Q. भारत के निर्यात-संचालित क्षेत्रों के लिए पुनः-औद्योगीकरण और आत्मनिर्भरता पर अमेरिका के जोर के निहितार्थों का मूल्यांकन कीजिये। संभावित व्यवधानों को कम करने के लिए भारत अपनी व्यापार रणनीति को कैसे अनुकूलित कर सकता है? (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • भारत के निर्यात-संचालित क्षेत्रों के लिए पुनः-औद्योगीकरण पर अमेरिकी जोर के निहितार्थ का मूल्यांकन कीजिए।
  • भारत के निर्यात-संचालित क्षेत्रों के लिए आत्मनिर्भरता पर अमेरिकी जोर के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
  • इस बात की व्याख्या कीजिए कि भारत संभावित व्यवधानों को कम करने के लिए अपनी व्यापार रणनीति को किस प्रकार अनुकूलित कर सकता है।

उत्तर

हाल ही में हुए अमेरिकी चुनावों के साथ , संयुक्त राज्य अमेरिका में पुनः औद्योगीकरण और आत्मनिर्भरता पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है। इस रणनीतिक बदलाव का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है, जिसका भारत जैसे देशों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जिनके निर्यात-संचालित क्षेत्र अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।

Enroll now for UPSC Online Course

भारत के निर्यात-संचालित क्षेत्रों पर अमेरिकी पुनः-औद्योगीकरण का प्रभाव

  • बाजार तक पहुँच में कमी: जैसे-जैसे अमेरिका घरेलू उत्पादन को बढ़ाएगा, आयातित वस्तुओं की माँग में कमी आ सकती है, जिससे भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत का वस्त्र उद्योग, जिसने 2022 में अमेरिका को 8 बिलियन डॉलर का माल निर्यात किया था, उसे कम ऑर्डर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा: स्थानीय विनिर्माण के लिए अमेरिकी प्रोत्साहनों से प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण हो सकता है, जिससे भारतीय निर्यातकों को चुनौती मिल सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: U.S. चिप्स अधिनियम घरेलू सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पर असर पड़ता है।
  • आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव: अमेरिकी कंपनियाँ स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के पक्ष में आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनः अभिकल्पित कर सकती हैं, जिससे भारतीय घटकों पर निर्भरता कम हो जाएगी। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिकी ऑटोमोबाइल निर्माता घरेलू स्तर पर हे ऑटोमोबाइल पार्ट्स की खरीदारी कर सकते हैं, जिससे भारत के ऑटो पार्ट्स उद्योग पर असर पड़ सकता है।
  • टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाएँ: नवीन उद्योगों की रक्षा के लिए, अमेरिका टैरिफ या कड़े मानक लागू कर सकता है, जिससे भारतीय निर्यात में बाधा उत्पन्न हो सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: स्टील आयात पर उच्च टैरिफ भारत के स्टील क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, जिसने वर्ष 2022 में अमेरिका को 1.5 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था

भारत के निर्यात-संचालित क्षेत्रों पर अमेरिकी आत्मनिर्भरता का प्रभाव

  • व्यापार नीतियों में बदलाव: अमेरिका द्वारा आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करने से व्यापार समझौतों पर फिर से बातचीत हो सकती है, जिससे भारत की निर्यात शर्तें प्रभावित हो सकती हैं। 
    • उदाहरण के लिए: जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेस (GSP) में संशोधन से भारतीय निर्यातकों के लिए लाभ बदल सकते हैं।
  • तकनीकी उन्नति: प्रौद्योगिकी में अमेरिकी निवेश से बेहतर उत्पाद तैयार हो सकते हैं, जो भारतीय निर्यात को चुनौती दे सकते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में उन्नति, भारत के सौर पैनल निर्यात को प्रभावित कर सकती है
  • विनियामक परिवर्तन: स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सख्त अमेरिकी नियम भारतीय निर्यातकों के लिए बाधाएँ उत्पन्न कर सकते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: नए FDA नियम भारत के अमेरिका को दवा निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं।
  • भारतीय क्षेत्रों में अमेरिकी निवेश में कमी: घरेलू उद्योग पर अमेरिकी जोर के कारण कुछ भारतीय क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में कमी आ सकती है, जिससे विनिर्माण और आईटी जैसे उद्योगों में होने‌ वाली वृद्धि धीमी हो सकती है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत के तकनीकी क्षेत्र में कम अमेरिकी FDI, आईटी सेवाओं की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है , जो भारत के सबसे बड़े निर्यात आयकों में से एक है।
  • महत्वपूर्ण उद्योगों पर ध्यान: रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी आत्मनिर्भरता, भारत से होने वाले आयात को कम कर सकती है।

संभावित व्यवधानों को कम करने के लिए भारत की व्यापार रणनीति को अनुकूलित करना

  • बाजार विविधीकरण: निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका से परे निर्यात बाजारों का विस्तार करना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: यूरोपीय संघ के देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने से संभावित नुकसान की भरपाई हो सकती है।
  • उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाना: वैश्विक मानकों को पूरा करने और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए गुणवत्ता सुधार में निवेश करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: ISO प्रमाणपत्र अपनाने से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विश्वसनीयता बढ़ सकती है।
  • व्यापार समझौतों का लाभ उठाना: नए बाजारों और अनुकूल शर्तों के लिए मौजूदा व्यापार समझौतों का उपयोग करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते के तहत मिलने वाले लाभों का उपयोग करते हुए दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजार की संभावनाओं को तलाशा जा सकता है।
  • प्रौद्योगिकी में निवेश: कार्यकुशलता बढ़ाने और लागत कम करने के लिए विनिर्माण प्रक्रियाओं को उन्नत करना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: इनडस्ट्री 4.0  प्रौद्योगिकियों को लागू करने से ऑटोमोटिव क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है।
  • नीतिगत पक्षकारिता: अमेरिका के साथ अनुकूल व्यापार शर्तों पर वार्ता करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों में संलग्न होना होगा। 
    • उदाहरण के लिए: द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में भाग लेने से विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं का समाधान हो सकता है।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

नए अमेरिकी प्रशासन के तहत पुनः औद्योगिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर अमेरिका का संभावित जोर, भारत के निर्यात-संचालित क्षेत्रों के लिए चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। बाजारों में विविधता लाकर, उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर, व्यापार समझौतों का लाभ उठाकर, प्रौद्योगिकी में निवेश करके और नीति पक्षकारिता में शामिल होकर, भारत संभावित व्यवधानों को कम करने और आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए अपनी व्यापार रणनीति को अनुकूलित कर सकता है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

To Download Toppers Copies: Click here

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.