Explore Our Affordable Courses

Click Here

Q. 'शहरी नक्सलवाद' की घटना ने हाल के वर्षों में सबका ध्यान आकर्षित किया है, जिससे आंतरिक सुरक्षा और नागरिक स्वतंत्रता पर बहस छिड़ गई है। इस मुद्दे में योगदान देने वाले सामाजिक-आर्थिक कारकों का परीक्षण कीजिए और इसे संबोधित करने में वर्तमान सरकारी रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य मांग

  • शहरी नक्सलवाद की समस्या में योगदान देने वाले सामाजिक-आर्थिक कारकों का परीक्षण कीजिए।
  • शहरी नक्सलवाद से निपटने में वर्तमान सरकारी रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कीजिए।

 

उत्तर

“शहरी नक्सलवाद” शब्द का इस्तेमाल व्यापक रूप से शहरी क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे व्यक्तियों के लिए किया जाता है जो सक्रियता और नक्सलियों के हितों की वकालत के माध्यम से नक्सली विचारधारा का समर्थन और प्रचार करते हैं, जो सक्रिय नक्सलियों के विपरीत है जो जंगलों और व्यापक माओवादी-नियंत्रित क्षेत्रों में हिंसा अपनाते हैं। यह घटना जो  सत्ता-विरोधी प्रतिक्रिया और असंतुष्टियों  से उत्पन्न हुई है ,ने हाल के वर्षों में सबका ध्यान आकर्षित किया है । वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी केंद्रों तक नक्सली प्रभाव है , जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के संबंध में चिंताएँ बढ़ जाती हैं ।

शहरी नक्सलवाद में योगदान देने वाले सामाजिक-आर्थिक कारक:

  • आर्थिक असमानता: धन और संसाधनों में महत्वपूर्ण असमानताएँ, हाशिए पर स्थित समुदायों के बीच असंतोष को बढ़ावा देती हैं।
    उदाहरण के लिए: मुंबई जैसे शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को समृद्ध इलाकों की तुलना में जीवन स्तर में भारी अंतर का सामना करना पड़ता है , जिससे उनके‌ बीच असंतोष पनपता है
  • बेरोज़गारी: शहरी क्षेत्रों में उच्च बेरोज़गारी दर हताशा और निराशा को बढ़ाती है
    उदाहरण के लिए: झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में , जहां नक्सलवाद का प्रभाव मजबूत है, बेरोजगारी युवाओं के मोहभंग को बढ़ा रही है।
  • शिक्षा का अभाव: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सीमित पहुंच अज्ञानता को बढ़ाती है और व्यक्तियों को चरमपंथी विचारधाराओं के प्रति संवेदनशील बनाती है
    उदाहरण के लिए: दिल्ली और मुंबई की शहरी झुग्गियों में अपर्याप्त स्कूली शिक्षा सुविधाएं ,यहां के लोगों के विकास के अवसरों को सीमित करती हैं ।
  • शहरी गरीबी: झुग्गी-झोपड़ियों और अविकसित क्षेत्रों में रहने की खराब स्थिति अलगाव और अन्याय की भावना को बढ़ावा देती है ।
    उदाहरण के लिए: मुंबई में धारावी झुग्गी-झोपड़ियाँ , जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गियों में से एक है , अत्यधिक गरीबी और भीड़भाड़ का प्रतीक है जो नक्सली सहानुभूति को बढ़ावा दे सकती है।
  • विस्थापन और पलायन: शहरी विकास परियोजनाओं और उचित पुनर्वास सहायता की कमी के कारण जबरन विस्थापन से असंतोष और कट्टरता उत्पन्न हो सकती है ।
    उदाहरण के लिए: बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क जैसी बड़ी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के निर्माण के कारण होने वाला विस्थापन ।
  • भ्रष्टाचार: व्यापक भ्रष्टाचार सरकारी संस्थाओं में
    विश्वास को कमज़ोर करता है। उदाहरण के लिए: शहरी आवास योजनाओं में भ्रष्टाचार के मामले सरकारी संस्थाओं में विश्वास को कम करते हैं, जिससे नक्सलवादी विकल्प आकर्षक बनते हैं।
  • सामाजिक अन्याय: कथित या वास्तविक सामाजिक अन्याय, जैसे भेदभाव और प्रतिनिधित्व की कमी , क्रांतिकारी आंदोलनों के प्रति क्रोध और समर्थन को बढ़ावा देते हैं ।
  • राजनीतिक मोहभंग: मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से मोहभंग और जमीनी मुद्दों को संबोधित करने में उनकी विफलता, व्यक्तियों को चरमपंथी विचारधाराओं की ओर ले जाती है।

