Q. भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) की परिकल्पना महाद्वीपों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने हेतु एक परिवर्तनकारी संपर्क पहल के रूप में की गई थी। इस संदर्भ में, भारत के लिए IMEC के सामरिक और आर्थिक महत्त्व पर चर्चा कीजिए और विश्लेषण कीजिए कि पश्चिम एशिया में जारी अस्थिरता इसके कार्यान्वयन के लिए किस प्रकार चुनौतियाँ उत्पन्न करती है। (15 अंक, 250 शब्द)
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