Q. एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व से उसके क्षेत्रीय पड़ोसियों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों की जाँच कीजिये। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए तथा क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देते हुए ऐसी रणनीतिक चिंताओं का किस प्रकार संतुलित कर सकता है? (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग 

  • एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व से उसके क्षेत्रीय पड़ोसियों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का परीक्षण कीजिए।
  • चर्चा कीजिए कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व का जवाब कैसे दे सकता है।
  • चर्चा कीजिए कि भारत क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देते हुए एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व का जवाब कैसे दे सकता है।

उत्तर

चीन के बढ़ते सैन्य प्रभुत्व ने क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य को काफी हद तक बदल दिया है, जिससे उसके पड़ोसियों में चिंता उत्पन्न  हो गई है। उन्नत सैन्य क्षमताओं, रणनीतिक बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और मुखर क्षेत्रीय दावों के साथ, चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाया है। इसने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं, जिसके लिए भारत जैसे देशों को अपने हितों की रक्षा करने और शांति बनाए रखने के लिए रणनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है ।

Enroll now for UPSC Online Course

एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व से उत्पन्न चुनौतियाँ

  • क्षेत्रीय विवाद और विस्तारवाद: दक्षिण चीन सागर और भारत-चीन सीमा पर चीन के क्षेत्रीय दावे क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती देते हैं, जिससे अक्सर सैन्य संघर्ष है।
    • उदाहरण के लिए: दक्षिण चीन सागर में चीन के नाइन-डैश लाइन दावे ने कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ विवाद को जन्म दिया है, जिससे नौवहन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुँचा है।
  • सामरिक अवसंरचना और सैन्य अड्डे: चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) ने प्रमुख क्षेत्रों में सैन्य परिसंपत्तियों के निर्माण की अनुमति दी है, जिससे पड़ोसी देशों के पास इसकी सैन्य उपस्थिति बढ़ गई है। 
    • उदाहरण के लिए: जिबूती में एक सैन्य अड्डे और श्रीलंका व पाकिस्तान में रणनीतिक बंदरगाहों का निर्माण हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के प्रभाव को बढ़ाता है, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएँ प्रभावित होती हैं।
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति प्रक्षेपण: चीन का नौसैनिक विस्तार और सैन्य आधुनिकीकरण इंडो-पैसिफिक में शक्ति संतुलन के लिए एक सीधी चुनौती है, जहाँ जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे राष्ट्र इससे चिंतित हैं। 
    • उदाहरण के लिए: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति और ताइवान जलडमरूमध्य मलक्का जलडमरूमध्य के पास निरंतर सैन्य अभ्यास ने क्षेत्रीय सुरक्षा के संबंध में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
  • सैन्य साधनों के माध्यम से आर्थिक लाभ: चीन की सैन्य शक्ति ,अक्सर उसके आर्थिक प्रभाव के साथ-साथ चलती है, जिसका उपयोग वह क्षेत्रीय प्रभुत्व स्थापित करने और छोटे देशों की रणनीतिक स्वायत्तता को सीमित करने के लिए करता है। 
    • उदाहरण के लिए: श्रीलंका में चीन की ऋण-जाल (Debt-Trap) कूटनीति, हिंद महासागर में इसकी सैन्य उपस्थिति के साथ मिलकर, इस बात पर प्रकाश डालती है कि आर्थिक निर्भरता सैन्य लाभ में कैसे तब्दील हो सकती है।
  • प्रतिरोध और सैन्य तैनाती: चीन का सैन्य निर्माण उसके पड़ोसियों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करता है, जिससे वे चीनी आक्रामकता का सामना करने में हिचकिचाते हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को बाधित कर सकता है। 
    • उदाहरण के लिए: वर्ष 2017 भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध चीन द्वारा क्षेत्रीय दावों को पुष्ट करने के लिए सैन्य तैनाती का प्रयोग करने का उदाहरण है, जिससे भारत के अपने क्षेत्रीय पड़ोसियों के साथ संबंध प्रभावित हुए हैं।

राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए चीन के सैन्य प्रभुत्व पर भारत की प्रतिक्रिया

