प्रश्न की मुख्य माँग
- पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध का औचित्य प्रस्तुत कीजिए।
- पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध के निहितार्थ बताइये।
- आगे की राह लिखिये।
|
उत्तर
भारत सरकार द्वारा पारित ऑनलाइन गेमिंग (विनियमन एवं प्रतिषेध) अधिनियम, 2025 एक महत्वपूर्ण नीतिगत मध्यक्षेप है। इस अधिनियम के अंतर्गत धन-आधारित ऑनलाइन गेमों पर प्रतिबंध लगाया गया है। उद्देश्य केवल नैतिक आधार पर प्रतिबंध लगाना नहीं, बल्कि आर्थिक शोषण, नशे जैसी प्रवृत्तियों तथा असुरक्षित नागरिकों की रक्षा करना है। यह कदम राज्यीय विनियमन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा आर्थिक प्रभावों के बीच संतुलन को लेकर गहन बहस को जन्म देता है।
पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध के औचित्य
- नशे की लत और वित्तीय नुकसान पर अंकुश लगाना: पैसे के लिए खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम वस्तुतः जुए के समान हैं। यह खिलाड़ियों में नशे जैसे मनोवैज्ञानिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं, जिसके कारण मानसिक तनाव, कर्ज के जाल (debt traps) तथा पारिवारिक विघटन जैसी गंभीर सामाजिक समस्याएँ सामने आती हैं।
- आर्थिक रूप से सुभेद्य लोगों की सुरक्षा: ऐसे खेल ‘शून्य-योग’ (zero-sum) स्वरूप के होते हैं, जिसमें कुछ लोगों की जीत, बड़े पैमाने पर अन्य खिलाड़ियों की हार से ही संभव होती है। प्रायः हारने वाले लोग निम्न-आय वर्ग से होते हैं।
- उदाहरण: कर्नाटक (वर्ष 2025) में भारी आर्थिक नुकसान के कारण ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी आत्महत्याओं की कई घटनाएँ रिपोर्ट की गईं।
- अन्य जोखिमपूर्ण क्षेत्रों के साथ विनियामक समानता: जैसे शेयर बाजार में ‘फ्यूचर्स एवं ऑप्शन्स’ (F&O) में खुदरा निवेशकों के लिए प्रतिबंध लगाए जाते हैं, उसी प्रकार ऑनलाइन गेमिंग के मामले में भी एक सतर्कतापूर्ण एवं एहतियाती दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक समझा गया।
- कानूनी अस्पष्टता को रोकना: भारत में जुआ आंशिक रूप से वैध है (जैसे – लॉटरी, कैसीनो, घुड़दौड़), जिसके कारण ऑनलाइन गेमिंग की श्रेणीकरण में न्यायिक एवं क्षेत्राधिकार संबंधी अस्पष्टताएँ (jurisdictional ambiguities) उत्पन्न हो जाती हैं। प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य इन विधिक अस्पष्टताओं को समाप्त करना है।
- मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म अवैध वित्तीय लेन-देन तथा मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम बन सकते हैं।
- उदाहरण के लिए: नये विधेयक का उद्देश्य सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं, भुगतान माध्यमों एवं प्रमोटरों तक को नियंत्रित करना है ताकि गेमिंग-आधारित अवैध धन शोधन (gaming-based money laundering) की संभावनाओं को कम किया जा सके।
प्रतिबंध के निहितार्थ
सकारात्मक निहितार्थ
- उपयोगकर्ता सुरक्षा: यह प्रतिबंध लोगों को आर्थिक बर्बादी तथा उन शोषणकारी रणनीतियों (predatory tactics) से बचाता है जो विशेष रूप से सुभेद्य वर्गों को लक्ष्य बनाती हैं।
- उदाहरण के लिए: नये विधेयक में कठोर दंड प्रावधान किए गए हैं—अधिकतम 3 वर्ष का कारावास तथा ₹1 करोड़ तक का जुर्माना—जो उपभोक्ता संरक्षण के प्रति सख्त रुख को दर्शाता है।
- स्पष्ट नियामक संरचना: यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स जैसे कौशल-आधारित खेलों को वास्तविक धन-आधारित खेलों से अलग करने की गेमर्स की लंबे समय से चली आ रही माँग को संबोधित करता है।
- उदाहरण के लिए: विधेयक ने गेमिंग समुदाय की उस दीर्घकालीन माँग को संबोधित किया है जिसमें कौशल-आधारित खेलों (जैसे ई-स्पोर्ट्स) को वास्तविक धन वाले जुए से अलग मान्यता देने की माँग की गई थी।
