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भारत में कैंसर प्रसार का नवीनतम अनुमान: WHO

Lokesh Pal February 05, 2024 06:46 180 0

संदर्भ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नवीनतम वैश्विक अनुमान के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में कैंसर के 14.1 लाख से अधिक नए मामले और इस बीमारी के कारण 9.1 लाख से अधिक मौतें दर्ज की गईं।

संबंधित तथ्य

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC)

  • इसका अर्थ यह है कि सभी लोगों को वित्तीय कठिनाई के बिना जब और जहाँ उनकी आवश्यकता हो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी शृंखला तक पहुँच प्राप्त कर सके।
  • यह स्वास्थ्य संवर्द्धन से लेकर रोकथाम, उपचार, पुनर्वास और देहांत तक देखभाल आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी शृंखला को कवर करता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में कैंसर मुख्यतः होंठ, मुँह और फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है जिसमें क्रमशः 15.6% और 8.5% नए मामले शामिल हैं।
  • जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे अधिक पाए गए जो क्रमशः लगभग 27% और 18% नए मामलों का प्रतिनिधित्त्व करते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 115 देशों के सर्वेक्षण परिणाम भी प्रकाशित किए जिसमें बताया गया है कि अधिकांश देश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के हिस्से के रूप में प्राथमिकता वाले कैंसर और उपशामक देखभाल (Palliative care)  सेवाओं को पर्याप्त रूप से वित्तपोषित नहीं करते हैं।

प्रमुख खोज

  • भारत में: वर्ष 2022 में भारत में लगभग 32.6 लाख लोग कैंसर के उपचार के बाद अधिकतम 5 वर्षों तक ही जीवित रहे।
    • 75 वर्ष की आयु तक लोगों में कैंसर विकसित होने का जोखिम 10.6% था और उसी उम्र तक कैंसर से मृत्यु का जोखिम 7.2% था।
  • विश्व स्तर पर: इसमें लगभग 2 करोड़ नए कैंसर के मामले और 97 लाख मौतों का अनुमान लगाया गया है जिसमें लगभग 5.3 करोड़ लोग  उपचार  के 5 साल बाद तक जीवित रहे है।
    • कैंसर की घटनाएँ: दुनिया भर में 5 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर हो जाता है और 9 में से 1 पुरुष और 12 में से 1 महिला की इस बीमारी के कारण मृत्यु हो जाती है।
    • कैंसर प्रबंधन परिदृश्य: सर्वेक्षण में शामिल देशों में से केवल 39% ने अपनी मुख्य स्वास्थ्य सेवाओं में कैंसर प्रबंधन को कवर किया है  और 28% ने प्रशामक देखभाल (Palliative care)  को कवर किया है।
    • कैंसर का सबसे आम प्रकार: फेफड़ों का कैंसर वैश्विक कैंसर से होने वाली मौतों का 19% है तथा महिलाओं में स्तन कैंसर वैश्विक कैंसर से होने वाली मौतों का 7% है।
      • वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर आठवाँ सबसे आम कैंसर था।
    • कैंसर से होने वाली मौतों की उच्चतम आयु-मानक दर: यूरोप (प्रति 1 लाख लोगों पर 82)।
    • 75 वर्ष (38%) से पहले कैंसर विकसित होने का सबसे अधिक जोखिम: ओशिनिया
    • कैंसर से मृत्यु का सर्वाधिक जोखिम (11.5%) : यूरोप

कैंसर क्या है?

  • कैंसर एक जीनोम की बीमारी है, जिसमें  जीन में हुए परिवर्तनों के कारण कुछ कोशिकाओं का अनियंत्रित रूप से विभाजन होता है जिसे मेटास्टेसिस (Metastasis) के नाम से जाना जाता है।

 मेटास्टेसिस कैंसर कोशिकाओं का एक अंग या ऊतक से दूसरे अंग में गति या प्रसार है।

  • कैंसर का उपचार कैंसर के प्रकार के आधार पर भिन्न होता है। इसमें सर्जरी, रेडियोथेरेपी और प्रणालीगत चिकित्सा तथा प्रशामक देखभाल (Palliative care)  शामिल होती है।

कैंसर का कारण

कैंसर एक बहु-स्तरीय प्रक्रिया (Multi-stage process) में सामान्य कोशिकाओं के ट्यूमर कोशिकाओं में परिवर्तन से उत्पन्न होता है, जो किसी व्यक्ति के आनुवंशिक कारकों तथा बाह्य कारकों की तीन श्रेणियों के बीच परस्पर क्रिया का परिणाम होता है जिनमें शामिल है;

