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राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेड (NUCFDC)

Lokesh Pal March 02, 2024 04:30 107 0

संदर्भ

2 मार्च, 2024 को नई दिल्ली मेंराष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेड’ (NUCFDC) का शुभारंभ किया गया।

संबंधित तथ्य

  • इस संगठन की स्थापनाआत्मनिर्भरभारत बनाने के लिए सहकार से समृद्धिके लक्ष्य को प्राप्त करने में एक और मील का पत्थर है।
  • इस पहल का उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को आधुनिक और मजबूत बनाना है, जिससे बैंकों और उनके ग्राहकों दोनों को लाभ होगा।

राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेड (NUCFDC)

  • पृष्ठभूमि
    • विदेशों में मौजूद शहरी सहकारिता बैंकों (UCBs) की तर्ज पर भारत के के लिए एक अंब्रेला संगठन की आवश्यकता पर पहली बार वर्ष 2006 में श्री एन.एस. विश्वनाथन (सेवानिवृत्त डिप्टी गवर्नर RBI) की अध्यक्षता मेंआरबीआई वर्किंग ग्रुपद्वारा जोर दिया गया था।
    • यह सिफारिश पूँजी जुटाने के लिए शहरी क्षेत्र के व्यावसायीकरण की आवश्यकता और संकट के बाद शहरी सहकारिता क्षेत्र में कम हुए जनता के विश्वास को पुनर्जीवित करने के संदर्भ में की गई थी।
    • इसके बाद, आरबीआई ने श्री वी.एस. दास (तत्कालीन कार्यकारी निदेशक आरबीआई) की अध्यक्षता में UCBs के लिए अंब्रेला संगठन पर एक और कार्य समूह नियुक्त किया।
    • वर्ष 2009 में प्रस्तुत एक व्यापक रिपोर्ट में, अन्य देशों के संगठनों के अध्ययन के आधार पर इस कार्यसमूह ने विदेशों में क्रेडिट यूनियनों के संगठनों की तर्ज पर UCB क्षेत्र के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के अंब्रेला संगठन के एक मॉडल की सिफारिश की।
    • RBI के तहत वर्ष 2016 में NAFCUB द्वारा गठित एक संचालन समिति ने वर्ष 2017 में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं, जिसमें अंब्रेला संगठन के डिजाइन, भूमिका और कार्यों का सुझाव दिया गया।
    • यह रिपोर्ट NAFCUB द्वारा वर्ष 2018 में RBI को प्रस्तुत की गई थी और उनकी मंजूरी माँगी गई थी।
    • RBI जून, 2019 में गैर-जमा स्वीकार करने वाली NBFC के रूप में अंब्रेला संगठन के गठन के प्रस्ताव पर सहमत हुआ।
  • परिचय
    • हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने टाइप-II गैर-जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के रूप में “राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेडके नाम और शीर्षक के तहत अंब्रेला संगठन हेतु पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी किया है।
    • NUCFDC को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में कार्य करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से पंजीकरण प्रमाण-पत्र (COR) प्राप्त हुआ है, जिससे इस अंब्रेला संगठन को शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक स्व-नियामक संगठन (SRO) के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाएगी।
  • महत्त्व 
    • यह भारत के UCB क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक विकास और एक बड़ा अवसर है।
    • सभी बड़े या छोटे UCB ने आपसी सहयोग और एकजुटता की भावना से एक साथ आकर एक मजबूत तथा पेशेवर अंब्रेला संगठन के निर्माण का फैसला किया है, जो अन्य देशों में कार्यरत संस्थाओं की तर्ज पर निर्मित किया गया है, जिसमें सहकारी ऋण संस्थान की एक बड़ी उपस्थिति है, जिसे लोकप्रिय रूप से क्रेडिट यूनियनकहा जाता है।
  • लाभ 
    • इस अंब्रेला संगठन की स्थापना से सहकारी बैंकों के लिए विशेष कार्य और सेवाएँ सुनिश्चित होंगी।
    • बैंकों और नियामकों के बीच संचार की सुविधा मिलेगी और शहरी सहकारी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों, जैसे पुराने प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्मों और सीमित सेवा इत्यादि का समाधान होगा।
    • शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र का अपना एक संगठन होगा, जो शहरी बैंकों को निधि आधारित और गैर-निधि आधारित सहायता सुविधाएँ प्रदान करेगा, जिस पर लगभग दो दशकों से चर्चा चल रही थी।
    • यह अंब्रेला संगठन, तरलता और पूँजी समर्थन की पेशकश के साथ-साथ एक प्रौद्योगिकी मंच स्थापित करेगा, जिसे सभी UCB द्वारा साझा किया जा सकता है, जिससे उन्हें अपेक्षाकृत कम लागत पर अपनी सेवाओं की सीमा का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
  • लक्ष्य
    • NUCFDC का लक्ष्य पूँजी जुटाकर 300 करोड़ रुपये के पूँजी आधार तक पहुँचना है।
      • यह पूँजी जुटाने के लिए सभी शहरी सहकारी बैंकों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा चल रही है।
      • इस पूँजी का उपयोग शहरी सहकारी बैंकों को समर्थन देने और सेवा पेशकशों में सुधार और लागत कम करने के लिए एक साझा प्रौद्योगिकी मंच विकसित करने में किया जाएगा।

भारत में सहकारी बैंक संबंधी वर्तमान आँकड़े

  • वर्तमान में भारत में 1,500 से अधिक अनुसूचित और गैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक हैं, जिनकी कुल शाखाओं की संख्या 11,000 से अधिक है।
  • इन बैंकों के पास 5.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि है।
  • साथ ही इनके द्वारा 3.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण किया गया है।
  • इनमें से कई बैंक पुराने प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्मों पर काम करते हैं, जिससे उनके लिए आधुनिक बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना मुश्किल हो जाता है।
    • NUCFDC का हिस्सा बनकर, अधिकांश बैंक नई तकनीक में अपग्रेड करने और नए उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने में सक्षम होंगे।

यह अंब्रेला संगठन जमीनी स्तर पर सकारात्मकता लाकर पूरे देश में सहकारी बैंकों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करेगा।

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