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‘धार्मिक महत्त्व’ वाले स्मारकों पर पूजा एवं अनुष्ठान की अनुमति (Imitation of worship and rituals at monuments of ‘religious importance’)

Samsul Ansari December 13, 2023 12:42 236 0

भारतीय संस्कृति

संदर्भ 

‘भारत में बिना जानकारी वाले स्मारकों और स्मारकों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे’ नामक संसदीय पैनल द्वारा एक रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत की गई।

संबंधित तथ्य 

  • मई 2022 में मार्तंड सूर्य मंदिर खंडहर में प्रार्थना हुई, जिसके बाद संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने इसे नियम का उल्लंघन मानते हुए अनंतनाग जिला प्रशासन से चिंता व्यक्त की।

मार्तंड सूर्य मंदिर

  • यह मंदिर आठवीं शताब्दी में कर्कोटा वंश के राजा ललितादित्य मुक्तापीड (725 ई. से 753 ई.) द्वारा निर्मित है।
  • यह सूर्य को समर्पित है और भारत का पहला सूर्य मंदिर है।
  • इसे 14वीं शताब्दी में सिकंदर शाह मिरी ने नष्ट कर दिया था।
  • यह शारदा पीठ और अमरनाथ मंदिर के साथ-साथ कश्मीरी पंडितों के तीन सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।

रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें

  • संरक्षण की प्राथमिकता: ASI केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित धार्मिक महत्त्व वाले स्मारकों पर पूजा/धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने की संभावना तलाश सकता है, अगर ऐसे कार्यों से स्मारकों के संरक्षण और संरक्षण की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
    • केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का रुख: केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बताया है कि नीतिगत निर्णय के अनुसार पूजा की पुनः शुरुआत की अनुमति नहीं है, यह संरक्षण के समय (ASI द्वारा) प्रचलन में नहीं था या लंबे समय से छोड़ दिया गया है।
      • अभी तक ASI केवल उन स्मारकों पर पूजा और अनुष्ठान की अनुमति देता है, जहाँ एजेंसी की निगरानी में आते समय स्मारक में ऐसी परंपराएँ चल रही थीं।
  • बिना जानकारी वाले स्मारक: संस्कृति मंत्रालय कुल 35 सिफारिशों में से केवल 21 पर कारवाई नोट्स प्रदान करने में सक्षम हो सका।
    • ASI को ‘समयबद्ध तरीके से प्राथमिकता के आधार पर स्मारकों की पहचान के लिए सर्वेक्षण करना चाहिए’।
    • सर्वेक्षण के परिणाम ‘सार्वजनिक पटल पर रखे जाने चाहिए’
    • इसमें उन पर होने वाले खर्च और स्मारकों और उसके आसपास की समस्याओं से संबंधित डेटा शामिल होना चाहिए।

चिंताएँ

पेंडोरा बॉक्स: कई संरक्षित स्मारकों में जीर्ण-शीर्ण मंदिर, दरगाह, चर्च और अन्य धार्मिक स्थल शामिल हैं, जो एक प्रशासनिक और संरक्षण की दृष्टि से मुश्किल होगा।

संरक्षित स्थलों पर प्रार्थना के लिए ASI के नियम

  • इसके संरक्षित स्थलों पर प्रार्थना की अनुमति केवल तभी दी जाती है जब वे ASI द्वारा अपने निगरानी में रखते समय ‘कार्यशील पूजा स्थल’ थे। जैसे- ताज महल में प्रत्येक शुक्रवार को नमाज होती है।
    • निर्जीव स्मारकों (जहाँ ASI-संरक्षित स्थल बनने के बाद पूजा की कोई निरंतरता नहीं रही है) पर कोई भी धार्मिक अनुष्ठान आयोजित नहीं किया जा सकता है।

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI)

  • नोडल मंत्रालय: संस्कृति मंत्रालय
  • कार्य: राष्ट्रीय महत्त्व के प्राचीन स्मारकों तथा पुरातात्त्विक स्थलों और अवशेषों का रखरखाव।
  • नियंत्रण: यह प्राचीन स्मारक तथा पुरातात्त्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 और पुरावशेष और कला खजाना अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अनुसार देश में सभी पुरातात्त्विक गतिविधियों को नियंत्रित करता है।

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