Q. परीक्षण कीजिए कि बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक अस्थिरता और उसके बाद हुई हिंसा ने देश के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित किया है। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य मांग:

  • जांच करें कि बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक अस्थिरता और उसके बाद हुई हिंसा ने देश के सामाजिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित किया है।
  • इस तथ्य  पर प्रकाश डालें कि बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक अस्थिरता और उसके बाद हुई हिंसा ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित किया है।

 

उत्तर:

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के पश्चात उत्पन्न  राजनीतिक अस्थिरता, एवं  हिंसा से देश संकट में है। व्यापक स्तर पर  विरोध एवं  हिंसक संघर्षों  से प्रेरित अशांति ने देश में व्यापक अराजकता फैला दी है, जिससे सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में इन संघर्षों में 560 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

बांग्लादेश के सामाजिक परिदृश्य पर प्रभाव:

  • अल्पसंख्यकों के खिलाफ लक्षित हिंसा: राजनीतिक अस्थिरता से हिंदू जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध हिंसा में वृद्धि हुई  है।
    उदाहरण के लिए:बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अनुसार, कई जिलों में अल्पसंख्यक घरों एवं व्यवसायों पर लूटपाट के साथ हमले की घटनाएं हुई हैं, जिससे सामुदायिक तनाव बढ़ा है तथा सामाजिक एकता कमजोर हुई है।
  • दैनिक जीवन में व्यवधान: हिंसा ने लाखों लोगों के दैनिक जीवन को गंभीर रूप से बाधित कर दिया है। कई क्षेत्रों में स्कूल एवं  व्यवसाय बंद हैं, जिससे शिक्षा एवं  आजीविका प्रभावित हो रही है। उदाहरण के लिए: ढाका में शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से छात्रों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे असुरक्षा की भावना बढ़ रही है
  • प्रवासन में वृद्धि : हिंसा के भय से, कई परिवार प्रभावित क्षेत्रों से पलायन कर रहे हैं, जिससे आंतरिक विस्थापन हो रहा है।
    उदाहरण के लिए: चटगांव जैसे जिलों में , सुरक्षित क्षेत्रों में प्रवासन की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिससे सामाजिक तंत्र बाधित हो रहे हैं साथ ही मेजबान समुदायों पर दबाव बढ़ रहा है, जो पहले से ही सीमित आधारभूत संरचना का सामना कर रहे थे।
  • मनोवैज्ञानिक प्रभाव: दीर्घकालिक हिंसा एवं अनिश्चितता का जनसंख्या पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है। विशेष रूप से बच्चे एवं महिलाएं, उच्च स्तर की चिंता एवं आघात का सामना कर रहे हैं
    उदाहरण के लिए: स्थानीय एनजीओ के अनुसार  हिंसा से प्रत्यक्ष रूप से  प्रभावित लोगों में PTSD एवं अवसाद के मामलों में वृद्धि हुई है।
  • संस्थानों पर विश्वास में ह्रास : कानून प्रवर्तन और सरकारी संस्थानों की व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थता ने सार्वजनिक विश्वास को कम कर दिया है
    उदाहरण के लिए:  एक कार्यात्मक सरकार की अनुपस्थिति से कई लोगों ने असहाय महसूस किया  है, जैसा कि नागरिकों में बढ़ते असंतोष से देखा जा सकता है, जो अब सहायता  के लिए  सामुदायिक तंत्र  पर निर्भर हैं, जिससे राज्य का सामाजिक अनुबंध और कमजोर हो गया है।

बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव:

  • उग्रवादी समूहों का उदय : राजनीतिक अनुपस्थिति से जमात जैसे उग्रवादी समूहों को अपने प्रभाव में वृद्धि करने का अवसर प्राप्त हुआ है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उनके  पुनरुत्थान से राजनीतिक परिदृश्य के और अस्थिर होने  का खतरा उत्पन्न हुआ है ,क्योंकि वे इस अराजकता का लाभ उठाकर अपने एजेंडे का प्रसार रहे हैं, जिससे हिंसा  एवं  उग्रवाद में वृद्धि हो  सकती है।
  • लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का कमजोर होना : वर्तमान अस्थिरता ने बांग्लादेश में लोकतंत्र के भविष्य पर संदेह उत्पन्न कर दिया है। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में व्यवधान, जैसे  चुनावों में संभावित देरी या हेरफेर से राज्य की विश्वसनीयता कमजोर होती  है।
    उदाहरण के लिए :निष्पक्ष चुनाव की मांग अशांति की आशंकाओं से धूमिल हो गई है।
  • सैन्य प्रभाव : अस्थिरता ने राजनीति में सेना की भूमिका बढ़ा दी है, जिससे इसकी तटस्थता से संबंधित चिंताएं उत्पन्न  हो गई हैं।
    उदाहरण के लिए:  शासन में सेना की पूर्व में भागीदारी एवं  वर्तमान घटनाओं के कारण , अधिनायकवाद की वापसी का भय बढ़ रहा है।
  • राजनीतिक दलों का ध्रुवीकरण : हिंसा ने राजनीतिक दलों, विशेष रूप से अवामी लीग तथा  बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के मध्य  विभाजन को गहरा कर दिया है
    उदाहरण के लिए:  ध्रुवीकरण ने सुलह के प्रयासों को बाधित कर दिया है, जैसा कि पार्टी के नेताओं द्वारा संवाद में सम्मिलित  होने से इनकार करने से स्पष्ट है, जिससे राजनीतिक गतिरोध और बढ़ गया है तथा  संकट दीर्घकालिक होता जा रहा है।
  • विदेशी संबंधों पर प्रभाव : अस्थिरता ने बांग्लादेश के विदेशी संबंधों, विशेष रूप से भारत के साथ, तनावपूर्ण बना दिया है। हिंसा के संभावित प्रसार से चिंतित भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
    उदाहरण के लिए: हालिया कूटनीतिक वक्तव्य में तनाव स्पष्ट है, जहां भारत ने बांग्लादेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा से सम्बन्धित चिंता व्यक्त की है।

बांग्लादेश का भविष्य वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता का सफलतापूर्वक समाधान करने की उसकी क्षमता पर निर्भर है। सामाजिक सद्भाव तथा राजनीतिक स्थिरता के पुनर्स्थापन  के लिए तत्काल सुधारों की आवश्यकता है, जिसमें लोकतांत्रिक संस्थानों को सुदृढ़ करने के साथ  समावेशी शासन को प्रोत्साहित करना  शामिल है । बांग्लादेश में शांति एवं  सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा  क्षेत्रीय भू-राजनीति में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए इन चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है ।

 

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