प्रश्न की मुख्य माँग
- प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में की गई प्रमुख घोषणाओं पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
|
उत्तर
वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा रखने वाले भारत को अर्थव्यवस्था, रक्षा, प्रौद्योगिकी और सामाजिक ताने-बाने में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है। वर्ष 2025 के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा उपायों और स्वदेशी रक्षा प्रगति से लेकर GST सुधारों और जनसांख्यिकीय चिंताओं तक, प्रमुख घोषणाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें वैचारिक एकीकरण और भौतिक प्रगति के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया गया।
प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में की गई प्रमुख घोषणाएँ
- आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता: आतंकवाद के विरुद्ध अडिग रुख की दृढ़ घोषणा के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई, जो संप्रभुता की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का संकेत है।
- आगे होने वाले GST सुधार: व्यापार सुगमता और उपभोग को बढ़ावा देने हेतु कराधान के सरलीकरण और उद्योगों को राहत देने को, आवश्यक सुधारों के रूप में प्रस्तुत किया गया।
- उदाहरण: दीपावली 2025 तक लागू होने वाले GST सुधार मुख्य वस्तुओं और सेवाओं पर कर का बोझ कम करेंगे और व्यापार को बढ़ावा देंगे।
- सशस्त्र बलों की उपलब्धियों को मान्यता: भारत की सुदृढ़ होती रक्षा तैयारियों और स्वदेशी क्षमताओं पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाने के लिए ऑपरेशनल सफलताओं पर प्रकाश डाला गया।
- उदाहरण: भारत के सशस्त्र बलों और स्वदेशी हथियारों की प्रभावशीलता के प्रमाण के रूप में ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया गया।
- आंतरिक विद्रोहों का समाधान: भाषण में उग्रवादी हिंसा को कम करके और प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को मज़बूत करके आंतरिक सुरक्षा के ख़तरों का समाधान करने पर बल दिया गया।
- उदाहरण: माओवादी विद्रोह को समाप्त करने में हाल की सफलताओं को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया गया।
- स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का विकास: उन्नत घरेलू रक्षा प्रणालियों के निर्माण हेतु एक दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया, जिसका उद्देश्य खतरों को बेअसर करना और जवाबी क्षमता सुनिश्चित करना है।
- उदाहरण: मिशन सुदर्शन चक्र, एक पूर्णतः स्वदेशी रक्षा प्रणाली जिसे 2035 तक तैनात किया जाएगा, दुश्मन के हमलों को बेअसर करेगा और उनका उचित जवाब देगा।
- विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता: आर्थिक दृष्टिकोण को विविध क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करके बाह्य निर्भरता को कम करने से जोड़ा गया।
- जनसांख्यिकी मिशन का शुभारंभ: दीर्घकालिक जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का समाधान करने के लिए एक मिशन की घोषणा की गई, जिसे भारत के सामाजिक संतुलन की रक्षा के लिए केंद्रीय माना गया।
- उदाहरण: यह मिशन उस तथाकथित “सुनियोजित षड्यंत्र” का प्रतिरोध करने पर लक्षित है, जिसे प्रधानमंत्री ने भारत की जनसांख्यिकी को बदलने के प्रयास के रूप में वर्णित किया।
- घुसपैठ से संबंधित चिंताएँ: राष्ट्रीय सुरक्षा और पहचान को अनिर्दिष्ट प्रवासन से जोड़ा गया, जिसे जनसांख्यिकीय अखंडता के लिए एक गंभीर चुनौती बताया गया।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस संबोधन ठोस विकासात्मक उपायों और वैचारिक अभिकथनों का मिश्रण था। जहाँ आर्थिक सुधार, मिशन सुदर्शन चक्र जैसी रक्षा प्रगतियाँ और GST को युक्तिसंगत बनाना 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, वहीं जनसांख्यिकीय मिशन समावेशी विकास से ध्यान भटकाने का जोखिम उत्पन्न कर सकता है। भारत के 2047 के दृष्टिकोण की सफलता राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक एकता के सामंजस्य पर निर्भर करेगी।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Latest Comments