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प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY)

Lokesh Pal February 10, 2024 04:16 112 0

संदर्भ

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय मत्स्यपालन क्षेत्र को औपचारिक रूप देने और समर्थन देने के लिए ‘प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना’ (PM-MKSSY) को मंजूरी दी है।

मत्स्य पालन अवसंरचना विकास निधि (Fisheries Infrastructure Development Fund- FIDF) के बारे में

  • गठन: मत्स्यपालन क्षेत्र के लिए आधारिक संरचना  की आवश्यकता को संबोधित करने उद्देश्य से वर्ष 2018-19 के दौरान।
  • फंड का आकार: इसके लिए 7,522.48 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया और इसके लिए 939.48 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन पहले ही स्वीकृत हो चुका है।
  • नोडल ऋण संस्थाएँ (Nodal Loaning Entities- NLEs): राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development- NABARD), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperatives Development Corporation- NCDC)  एवं सभी अनुसूचित बैंक।
  • क्रेडिट गारंटी सुविधा: भारत सरकार पशुपालन और डेयरी विभाग के बुनियादी ढाँचा विकास कोष के मौजूदा क्रेडिट गारंटी फंड से उद्यमियों, व्यक्तिगत किसानों और सहकारी समितियों की परियोजनाओं के लिए क्रेडिट गारंटी सुविधा भी प्रदान करती है।
  • योग्य संस्थाएँ: राज्य सरकारें/केंद्र शासित प्रदेश, राज्य के स्वामित्व वाले निगम, राज्य सरकार के उपक्रम एवं सहकारी समितियाँ।

संबंधित तथ्य

  • इसके अलावा, मत्स्य पालन अवसंरचना विकास निधि (Fisheries Infrastructure Development Fund- FIDF) को वर्ष 2025-26 तक और 3 वर्षों के लिए विस्तार को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) के बारे में

    • यह प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की उप-योजना है।
    • कार्यकाल: सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2026-27 तक।
    • बजटीय परिव्यय: 6,000 करोड़ रुपये में विश्व बैंक और AFD बाहरी वित्तपोषण सहित 50% सार्वजनिक वित्त शामिल है, और शेष 50% लाभार्थियों/निजी क्षेत्र के लीवरेज से प्रत्याशित निवेश है।
  • PM-MKSSY के इच्छित लाभार्थी: जलकृषि किसान, मछली उत्पादन से जुड़े श्रमिक, मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (Fish Farmers Producer Organizations- FFPOs)।

उद्देश्य

    • असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र का क्रमिक औपचारिकीकरण।
    • मत्स्य पालन क्षेत्र के सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को संस्थागत वित्तपोषण तक पहुँच की सुविधा प्रदान करना।
    • जलीय कृषि बीमा खरीदने के लिए लाभार्थियों को एकमुश्त प्रोत्साहन प्रदान करना।
  • प्रदर्शन अनुदान के माध्यम से प्रोत्साहन
  • मत्स्य पालन और जलीय कृषि सूक्ष्म उद्यम: रोजगार निर्माण सहित मत्स्य पालन क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यम: रोजगार सृजन एवं रखरखाव सहित मछली एवं मत्स्य उत्पाद सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाने एवं विस्तार के लिए।