  • रणनीतिक गठबंधनों को मजबूत करना: भारत ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए रणनीतिक गठबंधन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है, विशेषकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में। 
    • उदाहरण के लिए: अमेरिका , जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ QUAD में भारत की भागीदारी सैन्य सहयोग को मजबूत करती है और चीन के आक्रामक व्यवहार का सामूहिक जवाब सुनिश्चित करती है।
  • रक्षा क्षमताओं का आधुनिकीकरण: भारत को चीनी आक्रामकता को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए अपनी रक्षा क्षमताओं को उन्नत करना चाहिए, विशेषकर साइबर युद्ध, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और मिसाइल रक्षा जैसे क्षेत्रों में। 
    • उदाहरण के लिए: रूस से भारत की S-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद और ब्रह्मोस मिसाइल विकास, चीन की बढ़ती मिसाइल और वायु शक्ति के खिलाफ उसकी रक्षा को मजबूत करता है।
  • आर्थिक प्रत्यास्थता का निर्माण करना: आर्थिक आत्मनिर्भरता और रणनीतिक साझेदारी भारत को चीन के आर्थिक लाभ के प्रति अपनी भेद्यता कम करने में मदद कर सकती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। 
    • उदाहरण के लिए: आत्मनिर्भर भारत पहल भारत को स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए चीन पर निर्भरता कम होती है।
  • समुद्री सुरक्षा में वृद्धि: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति का मुकाबला करने के लिए भारत का अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने और नौसैनिक क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। 
    • उदाहरण के लिए: भारत ने चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित करते हुए जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ नौसैनिक सहयोग को मजबूत किया है।
  • कूटनीतिक जुड़ाव और सॉफ्ट पावर: भारत को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए सॉफ्ट पावर का उपयोग करते हुए, चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ क्षेत्रीय आम सहमति बनाने के लिए कूटनीतिक प्रयासों का भी उपयोग करना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: ASEAN मंचों में भारत की सक्रिय भूमिका और इसकी एक्ट ईस्ट नीति दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देती है, जिससे इस क्षेत्र में चीन के आर्थिक और सैन्य प्रभुत्व का मुकाबला किया जा सकता है।

क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देते हुए चीन के सैन्य प्रभुत्व पर भारत की प्रतिक्रिया

  • बहुपक्षीय सहयोग को प्रोत्साहित करना: भारत को क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने और इंडो-पैसिफिक देशों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए बहुपक्षीय ढाँचे को बढ़ावा देना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भारत की भागीदारी सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देती है, जिसमें चीन के प्रभाव का मुकाबला करना भी शामिल है।
  • क्षेत्रीय स्वायत्तता का समर्थन करना: भारत, बाह्य दबावों के खिलाफ अपनी संप्रभुता सुनिश्चित करने में छोटे देशों का समर्थन करके क्षेत्रीय स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता को‌ बढ़ावा दे सकता है। 
  • उदाहरण के लिए: MGC (मेकांग-गंगा सहयोग) जैसी परियोजनाओं के माध्यम से चीनी आर्थिक प्रभाव का विरोध करने में श्रीलंका और नेपाल के लिए भारत का समर्थन, स्वायत्तता को बढ़ावा देने का उदाहरण है।
  • रक्षा में पारदर्शिता को बढ़ावा देना: भारत को क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए रक्षा व्यय और सैन्य गतिविधियों में पारदर्शिता के महत्व पर बल देना चाहिए। 
    • उदाहरण के लिए: भारत का खुला रक्षा बजट और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भागीदारी क्षेत्रीय विश्वास को बढ़ाती है और संघर्ष के जोखिम को कम करती है।
  • आर्थिक विकास के लिए संतुलित दृष्टिकोण: समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर और समान विकास सुनिश्चित करके, भारत चीन के आर्थिक दबाव का मुकाबला कर सकता है और अधिक स्थिर क्षेत्रीय संबंध बना सकता है। 
    • उदाहरण के लिए : बुनियादी ढाँचे में सुधार और ASEAN देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देने पर भारत का ध्यान चीनी परियोजनाओं पर उनकी निर्भरता को कम करता है।
  • शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान को बढ़ावा देना : भारत को क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए कूटनीतिक माध्यमों से
    शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान तंत्र को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना चाहिए। उदाहरण के लिए : भारत-चीन सीमा वार्ता में भारत की भागीदारी और दक्षिण चीन सागर विवादों पर ASEAN के नेतृत्व वाली वार्ता के लिए समर्थन, क्षेत्रीय शांति के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

जैसे-जैसे वैश्विक शक्ति गतिशीलता में परिवर्तन हो रहा है, भारत जैसे देशों को कूटनीतिक और रक्षात्मक उपायों में संलग्न रहना चाहिए। रणनीतिक साझेदारी, रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण और कूटनीतिक जुड़ाव के सही संयोजन के साथ, भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर एशिया के निर्माण में योगदान करते हुए अपने हितों को सुरक्षित कर सकता है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

To Download Toppers Copies: Click here

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.