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मधुमक्खियों में होने वाली नई संक्रामक बीमारियाँ विश्व की अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरा

Lokesh Pal November 20, 2024 02:25 47 0

संदर्भ

फरवरी 2024 में साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय हिमालय में बम्बल्बी (Bumblebee) की 40% प्रजातियाँ वर्ष 2050 तक अपने आवास का 90% से अधिक हिस्सा खो सकती हैं।

मधुमक्खियों की घटती प्रजाति का कारण

  • यह सब पश्चिमी मधुमक्खी कालोनियों (Western Honey bee Colonies) के आगमन के कारण हुआ, जिसके बाद कुछ बीमारियों ने स्थानीय परागणकर्ताओं (Indigenous Pollinator) की आबादी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

परागण (Pollination) के बारे में

  • यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें फूल के नर भाग (परागकोश) से पराग कण मादा भाग (वर्तिकाग्र) में स्थानांतरित हो जाते हैं।

  • उद्देश्य: परागण का उद्देश्य बीजों का उत्पादन है, जो नए पौधों के निर्माण के लिए आनुवंशिक सामग्री ले जाते हैं।
  • परागण वेक्टर: हवा, पानी, पक्षी, कीड़े (मधुमक्खियाँ, तितलियाँ, आदि), चमगादड़ और अन्य जीव जो फूलों पर आते हैं, उन्हें परागण वेक्टर (Pollination Vectors) के रूप में जाना जाता है।
  • परागणकर्ता (Pollinator)
    • ये वे जीव या कीट हैं, जो पराग को आगे ले जाने में मदद करते हैं।
    • यह तब होता है जब परागणकर्ता:-
      • पराग को उसके पोषण मूल्य (प्रोटीन) के लिए इकट्ठा करें।
      • फूल से रस को अवशोषित करे।

कीट परागणकों (Insect pollinators) के बारे में

  • ये वे कीट हैं, जो पराग को एक फूल से दूसरे फूल में स्थानांतरित करने में सहायता करते हैं।
  • यह पौधों में निषेचन और बीज उत्पादन को सुगम बनाता है।
  • वे जैव विविधता को बनाए रखने और कृषि को समर्थन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कीट परागणकों के प्रकार

  • मधुमक्खियाँ (Bees)
    • मधुमक्खियाँ [एपिस मेलिफेरा (Apis Mellifera)]: शहद उत्पादन और फसल परागण के लिए व्यापक रूप से प्रबंधित करती हैं।
    • जंगली मधुमक्खियाँ: इसमें बम्बल्बी (Bumblebee) और एकल मधुमक्खियाँ (Solitary Bees) शामिल हैं, जो अक्सर प्रबंधित मधुमक्खियों की तुलना में अधिक कुशल परागणकर्ता होती हैं।
  • ततैया (Wasps): परागण में योगदान देती हैं, हालाँकि मधुमक्खियों की तुलना में कम कुशल होते हैं।
  • भृंग (Beetles): ‘मेस एंड साॅइल’ (Mess and Soil) परागणकर्ता के रूप में जाने जाते हैं, वे कुछ फूलों के पौधों को परागण करने में मदद करते हैं।
  • मक्खियाँ (Flies): विशेष रूप से होवरफ्लाइज (Hoverflies), जो मधुमक्खियों की नकल करते हैं और विभिन्न फसलों के लिए महत्त्वपूर्ण परागणकर्ता हैं।
  • पतंगे और तितलियाँ (Moths and Butterflies): ये जीव भी फूलों के परागण के लिए उत्तरदायी होते हैं।

कीट परागणकों का महत्त्व 

  • कृषि में कीट परागणकों की भूमिका
    • 75% से ज्यादा खाद्य फसलें, फल और फूल वाले पौधे सफल पैदावार के लिए मधुमक्खियों, ततैयों, तितलियों और भृंगों जैसे परागणकों पर निर्भर करते हैं।
    • ये परागणक वैश्विक कृषि उत्पादकता और पोषण सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।

परागणकर्ता आबादी के लिए खतरा 

  • पीड़कनाशक और प्रदूषण: परागणकों और उनके आवासों को सीधे नुकसान पहुँचाते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन: पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करता है और उपलब्ध संसाधनों को कम करता है।
  • संक्रामक रोग: एक नए खतरे के रूप में उभर रहे हैं, आवास के नुकसान और जैव विविधता में कमी के कारण स्थिति एवं खराब हो गई है।
  • परागण में कमी के आर्थिक निहितार्थ
    • परागणकों में गिरावट से वैश्विक स्तर पर कृषि अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, जिससे खाद्य आपूर्ति और आजीविका प्रभावित हो सकती है।

परागणकों पर रोगाणु संचरण का प्रभाव

  • रोगजनक स्पिलओवर और स्पिलबैक (Pathogen Spillover and Spillback)
    • प्रबंधित मधुमक्खियाँ प्रायः ‘डिफार्म्ड विंग विषाणु’ (Deformed Wing Virus) और ‘ब्लैक क्वीन विषाणु’ (Black Queen Virus) जैसे रोगाणुओं को अपने साथ ले जाती हैं।
      • ये रोगाणु जंगली परागणकों में तब फैलते हैं, जब वे एक ही आवास स्थान या पुष्प संसाधनों को साझा करते हैं, इस प्रक्रिया को स्पिलओवर (Spillover) कहा जाता है।
        • रोगाणु जंगली परागणकों में भी उत्परिवर्तित हो सकते हैं तथा अधिक हानिकारक रूपों [स्पिलबैक (Spillback)] में मधुमक्खियों को पुनः संक्रमित कर सकते हैं।
  • स्विस शोध के निष्कर्ष 
    • ‘नेचर इकोलॉजी एंड इवॉल्यूशन’ (Nature Ecology and Evolution) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया:-
      • प्रबंधित मधुमक्खियों के साथ आवास स्थान साझा करने वाले जंगली परागणकों में रोगजनक भार 10 गुना अधिक था।
      • विविध निवास स्थान और प्रचुर पुष्प संसाधनों ने रोगजनक संचरण के जोखिम को कम कर दिया।

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