प्रश्न की मुख्य माँग
- गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के बावजूद गरीबी के जारी रहने के कारण।
- आगे की राह।
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उत्तर
गरीबी में कमी लाने में उल्लेखनीय प्रगति, जो नीति आयोग के MPI में गिरावट (स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर) 29.17% (2013-14) से 11.28% (2022-23) से स्पष्ट है, के बावजूद भारत बहुआयामी गरीबी में रहने वाली सबसे बड़ी आबादी में से एक है। आर्थिक विकास और नीतिगत हस्तक्षेपों के बावजूद गरीबी का यह सिलसिला गहरी संरचनात्मक और कार्यान्वयन-स्तर की चुनौतियों को दर्शाता है ।
निरंतर गरीबी के कारण
- कम कृषि उत्पादकता: अधिकांश गरीब लोग कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन छोटी जोत और खराब सिंचाई के कारण उनकी आय सीमित हो जाती है।
- रोजगार में उच्च अनौपचारिकता: अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में नौकरी की सुरक्षा और सामाजिक संरक्षण का अभाव है।
- उदाहरण: भारतीय कार्यबल का 90% से अधिक हिस्सा अनौपचारिक रोजगार में संलग्न है।
- तीव्र जनसंख्या वृद्धि: उच्च जनसंख्या नौकरियों, सेवाओं और कल्याण संसाधनों पर दबाव बढ़ाती है।
- उदाहरण: वर्तमान में, प्रत्येक वर्ष भारत की जनसंख्या में 15 मिलियन लोग जुड़ते हैं, जो दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा है।
- सामाजिक भेदभाव और बहिष्कार: हाशिए पर पड़े समूहों को अवसरों और अधिकारों से प्रणालीगत बहिष्कार का सामना करना पड़ता है।
- विकास में क्षेत्रीय असमानताएँ: आर्थिक विकास कुछ ही राज्यों में केंद्रित है, जिससे अंतर-राज्यीय गरीबी का अंतर बढ़ता जा रहा है।
- उदाहरण: नीति आयोग के MPI (2019-21) के अनुसार, बिहार में बहुआयामी गरीबी दर 33% है, जबकि केरल में यह दर केवल 0.7% है, जो गहरी असमानताओं को उजागर करती है।
- जलवायु और आपदा भेद्यता: लगातार आने वाली जलवायु आपदाएँ गरीबों के बीच विकास संबंधी लाभ को उलट देती हैं।
- उदाहरण के लिए: IDMC की आंतरिक विस्थापन पर वैश्विक रिपोर्ट (GRID) के अनुसार, भारत में वर्ष 2024 में जलवायु संबंधी आपदाओं से 5.4 मिलियन आंतरिक विस्थापन दर्ज किए गए, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है।
आगे की राह
- छोटे किसानों के लिए कृषि उत्पादकता को मजबूत करना: छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए मशीनीकरण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है।
- उदाहरण: दूरस्थ रोपाई से चावल की पैदावार में 10-12% की वृद्धि हुई, जिससे छोटे किसानों की आय में सुधार हुआ।
- कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना: व्यक्तियों को कौशल प्रदान करना और उद्यमिता को बढ़ावा देना स्थायी आजीविका को सक्षम बनाता है।
- उदाहरण: दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-JKY) ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता और आय क्षमता बढ़ती है।
- किसान उत्पादक संगठनों (FPI) को समर्थन: छोटे किसानों की बाजार पहुँच और सौदेबाजी की शक्ति बढ़ाने के लिए FPO को मजबूत करना चाहिए।
- उदाहरण: कृषक समृद्धि योजना प्रत्यक्ष बाजार संपर्क को सक्षम करके और बिचौलियों को कम करके FPO को सशक्त बनाती है।
- खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करना: गरीबी उन्मूलन के लिए भूख और कुपोषण को संबोधित करना महत्त्वपूर्ण है।
- उदाहरण: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) भूख और कुपोषण को कम करने के लिए भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी को सब्सिडी वाले खाद्यान्न सुनिश्चित करता है ।
- स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छता तक पहुँच बढ़ाना: स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार से गरीबी के चक्र को तोड़ा जा सकता है।
- उदाहरण: आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करता है, जबकि स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता और सफाई पर केंद्रित है।
निष्कर्ष
आगे बढ़ते हुए, अमर्त्य सेन द्वारा परिकल्पित क्षमताओं का विस्तार करना आवश्यक है। इसके साथ ही योजना-केंद्रित से सिस्टम-उन्मुख हस्तक्षेपों में बदलाव होना चाहिए, जो समानता, समावेशन और जलवायु प्रतिरोध को प्राथमिकता देते हैं। तभी गरीबी उन्मूलन वास्तव में परिवर्तनकारी बन सकता है, न कि केवल एक सांख्यिकीय उपलब्धि।
PWONLYIAS विशेष
भारत में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): यह ग्रामीण परिवारों को सालाना 100 दिन की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करता है।
- उदाहरण: वित्त वर्ष 2023-24 में, इस योजना से 300 व्यक्ति-दिवस सृजित हुए।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY): यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत
लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न सुनिश्चित करती है।
- उदाहरण: कोविड-19 महामारी के दौरान , पीएमजीकेएवाई के तहत प्रति व्यक्ति मासिक 5 किलोग्राम खाद्यान्न निःशुल्क वितरित किया गया।
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY): यह शून्य शेष खातों और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है।
- उदाहरण: वर्ष 2025 तक, 50 करोड़ से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। PMJDY के तहत खाते खोले गए, जिससे नकद रहित लाभ वितरण संभव हुआ।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना-NRLM: यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों ( SHG ) और महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों का समर्थन करता है।
- उदाहरण: वर्ष 2024 तक 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को एसएचजी में शामिल किया गया, जिससे आय और बचत में सुधार हुआ।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP): यह गरीबी रेखा से नीचे ( BPL ) रहने वाले परिवारों
को वृद्धावस्था, विधवा और विकलांगता पेंशन प्रदान करता है।
- उदाहरण: NSAP ने 3.4 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को ₹500/माह तक की पेंशन दी ।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): यह वित्तीय सहायता के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को किफायती आवास प्रदान करती है।
- उदाहरण: वर्ष 2024 तक PMAY-ग्रामीण के तहत 3 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई।
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