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Lokesh Pal
March 25, 2025 05:30
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से जुड़े आरोपों की आंतरिक जाँच शुरू की है।
सरकार को आवश्यकता से अधिक हस्तक्षेप से बचना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक हस्तक्षेप न्यायिक जवाबदेही और न्यायिक नियुक्ति प्रणाली पर व्यापक चर्चा को जन्म दे सकता है। इस प्रकरण से प्रमुख सीख यह है, कि न्यायिक स्वतंत्रता का अर्थ नियमित जाँच प्रक्रियाओं से अलगाव नहीं होना चाहिए, बल्कि पूर्ण जवाबदेही और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नभारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा हाल ही में एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जुड़े विवाद के संदर्भ में इन-हाउस जाँच का आदेश दिया गया | इस संदर्भ में आलोचनात्मक जाँच कीजिए, कि भारतीय न्यायपालिका में पारदर्शिता का मूल्य क्यों आवश्यक है, यह न्यायाधीशों के बीच जवाबदेही के मूल्य को कैसे बढ़ाता है? (15 अंक, 250 शब्द) |
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