[maxmegamenu location=footer]

Q. वर्ष 1945 से, संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य वैश्विक शांति बनाए रखना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना रहा है, लेकिन इसकी प्रासंगिकता पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं। इसकी घटती प्रभावशीलता में योगदान देने वाले कारकों पर चर्चा कीजिए और इस वैश्विक संस्था को मजबूत बनाने के लिए सुधारों का सुझाव दीजिए। (10 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • संयुक्त राष्ट्र की घटती प्रभावशीलता में योगदान देने वाले कारक।
  • इस वैश्विक संस्था को मजबूत करने के लिए सुधारों का सुझाव दीजिए।

उत्तर

भूमिका

संयुक्त राष्ट्र (UN) की स्थापना वर्ष 1945 में युद्धों को रोकने, अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। यद्यपि इसने तीसरे विश्वयुद्ध को टालने जैसी उल्लेखनीय सफलताएँ हासिल की हैं, किंतु संरचनात्मक, वित्तीय और भू-राजनीतिक चुनौतियों के कारण इसकी प्रभावशीलता पर लगातार प्रश्नचिह्न लग रहे हैं।

मुख्य भाग

संयुक्त राष्ट्र की घटती प्रभावशीलता के कारक

  • स्थायी सदस्यों की वीटो शक्ति: पाँच स्थायी सदस्य (अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्राँस) में से कोई भी प्रस्तावों को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे संकटों में UN की कार्यक्षमता सीमित हो जाती है।
    • उदाहरण: वर्ष 2014 में रूस के वीटो के कारण UN, यूक्रेन में शांति सैनिकों की तैनाती नहीं कर सका।
  • प्रमुख योगदानकर्ताओं पर अत्यधिक निर्भरता: अमेरिका और चीन जैसे देशों पर वित्तीय निर्भरता UN को इन देशों के राजनीतिक या बजटीय निर्णयों के प्रति संवेदनशील बनाती है।
    • उदाहरण:  प्रस्तावित वर्ष 2026 का अमेरिकी बजट UN के वित्तपोषण में 80% से अधिक कटौती का सुझाव देता है, जिससे SDG कार्यान्वयन पर खतरा है। (अमेरिका UN के बजट का लगभग 20% योगदान करता है)।
  • संघर्ष निवारण में विफलता: युद्ध, नरसंहार और मानवीय संकटों को रोकने में बार-बार असफलता ने UN की विश्वसनीयता को कमजोर किया है।
    • उदाहरण:  इजरायल-गाजा, सूडान और इससे पहले रवांडा संकट में निष्क्रियता।
  • नौकरशाही अक्षमता: बड़े पैमाने पर संचालन और प्रशासनिक बोझ के कारण UN की प्रतिक्रिया क्षमता कम हो जाती है।
    • उदाहरण: 80 वर्षों में UN ने आधा ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया, फिर भी फील्ड मिशनों में समन्वय धीमा बना हुआ है।
  • भू-राजनीतिक पक्षपात और जमीनी वास्तविकताओं से दूरी: न्यूयॉर्क में मुख्यालय और शक्तिशाली राष्ट्रों का प्रभाव इसे संघर्ष क्षेत्रों और स्थानीय आवश्यकताओं से दूर रखता है।
    • उदाहरण: आलोचक सुझाव देते हैं कि स्थिति-आधारित प्रतिक्रिया सुधारने हेतु मुख्यालय को संघर्ष-प्रवण क्षेत्रों के निकट स्थानांतरित किया जाए।

संयुक्त राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए सुधार

  • वीटो शक्ति को सीमित या सुधारना: वीटो के प्रभाव को कम करने से संकटों में तेज निर्णय लेने और निष्पक्षता बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
  • संचालन दक्षता को बढ़ाना: नौकरशाही प्रक्रियाओं को सरल बनाना, पुनरावृत्तियों को कम करना और संसाधनों का बेहतर आवंटन करना।
    • उदाहरण: UN80 सुधार योजना का लक्ष्य मुख्य बजट में 20% कटौती और हजारों नौकरियों में कमी कर दक्षता बढ़ाना है।
  • शांति रक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करना: UN मिशनों को स्वायत्त त्वरित तैनाती क्षमताओं से लैस करना, ताकि सुरक्षा परिषद की स्वीकृति पर कम निर्भर रहना पड़े।
    • उदाहरण: संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों के लिए स्थायी त्वरित-प्रतिक्रिया ब्रिगेड का गठन।
  • कार्यों का पुनर्स्थापन या क्षेत्रीयकरण: संघर्ष और आपदा क्षेत्रों के निकट क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करना, ताकि बेहतर समन्वय और जमीनी प्रभाव सुनिश्चित हो सके।
    • उदाहरण:  किगाली, अलेप्पो या कीव जैसे क्षेत्रों में अस्थायी घूर्णन कार्यालय स्थापित करना।

निष्कर्ष

यद्यपि संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियाँ उल्लेखनीय रही हैं, परंतु इसकी संरचनात्मक और संचालन संबंधी सीमाओं ने इसकी प्रासंगिकता को कमजोर किया है। विशेषकर वीटो शक्ति, वित्तपोषण, दक्षता और जमीनी सहभागिता से जुड़े रणनीतिक सुधार, संयुक्त राष्ट्र को सुदृढ़ बना सकते हैं, जिससे यह वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत् विकास के लिए अधिक प्रभावी साधन बन सके।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.