हाल ही में, विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर की समन्वय समिति की पहली बैठक दिल्ली में हुई।
उद्देश्य: प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACs) को बहु-सेवा समितियों में परिवर्तित करना।
लाभ: कृषि भंडारण बुनियादी ढाँचे की कमी को दूर करना एवं PACs को खरीद केंद्रों, उचित मूल्य की दुकानों, कस्टम हायरिंग केंद्रों एवं प्रसंस्करण इकाइयों के रूप में संचालित करने के लिए सशक्त बनाना।
इससे खाद्यान्न की बर्बादी कम होगी, खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, मजबूरी में बिक्री पर अंकुश लगेगा, परिवहन व्यय कम होगा और PACs को मजबूत बनाया जा सकेगा।
सफेद फास्फोरस म्यूनिशन
दक्षिणी लेबनान में इजरायल द्वारा सफेद फास्फोरस के व्यापक उपयोग से नागरिकों को गंभीर खतरा हो रहा है तथा नागरिक विस्थापन में योगदान हो रहा है।
परिचय: सफेद फास्फोरस एक पायरोफोरिक पदार्थ (Pyrophoric substance) है, जो ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर स्वतः ही प्रज्वलित हो जाता है, तथा घना, हल्का धुआँ छोड़ता है एवं 815 डिग्री सेल्सियस का तीव्र ताप उत्पन्न करता है।
पायरोफोरिक पदार्थ वे पदार्थ हैं, जो वायु के संपर्क में आने पर स्वतः प्रज्वलित हो जाते हैं या तीव्र गति से जलने लगते हैं (पाँच मिनट के भीतर)।
अंतर्राष्ट्रीय स्थिति: सफेद फास्फोरस को रसायनों के वर्गीकरण और लेबलिंग की वैश्विक सामंजस्यपूर्ण प्रणाली के अंतर्गत ‘पाइरोफोरिक ठोस, श्रेणी 1’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो वायु के संपर्क में आने पर स्वतः ही प्रज्वलित हो जाता है, जिससे यह सबसे अस्थिर पाइरोफोरिक पदार्थों में से एक बन जाता है।
अनुप्रयोग: इसका मुख्य सैन्य अनुप्रयोग धूम्र-परदा के रूप में है, जिसका उपयोग दृश्य अस्पष्टता पैदा करके जमीन पर सैन्य गतिविधियों को छिपाने के लिए किया जाता है।
हानिकारक प्रभाव: सफेद फास्फोरस के संपर्क में आने से गंभीर जलन, श्वसन संबंधी समस्याएँ, एवं बुनियादी ढाँचे, फसलों और पशुधन को नुकसान हो सकता है।
प्रचंड आग, विशेषकर तेज हवा वाली परिस्थितियों में, इन प्रभावों को और अधिक बढ़ा सकती है।
फाइव आइज एलाइस (Five Eyes Allies)
ऑस्ट्रेलियाई सेना में भर्ती केवल ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और अमेरिका के नागरिकों तक ही सीमित रहेगी, जो इस समूह के घटक हैं, जिन्हें आमतौर पर ‘फाइव आइज’ के नाम से जाना जाता है।
‘फाइव आइज’ के बारे में: फाइव आइज एक खुफिया गठबंधन है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं।
ये राष्ट्र बहुपक्षीय UK-USA समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता हैं, जो सिग्नल इंटेलिजेंस में संयुक्त सहयोग को सुविधाजनक बनाने वाली संधि है।
कार्य: देश अक्सर खुफिया जानकारी जुटाने और सुरक्षा से संबंधित मामलों पर सहयोग करते हैं।
कार्यकाल: ‘फाइव आइज इंटेलिजेंस ओवरसाइट एंड रिव्यू काउंसिल’(Five Eyes Intelligence Oversight and Review Council) की स्थापना वर्ष 2016 में की गई थी।
इसमें फाइव आइज देशों की गैर-राजनीतिक खुफिया निगरानी, समीक्षा एवं सुरक्षा इकाइयाँ शामिल हैं।
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