100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

दिल्ली मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी एवं इसके निहितार्थ

Lokesh Pal March 26, 2024 05:04 161 0

संदर्भ

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

एस. रामचंद्रन बनाम वी. सेंथिल बालाजी वाद के बारे में

  • पृष्ठभूमि: तमिलनाडु के पूर्व विद्युत मंत्री बालाजी को ED ने मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालाँकि न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान वह बिना विभाग के राज्य मंत्री बने रहे।
  • मद्रास उच्च न्यायालय में दिए गए तर्क: क्या कोई मंत्री गिरफ्तार किए जाने और जेल या न्यायिक हिरासत में रखे जाने के कारण अपना पद वस्तुतः खो सकता है और क्या वह एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से अक्षम हो सकता है?
  • मद्रास उच्च न्यायालय का निर्णय: मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले ने हिरासत में रहते हुए मंत्री होने की व्यावहारिक कठिनाइयों पर प्रकाश डाला।
    • जेल में बंद मंत्री पद की शपथ का उल्लंघन किए बिना राज्य सचिव से किसी भी विभाग से संबंधित फाइलें प्राप्त करने के लिए नहीं कह सकते।
    • उच्च न्यायालय ने यह सवाल किया कि क्या किसी ऐसे व्यक्ति को राज्य के खजाने (State Exchequer) से वेतन मिलना चाहिए, जो किसी सार्वजनिक पद पर कार्यरत तो है, लेकिन उस पद से जुड़े अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं कर रहा है।
    • नैतिक मूल्य: नागरिक “वैध रूप से” उम्मीद करते हैं कि सत्ता में बैठे व्यक्तियों के पास नैतिक आचरण के उच्च मानक हों और उन्होंने मुख्यमंत्री की भूमिका को जनता के विश्वास का केंद्र बताया।
      • राजनीतिक मजबूरी सार्वजनिक नैतिकता, उत्कृष्ट/स्वच्छ शासन की आवश्यकताओं और संवैधानिक नैतिकता पर भारी नहीं पड़ सकती।
  • उच्चतम न्यायालय  में संदर्भित तर्क: मनोज नरूला बनाम भारत संघ में उच्चतम न्यायालय  ने तीन बुनियादी सार्वजनिक कार्यालय मानदंड (संवैधानिक नैतिकता, सुशासन और संवैधानिक विश्वास) रेखांकित किए।

गिरफ्तारी का प्रभाव

  • पहली गिरफ्तारी: दिल्ली के मुख्यमंत्री ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (Prevention of Money Laundering Act- PMLA) के तहत गिरफ्तार होने वाले देश के पहले सेवारत मुख्यमंत्री बन गए।
  • प्रमुख चिंताएँ
    • कानून के विरुद्ध: सत्तारूढ़ सरकार द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ED का चयनात्मक प्रयोग।
      • विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिए गए समन को पहले से ही अत्यधिक विवेकाधीन तरीके से लागू किया जा रहा था।
    • लोकतांत्रिक मूल्य के विरुद्ध: आम चुनाव अभियान के बीच में गिरफ्तारी दंड से मुक्ति का एक अभूतपूर्व प्रदर्शन है, जो विपक्ष को चुनाव के लिए अपने संसाधन जुटाने से रोकता है।
    • राजनीति से प्रेरित कदम: यह तर्क दिया जाता है कि कई छापों और जाँचों के बावजूद, गलत काम का कोई सुबूत नहीं मिला है तथा यह राजनीति से प्रेरित कदम है।
  • एक गंभीर चुनौती: यह भ्रष्टाचार से निपटने और सरकारी संस्थानों के भीतर पारदर्शिता सुनिश्चित करने से जुड़ी जटिलताओं तथा चुनौतियों को रेखांकित करता है।

भ्रष्टाचार के बारे में

  • संदर्भ: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, भ्रष्टाचार निजी लाभ के लिए सौंपी गई शक्ति का दुरुपयोग है।
  • भारत की स्थिति: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक ((Corruption Perception Index- CPI), 2023 ने भारत को 180 देशों में से 93 वें स्थान पर रखा।
    • सीपीआई दुनिया भर के 180 देशों और क्षेत्रों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के अनुमानित स्तर के आधार पर 0 (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (बहुत साफ) के पैमाने पर स्कोर करता है।
  • चिंताएँ: यह विश्वास को खत्म करता है, लोकतंत्र को कमजोर करता है, आर्थिक विकास को बाधित करता है और असमानता, गरीबी, सामाजिक विभाजन और पर्यावरणीय संकट को और बढ़ाता है।