उप-योजना के प्रमुख घटक

    • कार्यशील पूंजी वित्तपोषण के लिए औपचारिकरण और पहुँच को सुविधाजनक बनाना: इस उद्देश्य के लिए, एक राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (National Fisheries Digital Platform- NFDP) बनाया जाएगा एवं सभी हितधारकों को इस पर पंजीकरण करने के लिए संगठित किया जाएगा। यह वित्तीय प्रोत्साहनों के वितरण सहित कई कार्य करेगा।
    • एक्वाकल्चर बीमा को अपनाने की सुविधा: एक किसान को देय अधिकतम प्रोत्साहन रु. 1,00,000 एवं प्रोत्साहन के लिए पात्र अधिकतम क्षेत्र का आकार 4 हेक्टेयर जलीय क्षेत्र है।
      • खेतों के अलावा जलीय कृषि के अधिक गहन रूपों जैसे कि केज कल्चर, रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS), बायोफ्लॉक, रेसवे (Raceways) इत्यादि के लिए देय प्रोत्साहन प्रीमियम का 40% है।
      • अधिकतम देय प्रोत्साहन 1 लाख है एवं पात्र अधिकतम इकाई आकार 1800 m3 का होगा।
        • एससी, एसटी एवं महिला लाभार्थियों को सामान्य श्रेणियों के लिए देय प्रोत्साहन का 10% अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
    • मत्स्य पालन क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए सूक्ष्म उद्यमों का समर्थन करना: संबंधित विश्लेषण एवं जागरूकता अभियानों के साथ प्रदर्शन अनुदान की एक प्रणाली के माध्यम से।
  • निष्पादन अनुदान का पैमाना एवं निष्पादन अनुदान प्रदान करने के मानदंड
        • एक सूक्ष्म उद्यम के लिए सामान्य श्रेणी के लिए कुल निवेश का 25% या 35 लाख, जो भी कम हो, से अधिक नहीं होना चाहिए और एससी, एसटी और महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों के लिए कुल निवेश का 35% या 45 लाख, जो भी कम हो।
        • ग्राम स्तरीय संगठनों एवं SHGs, FFPOs एवं सहकारी समितियों के संघों के लिए प्रदर्शन अनुदान कुल निवेश का 35% या 200 लाख, जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा।
        • कुल निवेश में नए संयंत्र और मशीनरी, प्रौद्योगिकी, सृजित अतिरिक्त नौकरियों के लिए वेतन बिल आदि पर किए गए पूंजी निवेश पर किया गया व्यय शामिल होगा।
  • मछली और मत्स्य उत्पाद सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाना एवं विस्तार करना: मछली बाजार का विस्तार करना एवं विशेष रूप से महिलाओं के लिए नौकरियाँ उत्पन्न करना।
  • प्रदर्शन अनुदान का पैमाना
      • एक सूक्ष्म उद्यम के लिए सामान्य श्रेणी के लिए कुल निवेश का 25% या, 35 लाख, जो भी कम हो, से अधिक नहीं होना चाहिए और एससी, एसटी और महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों के लिए कुल निवेश का 35% या, 45 लाख, जो भी कम हो।
      • छोटे उद्यम के लिए सामान्य श्रेणी के लिए कुल निवेश का 25% या 75 लाख, जो भी कम हो, से अधिक नहीं होना चाहिए और एससी, एसटी और महिला स्वामित्व वाले छोटे उद्यमों के लिए कुल निवेश का 35% या 100 लाख, जो भी कम हो।
  • ग्राम स्तरीय संगठनों और SHGs, FFPOs एवं सहकारी समितियों के संघों के लिए कुल निवेश का 35% या 200 लाख, जो भी कम हो, से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • कुल निवेश में निम्न पर किया गया व्यय शामिल होगा
  • नए संयंत्र और मशीनरी पर किया गया पूंजी निवेश।
  • तकनीकी सिविल/इलेक्ट्रिकल कार्य और संबंधित आधारिक संरचना सहित उपकरण।
  • परिवहन और वितरण आधारिक संरचना।
  • अपशिष्टों के संग्रहण एवं उपचार की सुविधा।
  • रोग प्रबंधन, सर्वोत्तम प्रबंधन पद्धतियाँ एवं ऐसे अन्य निवेश जिससे सुरक्षित मछली का उत्पादन एवं आपूर्ति हो सके।
  • अतिरिक्त नौकरियों के लिए वेतन बिल बनाए गए
  • प्रदर्शन अनुदान संवितरण मानदंड: महिला के लिए सृजित एवं अनुरक्षित प्रत्येक नौकरी के लिए प्रति वर्ष 15,000 रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा, इसी प्रकार, पुरुष के लिए प्रति वर्ष 10,000 रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा, जो कुल पात्र अनुदान की 50% की सीमा के अधीन होगा।
  • ऐसे किए गए निवेशों के लिए प्रदर्शन अनुदान पात्र अनुदान की 50% की सीमा के अधीन निवेश पूरा होने के बाद वितरित किया जाएगा।
  • परियोजना प्रबंधन, निगरानी और रिपोर्टिंग: परियोजना गतिविधियों के प्रबंधन, कार्यान्वयन, निगरानी एवं मूल्यांकन के लिए परियोजना प्रबंधन इकाइयाँ (Project Management Units- PMUs) स्थापित करने का प्रस्ताव है।

PM-MKSSY का महत्व

  • कामकाजी पहचान: 40 लाख छोटे एवं सूक्ष्म उद्यमों को कार्य-आधारित पहचान प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करना।
  • औपचारिकीकरण और ऋण तक पहुँच: यह धीरे-धीरे मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बना देगा एवं  संस्थागत ऋण तक पहुँच बढ़ाएगा।
  • प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन: पारंपरिक सब्सिडी से प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन की ओर धीरे-धीरे बदलाव लाएगा।
  • दक्षता और सुरक्षा: यह 55,000 लक्षित सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों का समर्थन करके मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार एवं सुरक्षित, गुणवत्ता वाली मछली सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
  • पर्यावरण स्थिरता: पर्यावरण एवं स्थिरता पहल को बढ़ावा देना।
  • वृद्धि और विकास: मूल्य श्रृंखला दक्षताओं के कारण बढ़े हुए लाभ मार्जिन के कारण आय में वृद्धि।
  • बीमा कवरेज: उत्पादन एवं उत्पादकता को मजबूत करने के लिए जलीय कृषि के लिए बीमा कवरेज के माध्यम से बीमारी के कारण जलीय कृषि फसल के नुकसान के मुद्दों का समाधान करना।

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