100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत के पहले पोम्पे रोग से ग्रस्त मरीज़ का निधन (India’s first Pompe disease patient passes away)

Lokesh Pal December 08, 2023 05:58 260 0

संदर्भ

  • भारत की पहली पोम्पे रोग से ग्रस्त मरीज़ निधि शिरोल का 9 नवंबर, 2023  को 24 वर्ष की आयु में इस बीमारी से जूझने के बाद निधन हो गया। 
  • उन्होंने पिछले छह वर्ष अर्ध-बेहोशी (सेमी-कोमा) की हालत में बिताए।

संबंधित तथ्य

  • वर्ष 2010 में निधि शिरोल के पिता प्रसन्ना शिरोल ने ‘ऑर्गेनाइजेशन फॉर रेयर डिजीज़ इंडिया’ की शुरुआत की, जो दुर्लभ बीमारियों के लिए देश का पहला NGO था।

पोम्पे रोग:

  • ग्लाइकोजन स्टोरेज डिज़ीज़ टाइप-II के रूप में भी जाना जाने वाला पोम्पे रोग एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है।
  • कारण: यह एक एंज़ाइम एसिड, अल्फा-ग्लूकोसिडेज़ (GAA) की कमी के कारण होता है।
    • यह एंज़ाइम कोशिकाओं के लाइसोसोम के भीतर ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में तोड़ने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • प्रसार: इसकी प्रभाविता का अनुमान 40,000 में 1 से लेकर 3,00,000 जन्मों में 1 तक है। यह विभिन्न प्रकार की जातियों और आबादी में होता है। इसके शुरुआत की उम्र और गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, जिससे नैदानिक ​​​​प्रस्तुति का एक स्पेक्ट्रम हो सकता है।

पोम्पे रोग किसी व्यक्ति को कैसे प्रभावित करता है?

स्थिति की गंभीरता और लक्षण व्यक्तियों में भिन्न हो सकते हैं। कुछ प्रमुख लक्षण हैं:

  • मांसपेशियों की कमजोरी: मांसपेशियों में कमज़ोरी पोम्पे रोग की एक प्राथमिक विशेषता है। यह कंकाल और चिकनी मांसपेशियों दोनों को प्रभावित करता है, जिससे गतिशील कार्यों और दैनिक गतिविधियों में कठिनाई होती है। श्वसन मांसपेशियों में कमजोरी के कारण शारीरिक परिश्रम के दौरान या लेटते समय भी साँस लेने में भी कठिनाई हो सकती है।
  • गतिशील कार्य करने में परेशानी या धीमापन: इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को बैठने, रेंगने और चलने जैसे गतिशील कार्य करने में देरी का अनुभव हो सकता है। 
  • हड्डियों पर अपक्षयी प्रभाव: लंबे समय तक मांसपेशियों की कमजोरी और कम गतिशीलता हड्डियों पर अपक्षयी प्रभाव डाल सकती है, जिससे जोड़ों में सिकुड़न और कंकाल विकृति की समस्या हो सकती है।
  • श्वसन संबंधी जटिलताएँ: डायाफ्राम सहित श्वसन की मांसपेशियों के कमजोर होने से प्रभाव पड़ सकता है। मरीजों को साँस की तकलीफ, श्वसन संक्रमण और गंभीर मामलों में श्वसन विफलता का अनुभव हो सकता है।
  • हृदय संबंधी समस्या: कुछ मामलों में, पोम्पे रोग हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है, जिससे जटिलताएँ हो सकती हैं। दिल की धड़कन, थकान और सीने में दर्द जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
  • हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी: पोम्पे रोग हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी का कारण बन सकता है, जो हृदय की मांसपेशियों की दीवारों (वाल्स) के मोटे होने की विशेषता है। इससे हृदय की कार्यप्रणाली खराब हो सकती है और हृदय संबंधी लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
  • दैनिक जीवन पर प्रभाव: मांसपेशियों की कमज़ोरी और श्वसन सीमाओं के कारण मरीजों को दैनिक गतिविधियों को स्वतंत्र रूप से करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। व्हीलचेयर और श्वसन सहायता उपकरण जैसे सहायक उपकरण आवश्यक हो सकते हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.