिक्षा परियोजनाओं में मदद करता  है। 
    • उदाहरण के लिए: राष्ट्रमंडल लघु राज्य कार्यालय के लिए निधि प्रदान करने से वैश्विक मंचों पर छोटे राज्यों के प्रतिनिधित्व की सुविधा मिलती है।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

आगे की राह 

  • विकास साझेदारियों पर ध्यान: स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और प्रौद्योगिकी में उन्नत विकास सहयोग राष्ट्रमंडल को अधिक प्रासंगिक बना सकता है।
  • नेतृत्व संरचना का ब्रिटिशीकरण समाप्त करना: समावेशी नेतृत्व मॉडल की ओर बढ़ने से समानता और आधुनिकता की धारणा में सुधार होगा।
  • जलवायु कार्रवाई पहलों को मजबूत करना: संवेदनशील द्वीप राष्ट्रों के लिए जलवायु प्रतिरोध कार्यक्रमों को प्राथमिकता देना इस समूह की प्रासंगिकता को बढ़ा सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: द्वीप सदस्यों के लिए अनुकूलन रणनीतियों को वित्तपोषित करने से जलवायु खतरों की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी।
  • क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना: क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व ढांचा बनाने से समावेशिता बढ़ेगी  और सभी सदस्यों की निर्णयन शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगी।
  • कार्यक्रमों के लिए वित्तीय योगदान में वृद्धि: आर्थिक रूप से उन्नत सदस्यों से अधिक योगदान मिलने से वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास पर कार्यक्रम के प्रभाव को बढ़ावा मिलेगा।

अपने ऐतिहासिक संबंधों के साथ राष्ट्रमंडल समूह, कूटनीति, व्यापार और विकास सहयोग के  एक मंच के रूप में भारत के लिए प्रासंगिक बना हुआ है। औपनिवेशिक धारणाओं को संबोधित करना, समावेशिता को बढ़ावा देना और जलवायु एवं विकास पहलों को बढ़ाना, इसे भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण संपत्ति बना सकता है । एक पुनर्जीवित राष्ट्रमंडल  बहुध्रुवीय विश्व में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकता है , जो संधारणीय प्रगति और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

To Download Toppers Copies: Click here

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.