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ऑटो-इम्यून रोगों में X क्रोमोसोम की भूमिका

Lokesh Pal February 15, 2024 05:36 122 0

संदर्भ 

वर्ष 2023 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 13% ऑटो-इम्यून बीमारियाँ महिलाओं में एवं 7% पुरुषों में होती हैं।

X क्रोमोसोम

  • यह मनुष्य में दो लिंगी क्रोमोसोमों में से एक है। यह लिंग निर्धारण में सहायता करता है।
    • Y एक अन्य लिंगी क्रोमोसोम है।

X क्रोमोसोम की विशेषताएँ

  • X क्रोमोसोम पर आणविक आवरण RNA एवं प्रोटीन से बना होता है।
  • यह X क्रोमोसोम निष्क्रियता नामक प्रक्रिया के लिए महत्त्वपूर्ण है, जो यह सुनिश्चित करता है कि महिला के शरीर की प्रत्येक कोशिका में X-क्रोमोसोम का केवल एक सेट सक्रिय है, जबकि दूसरा सेट सक्रिय अवस्था में नहीं रहता है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • महिलाओं में उच्च संवेदनशीलता: ऑटोइम्यून बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है।
    • वैज्ञानिकों के अनुसार, महिलाओं में लगभग आधे X क्रोमोसोम्स पर एक आणविक कोटिंग की उपस्थिति इस घटना के पीछे का मूल कारण है।
  • क्षेत्रीय अंतर: वैज्ञानिकों द्वारा किया गया यह अनुसंधान ऑटोइम्यून विकारों में सामाजिक आर्थिक, मौसमी एवं क्षेत्रीय अंतर की पहचान करता है।
    • आनुवंशिकी से परे कारक रोग जैसे कि धूम्रपान, मोटापा एवं तनाव आदि इसको बढ़ावा देने में योगदान करते हैं।
  • जोखिम कारक: एक ऑटोइम्यून बीमारी वाले व्यक्तियों में दूसरी बीमारी के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

महिलाओं में ऑटोइम्यून रोग अधिक सामान्य क्यों है?

  • आनुवंशिकी: महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में केवल एक X क्रोमोसोम होता है।
    • इस अंतर से X क्रोमोसोम में उत्परिवर्तन की संभावना बढ़ जाती है, जिससे ऑटोइम्यून बीमारियाँ हो सकती हैं।

  • XIST: X क्रोमोसोम में लंबे RNA स्ट्रैंड होते हैं, जिन्हें XIST कहा जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली में विकृत (Inflammatory) प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।
    • XIST केवल दो X क्रोमोसोम वाली कोशिकाओं में सक्रिय हैं। इसलिए महिलाओं में ऑटोइम्यून बीमारियों एवं प्रतिरक्षा हमलों का खतरा अधिक होता है।
    • वैज्ञानिक हॉवर्ड चांग (Howard Chang) द्वारा नर चूहों पर किए गए अवलोकन से पता चलता है कि XIST में विकृत किए गए कई प्रोटीन भी ऑटोएंटीबॉडी के उत्पादन का कारण बनते हैं, जो एक प्रकार के एंटीबॉडी हैं जो शरीर के अपने पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।
  • हार्मोनल परिवर्तन: ऑटोइम्यून बीमारियाँ अक्सर एक महिला के जीवन में बड़े हार्मोनल परिवर्तनों जैसे- यौवन, गर्भावस्था एवं रजोनिवृत्ति के दौरान दिखाई देती हैं।
    • हार्मोन में होने वाले ये बदलाव इम्यून सिस्टम को अधिक प्रभावित करते हैं।
      • उदाहरण के लिए, सोरासिस (Psoriasis) जैसी त्वचा संबंधी समस्याएँ हार्मोन से प्रभावित हो सकती है। चूँकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, इसलिए उनमें ऑटोइम्यून बीमारियाँ होने की संभावना अधिक होती है।

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