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सरकार द्वारा गैर-यूरिया उर्वरकों का मूल्य नियंत्रण (Price control of non-urea fertilizers by the government)

Samsul Ansari January 30, 2024 01:20 180 0

संदर्भ

केंद्र सरकार द्वारा डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP), म्यूरेट ऑफ पोटाश (MoP) और अन्य सभी ऐसे उर्वरकों को “उचित मूल्य निर्धारण” नियंत्रण के तहत लाया गया है जो ‘पोषक तत्त्व-आधारित सब्सिडी’ (NBS) समर्थन प्राप्त करते हैं।

संबंधित तथ्य

  • हाल ही में उर्वरक विभाग द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन में NBS के तहत कवर किए गए सभी गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ तय करने की “तार्किकता” के मूल्यांकन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
  • दिशा-निर्देशों से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
    • ये दिशा-निर्देश 1 अप्रैल, 2023 से भूतलक्षी प्रभाव से लागू किए जाएँगे।
    • मंत्रालय: उर्वरक विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय
    • इसके अंतर्गत अधिकतम लाभ मार्जिन निर्धारित किया गया है, जो उर्वरक कंपनियों के लिए निम्न प्रकार अनुमत होगा- 
      • आयातकों के लिए 8%
      • निर्माताओं के लिए 10% और, 
      • एकीकृत निर्माताओं के लिए 12% (तैयार उर्वरकों के साथ-साथ मध्यवर्ती उत्पाद में सहायक रसायन, जैसे-फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया)।
    • किसी विशेष वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में “अनुचित लाभ” अर्थात् निर्धारित प्रतिशत से अधिक कमाने वाली कंपनियों को इसे अगले वित्तीय वर्ष के 10 अक्टूबर तक उर्वरक विभाग को वापस करना होगा।
      • यदि वे उक्त समय सीमा के भीतर पैसा वापस नहीं करती हैं, तो वित्तीय वर्ष के अंत के अगले दिन से रिफंड राशि पर आनुपातिक आधार पर 12% प्रति वर्ष की दर से ब्याज लिया जाएगा (अर्थात वित्त वर्ष 2023-24 के मामले में ब्याज 1 अप्रैल, 2024 से लिया जाएगा)।
      • अनुचित लाभ को सरकार द्वारा बाद के उर्वरक सब्सिडी भुगतान के विरुद्ध भी समायोजित किया जाएगा।
    • उर्वरक कंपनियों को लागत लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ-साथ उनके निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित लेखा परीक्षित लागत डेटा के आधार पर अनुचित लाभ का “स्व-मूल्यांकन” करने का आदेश दिया गया है।

‘पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी’ (NBS) योजना

  • अप्रैल 2010 में शुरू की गई NBS योजना के तहत गैर-यूरिया उर्वरकों के MRP को बाजार द्वारा और उन्हें बेचने वाली व्यक्तिगत कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए। 
  • सरकार इनमें से प्रत्येक उर्वरक पर केवल एक निश्चित प्रतिटन सब्सिडी का भुगतान करती है, जो उनके पोषक तत्त्व या नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K) और सल्फर (S) के विशिष्ट प्रतिशत से जुड़ी होती है।
  • अधिदेश:
    • पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना के तहत किसानों को पोषक तत्त्व N, P, K और S पर आधारित उर्वरक रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
    • इस नीति के तहत, पोषक तत्त्वों की मात्रा के आधार पर सब्सिडी वाले P और  K उर्वरकों पर वार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है।
    • इसके अलावा, मोलिब्डेनम (Mo) और जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्त्वों से भरपूर उर्वरकों को अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • उद्देश्य
    • NBS नीति का लक्ष्य NPK उर्वरकों का उचित संतुलन अर्थात् (N:P:K= 4:2:1) हासिल करने के लिए P&K उर्वरकों की खपत बढ़ाना है।

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