- उपभोक्ता विश्वास: नियामक निगरानी (regulatory oversight) डिजिटल गेमिंग प्लेटफार्मो पर उपभोक्ताओं का विश्वास पुनर्स्थापित कर सकती है।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता: यह कदम अनियंत्रित वाणिज्यीकरण की तुलना में नागरिकों के कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य को अधिक महत्व देता है।
नकारात्मक निहितार्थ
- राजस्व एवं निवेश हानि: लगभग ₹20,000 करोड़ के अनुमानित उद्योग को भारी व्यवधान झेलना पड़ रहा है, जिसके कारण कर राजस्व (tax inflows) और विज्ञापन आय (advertising revenue) में कमी आ सकती है।
- निवेश पारिस्थितिकी तंत्र का क्षरण: प्रतिबंध के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और घरेलू वित्तपोषण (domestic funding) दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- उदाहरण के लिए: Dream11, MPL जैसे प्लेटफॉर्म ने वास्तविक धन वाले संचालन बंद कर दिए हैं, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
- अवैध गेमिंग बाजारों का विकास: यह प्रतिबंध उपयोगकर्ताओं को अनियंत्रित विदेशी (offshore) प्लेटफॉर्म का उपयोग करने हेतु दुष्प्रेरित सकता है।
- उदाहरण के लिए: इस प्रतिबंध से इस बात का जोखिम है कि अवैध विदेशी प्लेटफ़ॉर्म तेजी से पनपेंगे, ठीक उसी प्रकार जैसे शेयर बाज़ार में डब्बा ट्रेडिंग (dabba trading) अवैध रूप से बढ़ी थी।
इस प्रकार, इन सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों को देखते हुए एक संतुलित तथा सूचित आगे की रणनीति (balanced and informed way forward) अपनाना आवश्यक है, ताकि इस प्रतिबंध से उत्पन्न दुष्प्रभावों का रचनात्मक समाधान किया जा सके।
आगे की राह
- स्तरीय विनियमन लागू करना: उच्च-जोखिम वाले धन-आधारित खेलों और कम-जोखिम वाले कौशल-आधारित अथवा ई-स्पोर्ट्स प्रारूपों में स्पष्ट अंतर किया जाए तथा उनके लिए पृथक नियमावली बनाई जाए। इससे नियंत्रण में संतुलन बनेगा और उद्योग के स्वस्थ स्वरूप को बढ़ावा मिलेगा।
- बिना किसी प्रतिबंध के सख्त उपयोगकर्ता सुरक्षा: पूर्ण प्रतिबंध की बजाय अभिभावकीय नियंत्रण, व्यय सीमा निर्धारण, आयु-प्रमाणीकरण तथा परामर्श सेवाओं की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए।
- उदाहरण के लिए: तमिलनाडु ने वर्ष 2022 में ऐसे नियम लागू किए जिनमें खेल-समय की सीमा, त्वरित चेतावनी संदेश और खर्च की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई थी। यह एक अनुकरणीय दृष्टांत है।
- मजबूत प्रवर्तन क्षमताएँ: राज्य स्तरीय नियामकों को आवश्यक उपकरण तथा अधिकार प्रदान किए जाएँ, जिससे वे अवैध विदेशी मंचों तथा बिना अनुमति संचालित ऐप्स पर प्रभावी रोक लगा सकें।
- कर-आधारित ढाँचे के माध्यम से राजस्व: कौशल-आधारित खेलों को वैध करार देकर उन पर कराधान लागू किया जाए, जिससे राजस्व प्राप्त हो तथा इस क्षेत्र का औपचारिककरण सुनिश्चित हो सके।
- उदाहरण के लिए: प्रतिबंध प्रस्तावों से पूर्व वास्तविक धन-आधारित खेल मंचों पर 28% वस्तु एवं सेवा कर तथा 30% आयकर लगाया जाता था।
पैसे के लिए खेले जाने वाले ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध एक संरक्षणवादी किन्तु हस्तक्षेपकारी राज्य दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहाँ आर्थिक लाभ की अपेक्षा नागरिक कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। वास्तविक चुनौती यह है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन स्थापित किया जाए। इसके लिए एक सुदृढ़ नियामकीय ढाँचा विकसित करना आवश्यक है, जो एक ओर सुभेद्य वर्गों की रक्षा कर सके और दूसरी ओर उत्तरदायी नवाचार तथा नैतिक डिजिटल बाजारों को भारत में प्रोत्साहन दे सके।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Latest Comments