100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

औद्योगिक अल्कोहल को विनियमित करने की राज्यों की शक्ति

Lokesh Pal October 25, 2024 01:51 43 0

संदर्भ

हाल ही में 9 न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने 8:1 के बहुमत के निर्णय में औद्योगिक अल्कोहल को विनियमित करने के राज्य विधानसभाओं के अधिकार को बरकरार रखा।

संबंधित तथ्य

संघ बनाम राज्य

  • क्षेत्राधिकार विवाद: कई राज्यों ने केंद्र की स्थिति को चुनौती दी थी कि औद्योगिक अल्कोहल पर उसका विशेष नियंत्रण था।
    • केंद्र ने दावा किया कि संघ सूची (जो राष्ट्रीय महत्त्व के उद्योगों से संबंधित है) एवं उद्योग (विकास तथा विनियमन) अधिनियम 1951 की प्रविष्टि 52 के तहत औद्योगिक अल्कोहल पर उसका विशेष नियंत्रण है।
  • इस निर्णय ने सिंथेटिक्स एवं केमिकल्स लिमिटेड बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में उच्चतम न्यायालय के वर्ष 1990 के निर्णय को रद्द कर दिया।
  • न्यायालय ‘डीनेचर्ड  स्पिरिट या औद्योगिक अल्कोहल’ को विनियमित करने की राज्यों की शक्ति को बरकरार रखता है।
  • न्यायालय ने ‘नशीली शराब’ की परिभाषा का विस्तार करते हुए इसमें न केवल मानव उपभोग के लिए इच्छित शराब (पीने योग्य शराब) को शामिल किया, बल्कि औद्योगिक शराब भी शामिल की, जिसका उपयोग हानिकारक तरीके से किया जा सकता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  • CJI ने कहा कि राज्य सूची में प्रविष्टि 8 सार्वजनिक हित पर आधारित थी एवं शराब स्वाभाविक रूप से एक हानिकारक पदार्थ है, जिसका दुरुपयोग होने की संभावना है, जिससे औद्योगिक शराब पर राज्यों के नियामक नियंत्रण को उचित ठहराया जा सकता है।
  • न्यायालय ने यह भी कहा कि जब प्रविष्टियों की दो संभावित व्याख्याएँ हों, तो न्यायालय को वह चुनना चाहिए, जो संघीय संतुलन बनाए रखता हो।

औद्योगिक अल्कोहल बनाम पीने योग्य अल्कोहल

पहलू

औद्योगिक अल्कोहल (डीनेचर्ड अल्कोहल)

पीने योग्य शराब

परिभाषा शराब जिसे मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त बनाने के लिए रासायनिक रूप से परिवर्तित किया जाता है।

यह आमतौर पर आइसोप्रोपिल अल्कोहल (आइसोप्रोपेनॉल) को संदर्भित करता है।

अल्कोहल जिसे शुद्ध किया जाता है एवं सुरक्षित मानव उपभोग के लिए उत्पादित किया जाता है।
उद्देश्य विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। मादक पेय पदार्थों के उत्पादन में उपयोग किया जाता है।
अनुप्रयोग सॉल्वैंट्स, स्वच्छता एजेंट, सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स, ईंधन (जैसे- बायोएथेनॉल)। बीयर, वाइन एवं स्प्रिट जैसे पेय पदार्थ।
उपयोग का उद्देश्य मानव उपभोग के लिए अभिप्रेत नहीं है। विशेष रूप से मानव उपभोग के लिए अभिप्रेत है।
विषाक्तता इसमें ऐसे योजक होते हैं, जो निगलने पर इसे विषैला बना देते हैं। विनियमित होने पर उपभोग के लिए सुरक्षित।
विनियमन प्राधिकरण मुख्य रूप से औद्योगिक कानूनों के तहत केंद्रीय अधिकारियों द्वारा विनियमित किया जाता है। राज्य सूची की प्रविष्टि 8 के तहत राज्य प्राधिकारियों द्वारा विनियमित किया जाता है।
कर लगाना एक औद्योगिक उत्पाद के रूप में लेवी एवं करों के अधीन है। एक उपभोज्य उत्पाद के रूप में राज्य उत्पाद शुल्क एवं करों के अधीन है।
उदाहरण डीनेचर्ड स्पिरिट, बायोएथेनॉल, औद्योगिक सॉल्वैंट्स। बीयर, वाइन, व्हिस्की।

