Q. हालिया राजनीतिक अशांति को देखते हुए, भारत को बांग्लादेश में अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने चाहिए जबकि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा भी देना चाहिए? (10 ‌अंक,150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य मांग:

  • बांग्लादेश में हाल की राजनीतिक उथल-पुथल पर प्रकाश डालिये।
  • हाल के राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देते हुए बांग्लादेश में अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए भारत को क्या उपाय करने चाहिए, इस पर चर्चा कीजिए।

 

उत्तर:

बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक उथल-पुथल और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे ने इस क्षेत्र में भारत के निवेश और आर्थिक हितों के लिए  अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न कर दी है। बदलती राजनीतिक गत्यात्मकता के कारण बुनियादी ढांचे, फार्मास्यूटिकल्स और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में भारत के पूंजी निवेश को संभावित जोखिम का सामना करना पड़ रहा है । वर्तमान स्थिति, द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बनाए रखते हुए इन निवेशों की सुरक्षा के लिए सुनियोजित रणनीति की मांग करती है।

बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल:

  • शेख हसीना का इस्तीफा: प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे से बांग्लादेश में राजनीतिक रिक्तता उत्पन्न हो गई है, जिससे देश की
    स्थिरता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे विदेशी निवेशकों विशेष रूप से भारतीय कंपनियों के लिए अनिश्चितता का माहौल बन गया है। उदाहरण के लिए : नई सरकार द्वारा संभावित विनियामक परिवर्तनों के कारण बांग्लादेश के खाद्य तेल और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों में भारतीय निवेश को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • इंडिया आउट” आंदोलन: बांग्लादेश में विपक्ष ने भारत विरोधी भावनाओं का लाभ उठाया है, जिसके कारण ” इंडिया आउट  आंदोलन शुरू हुआ है। इस आंदोलन में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के बहिष्कार का आह्वान किया गया है , जिससे बांग्लादेश में संचालित भारतीय व्यवसायों को संभावित रूप से खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
    उदाहरण के लिए : भारत विरोधी भावना बढ़ने के कारण बांग्लादेश में संचालित भारतीय FMCG कंपनियों की बिक्री में कमी आ सकती है।
  • विनियामक अनिश्चितता: अंतरिम सरकार या कोई भी नया प्रशासन मौजूदा कानूनों में बदलाव कर सकता है , जिससे भारतीय कंपनियों सहित अन्य विदेशी व्यवसायों का विनियामक वातावरण प्रभावित हो सकता है।
    उदाहरण के लिए : भारतीय कंपनियों के लिए स्थापित विशेष आर्थिक क्षेत्रों के नियम और शर्तों में बदलाव हो सकता है, जिससे लाभप्रदता प्रभावित हो सकती है।
  • आर्थिक अस्थिरता: राजनीतिक अस्थिरता ने बांग्लादेश की आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंताएँ उत्पन्न कर दी हैं, जिसका संभावित असर उसकी मुद्रा और समग्र निवेश वातावरण पर पड़ सकता है।
    उदाहरण के लिए : आर्थिक व्यवधानों के कारण बांग्लादेश में‌ चल‌ रही भारतीय अवसंरचना परियोजनाओं को देरी या  लागत में बढ़ोत्तरी का सामना करना पड़ सकता है।
  • सुरक्षा चिंताएँ: राजनीतिक उथल-पुथल ने सुरक्षा चिंताओं को भी बढ़ा दिया है, विशेष रूप से बांग्लादेश में भारतीय संपत्तियों और कर्मियों के लिए। भारतीय व्यवसायों या अवसंरचनाओं पर लक्षित हमलों का खतरा है।

भारत को अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • कूटनीतिक जुड़ाव को मजबूत करना: भारत को अपने निवेश को सुरक्षित करने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ कूटनीतिक रूप से जुड़ना चाहिए। इसके अंतर्गत भारतीय पूंजी की सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय वार्ता और समझौते किये जा सकते हैं। उदाहरण के लिए : यह सुनिश्चित करने के लिए कि नियामक परिवर्तनों से भारतीय निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, भारत द्विपक्षीय समझौतों का सहारा ले सकता  है ।
  • द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) का उपयोग करना: भारतीय कंपनियों को भारत-बांग्लादेश बीआईटी का लाभ उठाना चाहिए, जो अनुचित व्यवहार और अधिग्रहण के खिलाफ
    कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है। यदि कोई प्रतिकूल विनियामक कार्रवाई होती है तो इस संधि का उपयोग किया जा सकता है । उदाहरण के लिए : अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरणों में किसी भी भेदभावपूर्ण उपायों को चुनौती देने के लिए भारतीय फर्म, बीआईटी के निष्पक्ष और न्यायसंगत उपचार (FET) खंड का उपयोग कर सकती हैं ।
  • निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाना: भारत को अपने व्यवसायों को, बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपने निवेश में विविधता लाने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे क्षेत्र-विशिष्ट विनियामक परिवर्तनों का प्रभाव कम हो जाएगा।
    उदाहरण के लिए : भारतीय कंपनियां अक्षय ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं, जिन पर राजनीतिक परिवर्तनों का प्रभाव कम होने की संभावना होती है।
  • सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना: बांग्लादेश में स्थित भारतीय कंपनियों को राजनीतिक हिंसा बढ़ने की स्थिति में अपनी
    संपत्तियों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना चाहिए। उदाहरण के लिए : उन्नत निगरानी प्रणाली लागू करना और स्थानीय सुरक्षा कर्मियों को नियुक्त करना, भारतीय व्यवसायों की सुरक्षा में मदद कर सकता है।
  • कानूनी तैयारी: भारतीय निवेशकों को मजबूत कानूनी प्रतिनिधित्व हासिल करके और यदि आवश्यक हो तो
    अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में शामिल होने के लिए तैयार रहकर संभावित कानूनी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए। उदाहरण के लिए : भारतीय फर्म, किसी भी कानूनी आकस्मिकता के लिए तैयार रहने हेतु निवेश विवादों में अनुभवी अंतरराष्ट्रीय कानूनी फर्मों से परामर्श कर सकती हैं ।

बांग्लादेश में चल‌ रहे राजनीतिक उथल-पुथल, भारत के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां और अवसर प्रस्तुत करते हैं। कूटनीतिक जुड़ाव, कानूनी तत्परता और रणनीतिक निवेश सहित अन्य बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाकर भारत अपनी पूंजी की रक्षा कर सकता है और मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दे सकता है। भारतीय निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय उपाय और क्षेत्रीय सहयोग महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.