  • भौतिक कार्सिनोजन- पराबैंगनी और आयनकारी विकिरण
  • रासायनिक कार्सिनोजन- जैसे एस्बेस्टस, तंबाकू के धुएँ के घटक, शराब, एफ्लाटॉक्सिन       (खाद्य प्रदूषक) और आर्सेनिक (पीने के पानी का प्रदूषक)। 
  • जैविक कार्सिनोजेन- जैसे कुछ वायरस, बैक्टीरिया या परजीवियों से होने वाला संक्रमण।

कैंसर से बचाव

  • स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखना, फलों और सब्जियों को आहार में शामिल करना और नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना प्रभावी निवारक क्रियाएँ हैं।
  • अनुशंसित लोगों के लिए एचपीवी (HPV- Human Papillomavirus) और हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीकाकरण की सलाह दी जाती है।
  • सूरज या कृत्रिम टैनिंग उपकरणों के पराबैंगनी विकिरण के संपर्क से बचना।
  • स्वास्थ्य देखभाल में नैदानिक (Clinical) ​​और चिकित्सीय दोनों उद्देश्यों के लिए विकिरण का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
  • व्यावसायिक रूप से आयनीकृत विकिरण के संपर्क को कम किया जाना चाहिए।
  • व्यक्तियों को रेडियोधर्मी गैस रेडॉन सहित बाहरी और आंतरिक वायु प्रदूषण के संपर्क को सीमित करना चाहिए जो इमारतों में जमा हो सकता है।

भारत में कैंसर के प्रभाव  को रोकने और कम करने के लिए सरकारी पहल

  • राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (National Cancer Grid ) एक महत्वपूर्ण प्रयास है जिसका उद्देश्य पूरे देश में कैंसर देखभाल और अनुसंधान का समन्वय करना है।
  • राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है जिसका लक्ष्य तम्बाकू उत्पादों की मांग और आपूर्ति दोनों को कम करना है।
  • राष्ट्रीय आरोग्य निधि (RAN) की शुरुआत कैंसर के इलाज से जुड़ी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई थी।
  • सरकार सर्वाइकल कैंसर (ग्रीवा कैंसर) से बचाव के उपाय के रूप मेंएचपीवी (HPV) वैक्सीन कार्यक्रम का भी समर्थन करती है।
  • भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नए लेबलिंग नियमके अनुसार  भोजन में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों की पहचान करते हैं जो अंतर-क्षेत्रीय कार्रवाई में सहयोग प्रदान करते हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) वैश्विक एनसीडी (NCD) एक्शन प्लान वर्ष  2013-2020:

  • यह योजना एक रोडमैप के रूप में कार्य करती है जो सदस्य राज्यों, अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों और विश्व स्वास्थ्य संगठन को वर्ष 2013 और वर्ष 2020 के बीच सामूहिक रूप से लागू करने के लिए नीतिगत विकल्प प्रदान करती है। लक्ष्य वर्ष 2025 तक 9 वैश्विक एनसीडी  (National Cancer Grid) लक्ष्यों को प्राप्त करना है जिसमें एनसीडी (National Cancer Grid) से समयपूर्व मृत्यु दर में 25% सापेक्ष कमी शामिल है।

कैंसर के प्रभाव  को कम करने के वैश्विक प्रयास:

  • एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO) वैश्विक कार्य योजना वर्ष 2013-2020 एक रोड मैप प्रदान करता है।
  • 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
  • जिससे विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए वैज्ञानिको  का अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

आगे की राह 

  • जोखिम में कमी: ज्ञात जोखिम कारकों का प्रबंधन करके लगभग 50%-60% कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है। 

    • जागरूकता को बढ़ावा देकर से तंबाकू उपयोग (मामलों का 27%), शराब, खराब आहार, कम शारीरिक गतिविधि, मोटापा, और प्रदूषण जैसे कारकों को कम किया जा सकता है।
  • जागरूकता सृजन: कैंसर पर स्वास्थ्य साक्षरता बढ़ाने के लिए सरकार निजी चिकित्सकों और नागरिक समाज को शामिल करने वाला एक बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है।
  • स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देना: स्क्रीनिंग शीघ्र पता लगाने और समय पर किफायती उपचार तक बेहतर पहुँच के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना महत्त्वपूर्ण है।

वैज्ञानिक अनुसंधान और डेटा-संचालित नीतियों पर ध्यान केंद्रित करें: कैंसर को एक उल्लेखनीय बीमारी के रूप में नामित करने से सूचित नीतिगत निर्णयों के लिए सटीक डेटा तक पहुँच प्रदान करके अनुसंधान को बढ़ाया जा सकता है।

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