औद्योगिक अल्कोहल पर नियामक नियंत्रण पर लड़ाई

  • चौ. टीका रामजी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (वर्ष 1956): गन्ना आपूर्ति एवं खरीद को विनियमित करने वाले यूपी कानून की वैधता को इस तर्क के आधार पर चुनौती दी गई थी कि उद्योग (विकास एवं विनियमन) अधिनियम [Industries (Development and Regulation) Act, 1951] या  (IDRA, 1951) की धारा 18-G के तहत केंद्र को चीनी उद्योग पर विशेष अधिकार प्राप्त है।
    • उच्चतम न्यायालय ने यूपी के कानून को बरकरार रखते हुए कहा कि धारा 18-G का उद्देश्य चीनी उद्योग के ‘संपूर्ण क्षेत्र को कवर’ करने का नहीं है। यह माना गया कि राज्य अभी भी समवर्ती सूची की प्रविष्टि 33 के तहत चीनी उद्योग से संबंधित मामलों पर कानून बना सकता है।
  • सिंथेटिक्स एवं केमिकल्स लिमिटेड बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (1989): मामला औद्योगिक अल्कोहल के विनियमन तथा कराधान से संबंधित था, सवाल यह था कि क्या राज्यों के पास औद्योगिक अल्कोहल को विनियमित करने के लिए राज्य सूची की प्रविष्टि 8 के तहत अधिकार था।
    • उच्चतम न्यायालय ने माना कि प्रविष्टि 8 के तहत राज्यों की शक्तियाँ मानव उपभोग के लिए ‘मादक शराब’ को विनियमित करने तक सीमित थीं एवं औद्योगिक शराब इस दायरे से बाहर थी। औद्योगिक शराब को विनियमित करने तथा उस पर कर लगाने का अधिकार केवल केंद्र के पास था।
  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय (2004): उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1910 के तहत लाइसेंस धारकों को शराब की बिक्री के लिए 15% शुल्क लागू किया, जिसे इस आधार पर चुनौती दी गई कि औद्योगिक शराब IDRA, 1951 की धारा 18-G  के तहत केंद्र के विशेष नियंत्रण में थी।
    • उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की अधिसूचना को अवैध घोषित कर दिया तथा कहा कि राज्य का अधिकार केवल पीने योग्य शराब तक ही सीमित है, औद्योगिक शराब या विकृत स्पिरिट तक नहीं। इस प्रकार, औद्योगिक शराब पर केंद्र के अधिकार क्षेत्र की पुष्टि हुई।
  • सुप्रीम कोर्ट रेफरल (वर्ष 2007): वर्ष 2004 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई थी।
    • न्यायालय ने मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया, यह देखते हुए कि टीका रामजी मामले (वर्ष 1956) पर सिंथेटिक्स एवं रसायन मामले (वर्ष 1989) में 7 न्यायाधीशों की पीठ ने विचार नहीं किया था तथा इसमें आगे की जाँच की आवश्यकता थी।
    • इस रेफरल का उद्देश्य औद्योगिक अल्कोहल एवं संविधान के तहत इसके वर्गीकरण के संबंध में नियामक ढाँचे को स्पष्ट करना था।

शराब का क्षेत्राधिकार ‘अतिव्यापी’ प्रविष्टियाँ

केंद्र

राज्य

  • संघ सूची (प्रविष्टि 52): यह केंद्र सरकार को उन उद्योगों को विनियमित करने का अधिकार देती है, जिन्हें संसद ‘सार्वजनिक हित’ मानती है।
  • उद्योग (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1951 (IRDA): अनुसूचित उद्योगों से संबंधित विशिष्ट उत्पादों को विनियमित करने की शक्ति केंद्र सरकार को सौंपी गई।
  • इस विषय में प्रचलित केंद्रीय कानून के कारण, केंद्र सरकार का तर्क है कि औद्योगिक शराब संबंधी क्षेत्र पर नियंत्रण केंद्र का है, एवं राज्य इस विषय को विनियमित नहीं कर सकते हैं।

राज्य सूची (प्रविष्टि 8): राज्य को ‘नशीली शराब, यानी नशीली शराब के उत्पादन, निर्माण, नियंत्रण, परिवहन, खरीद एवं बिक्री’ के लिए कानून बनाने का अधिकार है।

समवर्ती सूची की प्रविष्टि 33: राज्य एवं केंद्र दोनों सरकारें किसी भी उद्योग के उत्पादों पर कानून बना सकती हैं, भले ही संसद ने सार्वजनिक हित में संघ को नियंत्रण प्रदान किया हो।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.