न्यायिक हिरासत

  • इसका मतलब है कि आरोपी मजिस्ट्रेट की हिरासत में हैI 
  • पूछताछ: मामले का प्रभारी पुलिस अधिकारी संदिग्ध से पूछताछ नहीं कर सकता। हालाँकि, यदि अदालत को लगता है कि अदालत के समक्ष प्रस्तुत तथ्यों के तहत पूछताछ आवश्यक है तो अदालत पूछताछ की अनुमति दे सकती है।

पूर्व के मामले

  • फरवरी 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha- JMM) नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सरायकेला विधायक चंपई सोरेन ने उनकी जगह ली।
  • इसी तरह, वर्ष 2001 में, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया था और जमानत मिलने तक ओ पनीरसेल्वम ने उनकी जगह ली थी।
  • यह वर्ष 2014 में पुनः दोहराया गया, जब जयललिता को उसी मामले में दोषी ठहराया गया और आरोपित किया गया तो पनीरसेल्वम को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया था। पनीरसेल्वम ने वर्ष 2001 और वर्ष 2014 में जयललिता को जमानत मिनले और सजा पर रोक लगने के बाद इस्तीफा दे दिया था ।

क्या कोई कार्यरत मुख्यमंत्री जेल में रहते हुए भी पद पर रह सकता है?

  • कानूनी प्रावधान: विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा कोई संवैधानिक या कानूनी प्रावधान नहीं है, जो किसी मुख्यमंत्री को जेल में रहते हुए सेवा करने से रोकता हो।
    • दिल्ली में उपराज्यपाल की भूमिका: हालाँकि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बने रहने पर कोई कानूनी रोक नहीं है, हालंकि इस मामले में उपराज्यपाल की भूमिका महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि उपराज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं। 

उपराज्यपाल (LG) की भूमिका- दिल्ली के लिए एक अनूठी व्यवस्था

  • भारत का एक राज्य क्षेत्र (Territory): दिल्ली के ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Territory- NCT) के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए, इसमें एक अनूठी संवैधानिक व्यवस्था है, जिसमें एक निर्वाचित सरकार के साथ एक उपराज्यपाल के पद का प्रावधान किया गया है, जिसे केंद्र सरकार नियुक्त करती है।
  • संबद्ध संवैधानिक प्रावधान
    • भारतीय संविधान का अनुच्छेद-239AA: यह दिल्ली के संदर्भ में संसद, उपराज्यपाल और स्थापनीय निर्वाचित सरकार की भूमिका को परिभाषित करता है। दिल्ली की चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री की पूरी शक्ति का मूल संविधान के इसी प्रावधान में हैI हालाँकि, उपराज्यपाल के पास इस प्रावधान के कार्यान्वयन को निलंबित करने की सिफारिश करने की शक्ति है।
    • भारतीय संविधान का अनुच्छेद-239AB: यह उपराज्यपाल को अनुच्छेद-239 AA के संचालन को निलंबित करने के लिए भारत के राष्ट्रपति को सिफारिश करने की शक्ति देता है।
  • प्रावधान: यदि राष्ट्रपति, उपराज्यपाल या अन्यथा से रिपोर्ट प्राप्त होने पर संतुष्ट हैं कि:
    • प्रशासन चलाना कठिन: यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रशासन अनुच्छेद-239AA के प्रावधानों या उस अनुच्छेद के अनुसरण में बनाए गए किसी भी कानून के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है।
    • उचित प्रशासन: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उचित प्रशासन के लिए।
  • राष्ट्रपति द्वारा निर्णय: राष्ट्रपति आदेश द्वारा अनुच्छेद-239AA के किसी भी प्रावधान या उस अनुच्छेद के अनुसरण में बनाए गए किसी भी कानून के सभी या किसी प्रावधान के संचालन को ऐसी अवधि के लिए और ऐसी शर्तों के अधीन निलंबित कर सकता है।

    • नियमों के अनुसार मुख्यमंत्री पद खो देता है:
      • यदि वह सदन में बहुमत खो देता है। 
      • अगर उसकी पार्टी उसे पद छोड़ने के लिए कहती है।
      • वह स्वयं पद से इस्तीफा दे देता है। 
    • अयोग्यता पर: लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के अनुसार, अयोग्यता के लिए दोषसिद्धि आवश्यक है।
    • सार्वजनिक पद धारण करने के लिए बुनियादी मानदंड: मनोज नरूला बनाम भारत संघ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि सार्वजनिक पद धारण करने के लिए बुनियादी मानदंड हैं:
      • संवैधानिक नैतिकता: इसका अर्थ है कानून के शासन के विपरीत कार्य करने से बचना।
      • सुशासन: सरकार को संकीर्ण निजी हितों या संकीर्ण राजनीतिक दृष्टिकोण से ऊपर उठना होगा और व्यापक सार्वजनिक हित के लिए अच्छा करने का लक्ष्य रखना होगा।
      • संवैधानिक ट्रस्ट: किसी सार्वजनिक कार्यालय से जुड़ी उच्च नैतिकता को बनाए रखना।
  • निहितार्थ: दिल्ली मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से जुड़े इस मामले के परिणाम का पूरे देश के राजनीतिक परिदृश्य पर दूरगामी परिणाम हो सकता है।

दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के बारे में

  • कार्यान्वयन: इस दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को नई शराब नीति के रूप में भी जाना जाता है और इसे वर्ष 2021 में लागू किया गया था।
    • हालाँकि, नीति पर विवाद के बाद, दिल्ली में पुरानी आबकारी व्यवस्था को पुनः बहाल कर दिया गया था।
  • उद्देश्य: ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना और कालाबाजारी को रोकना।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • बोली की प्रक्रिया: नई नीति के तहत, शहर को 32 क्षेत्रों/जोन में विभाजित किया गया था और कंपनियों को इन क्षेत्रों के लिये बोली लगाने के हेतु आमंत्रित किया गया था और इसके तहत व्यक्तिगत लाइसेंस के बजाय, क्षेत्र-दर-क्षेत्र बोली की व्यवस्था की गई थी।
    • ड्राई डे में कमी: पहली बार, दुकानों को खुदरा ग्राहकों को छूट देने की अनुमति दी गई और ड्राई डे  (Dry Day) की संख्या 21 से घटाकर 3 कर दी गई।
      • ड्राई डे वे विशिष्ट दिन होते हैं जब शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होती है।
    • शराब पीने की आयु: नई नीति में शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 करने का भी प्रस्ताव किया गया।
    • प्रावधान: इसमें शराब की होम डिलीवरी का प्रावधान था।
      • इसमें सुबह 3 बजे तक दुकानें खोलने का भी सुझाव दिया गया। हालाँकि, इन्हें लागू नहीं किया गया।
  • विवाद
    • चूक और अनियमितताएँ : कार्यान्वयन से पहले, नीति की जाँच सबसे पहले दिल्ली के मुख्य सचिव (CS) द्वारा की जानी थी, जिन्होंने नई नीति में प्रक्रियात्मक खामियाँ और अनियमितताएँ पाईं।
    • मंजूरी नहीं: उत्पाद विभाग के प्रमुख पर उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना आबकारी नीति में बदलाव करने का आरोप लगा।
    • वित्तीय हानि: दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री द्वारा लिए गए मनमाने और एकतरफा फैसलों के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को भारी वित्तीय हानि (580 करोड़ रुपये से अधिक) हुई थी।
    • चुनावों को प्रभावित करने के लिए: यह आरोप लगाया गया था कि दिल्ली सरकार द्वारा शराब व्यवसायों के मालिकों और संचालकों से तरजीही रवैया अपनाने के लिए रिश्वत प्राप्त की गई थी।
      • इन रिश्वत का इस्तेमाल वर्ष 2022 की शुरुआत में पंजाब और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया गया था।

आगे की राह

  • वैधानिक संस्थानों के लिए: ED जैसे वैधानिक संस्थानों को मजबूत और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है;
    • कार्यात्मक स्वायत्तता: ED को कार्यात्मक स्वतंत्रता प्रदान करने और ED अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप से सुरक्षा प्रदान करने की भी आवश्यकता है।
    • वैधानिक समर्थन प्रदान करें: पर्याप्त कानून के माध्यम से वैधानिक स्थिति सुनिश्चित करने से प्रवर्तन निदेशालय की स्वतंत्रता बनी रहेगी और उसकी जवाबदेही बनी रहेगी।
  • न्यायपालिका के लिए
    • न्यायपालिका को उन खामियों को दूर करने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है, जिनका राजनीतिक दुरुपयोग किया जा सकता है।
    • संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए न्यायालय को निम्नलिखित मुद्दों जैसे जमानत पर अनियमित रिकॉर्ड, कार्यपालिका का निरंतर समर्थन आदि में सुधार करने की आवश्यकता है।
  • सरकार के लिए: सरकार को संवैधानिक और नैतिक मूल्यों का पालन करने और उन्हें बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
    • नैतिक आचरण और सुशासन को बढ़ावा देने के महत्त्व पर कौटिल्य के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और भ्रष्टाचार से निपटने के प्रयास दुनिया भर में सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता बने हुए हैं।
    • कौटिल्य ने सार्वजनिक सेवा में पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक आचरण को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की सिफारिश की।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.