Q. अभिवृत्‍ति और अभिक्षमता का संयोजन सिविल सेवकों को अपने कर्तव्य निभाने में कैसे योगदान देता है? स्पष्ट कीजिये (10 अंक, 150 शब्द)

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • प्रस्तावना: लोक सेवकों में मनोवृत्ति एवं अभिवृत्ति की भूमिका का उल्लेख करते हुए परिचय दीजिए।
  • मुख्य विषयवस्तु:
    • लोक सेवकों के कामकाजी कर्तव्यों में इनकी भूमिका लिखिए।
  • निष्कर्ष: मनोवृत्ति एवं अभिवृत्ति के महत्व का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालें।

 

प्रस्तावना:

अभिवृत्ति किसी व्यक्ति की कौशल हासिल करने या विकसित करने और विशिष्ट कार्य करने की अंतर्निहित या प्राकृतिक क्षमता को संदर्भित करती है। यह अक्सर किसी व्यक्ति की सीखने और विशेष क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने की क्षमता से संबंधित होता है। दूसरी ओर, मनोवृत्ति, किसी चीज़ या किसी व्यक्ति के प्रति किसी व्यक्ति की मानसिकता, दृष्टिकोण या स्वभाव को संदर्भित करता है। यह किसी व्यक्ति की राय, विश्वास और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो उनके व्यवहार और विकल्पों को प्रभावित करते हैं।

मुख्य विषयवस्तु:

लोक सेवक के कामकाजी कर्तव्यों में मनोवृत्ति एवं अभिवृत्ति की भूमिका:

मनोवृत्ति अभिवृत्ति उदाहरण
व्यावसायिकता/पेशेवर विश्लेषणात्मक कौशल रघुराम राजन के पेशेवर संबंधी मनोवृत्ति और विश्लेषणात्मक कौशल ने उन्हें भारत की मौद्रिक नीतियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सक्षम बनाया।
सेवा अभिविन्यास संचार कौशल कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव अनिल स्वरूप, सेवा-उन्मुख मनोवृत्ति और संचार कौशल में उनकी अभिवृत्ति ने उन्हें कोयला क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम बनाया।
सहानुभूति नेतृत्व कौशल उज्ज्वल निकम, जो प्रमुख क्रिमिनल लॉयर हैं, उन्होंने सहानुभूतिपूर्ण मनोवृत्ति, व अपने नेतृत्व कौशल से आपराधिक मामलों में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व किया।
अनुकूलन क्षमता तकनीकी दक्षता अरुणा सुंदरराजन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पूर्व सचिव, अनुकूलनशीलता मनोवृत्ति, व तकनीकी दक्षता में उनकी अभिवृत्ति  ने भारत के डिजिटल रूपान्तरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दक्षता और जवाबदेही संगठनात्मक और योजना संबंधी क्षमताएँ अजीत डोभाल की दक्षता और जवाबदेही की मनोवृत्ति, संगठनात्मक और योजना बनाने की क्षमताओं में उनकी अभिवृत्ति ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दिया है।


निष्कर्ष:

लोक सेवकों के लिए अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए अभिवृत्ति और मनोवृत्ति का संयोजन महत्वपूर्ण है। तकनीकी कौशल को बढ़ाना, सेवा और सार्वजनिक हित के प्रति सकारात्मक मनोवृत्ति विकसित करना और निरंतर सीखते रहने जैसे माध्यम से विकासोन्मुख गतिविधि को बढ़ावा देना आवश्यक है । इसके अतिरिक्त लोक सेवकों को भविष्य की उभरती चुनौतियों के लिए हमेशा तत्पर रहने की आवश्यकता है।

 

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