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Lokesh Pal
June 13, 2025 05:00
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भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र की आकांक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। जैसा कि वर्ष 2060 के दशक तक, 60% से अधिक जनसंख्या के शहरों में बसने की संभावना है, जिससे शहरी भारत विकास का प्रमुख इंजन बन जाएगा।
अतः शहरीकरण समावेशी और टिकाऊ गतिशीलता समाधानों की मांग करता है, जहाँ ट्राम और अन्य सड़क-आधारित सार्वजनिक परिवहन के संसाधनों को समान नीतिगत महत्व दिया जाना चाहिए। महंगी ई-बसों और मेट्रो सिस्टम पर अत्यधिक निर्भरता से बचने के लिए परिवहन निवेशों में जीवन चक्र लागत विश्लेषण को लागू करना आवश्यक है।
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