वर्तमान सरकारी रणनीतियों की प्रभावशीलता:

  • सुरक्षा उपाय: सुरक्षा अभियान और निगरानी में वृद्धि नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में आंशिक रूप से प्रभावी रही है।
    उदाहरण के लिए: “ग्रीन हंट” जैसे अभियानों ने नक्सली नेटवर्क को बाधित किया है, लेकिन मानवाधिकार संबंधी चिंताएँ बढ़ाई हैं।
  • कानून: गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) जैसे कानून नक्सलवाद से निपटने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं।
    उदाहरण के लिए: हाल ही में पारित महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2024 , राज्य को शहरी नक्सलवाद को लक्षित करते हुए किसी भी समूह को अवैध घोषित करने का अधिकार देता है
  • विकास कार्यक्रम: एकीकृत कार्य योजना (आईएपी) जैसी सरकारी पहल का उद्देश्य बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना है
    उदाहरण के लिए: आईएपी के तहत , वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी और पिछड़े जिलों में सड़कें और स्कूल बनाए गए हैं ‌।
  • जन जागरूकता: नक्सलवाद के खतरों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के प्रयासों को मिली-जुली सफलता मिली है।
    उदाहरण के लिए: आंध्र प्रदेश में जागरूकता अभियानों में सामुदायिक भागीदारी के विभिन्न स्तर देखे गए हैं ।
  • पुनर्वास कार्यक्रम: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए कार्यक्रमों का उद्देश्य उन्हें मुख्यधारा के समाज में
    फिर से शामिल करना है। उदाहरण के लिए: केंद्र और राज्य सरकारों की “आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति” , हालांकि सीमित पहुंच में है, पर यह वित्तीय सहायता और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती है
  • खुफिया जानकारी साझा करना: राज्यों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने से नक्सली खतरों से निपटने में समन्वय में सुधार हुआ है।
    उदाहरण के लिए: वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा करने के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के तहत मल्टी-एजेंसी सेंटर (MAC) की स्थापना ।
  • सामुदायिक पुलिसिंग: पुलिस और समुदायों के बीच विश्वास बनाने की पहल का उद्देश्य नक्सली प्रभाव को कम करना है।
    उदाहरण के लिए: केरल में सामुदायिक पुलिसिंग के प्रयासों से पुलिस-समुदाय के बीच बेहतर संबंध बनाने में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

शहरी नक्सलवाद एक जटिल चुनौती है, जो सामाजिक-आर्थिक मुद्दों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी हुई है, जिसके लिए अधिक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना , निष्पक्ष और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करना एवं सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देना,इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। मूल कारणों को संबोधित करके और मौजूदा उपायों में सुधार करके, भारत शहरी क्षेत्रों में नक्सली विचारधारा के प्रसार का बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकता है और नागरिक स्वतंत्रता के साथ सुरक्षा आवश्यकताओं को संतुलित कर सकता है ।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

 Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023.   Udaan-Prelims Wallah ( Static ) booklets 2024 released both in english and hindi : Download from Here!     Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF  Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing  , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz ,  4) PDF Downloads  UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

 Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023.   Udaan-Prelims Wallah ( Static ) booklets 2024 released both in english and hindi : Download from Here!     Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF  Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing  , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz ,  4) PDF Downloads  UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.