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UPSC Syllabus in Hindi 2025-26 तीन चरणों में है: प्रारंभिक परीक्षा (सामान्य अध्ययन और CSAT), मुख्य परीक्षा (भाषा, निबंध, सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय) और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा में सामयिक घटनाएँ, इतिहास, भूगोल, राज्यतंत्र, आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण, सामान्य विज्ञान, मानसिक योग्यता, तार्किक कौशल आदि विषय शामिल हैं। मुख्य परीक्षा में भारतीय संस्कृति, संविधान, सुरक्षा, नैतिकता और सामाजिक न्याय जैसे व्यापक विषयों का अध्ययन होता है।
UPSC Syllabus in Hindi 2025-26: UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है, जिसे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) आयोजित करता है। इस परीक्षा का उद्देश्य देश के विभिन्न प्रशासनिक पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करना है। UPSC CSE सिलेबस को तीन चरणों – प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains), और साक्षात्कार (Interview) – में विभाजित किया गया है। सही रणनीति और सिलेबस की गहरी समझ सफलता की कुंजी है। यहां हम UPSC सिलेबस को हिंदी में विस्तार से, चरण-दर-चरण, तालिका और विषयवार विवरण के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं।
UPSC Syllabus in Hindi 2025-26 का ढांचा मुख्यतः तीन चरणों में विभाजित है| प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains) और साक्षात्कार (Interview)। प्रत्येक चरण की अपनी अलग प्रकृति और मूल्यांकन प्रक्रिया है।
UPSC Syllabus in Hindi 2026 Overview | ||||
चरण | परीक्षा का प्रकार | विषय | अंक | अवधि |
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) | वस्तुनिष्ठ (Objective) | सामान्य अध्ययन पेपर 1 और CSAT पेपर 2 | 200 प्रत्येक | 2 घंटे प्रत्येक |
मुख्य परीक्षा (Mains) | वर्णनात्मक (Descriptive) | 9 पेपर (भाषा, निबंध, GS, वैकल्पिक विषय) | कुल 1750 | 3 घंटे प्रत्येक |
साक्षात्कार (Interview) | मौखिक (Verbal) | व्यक्तित्व परीक्षण | 275 | – |
तैयारी के लिए आधिकारिक UPSC Syllabus in Hindi PDF डाउनलोड करना अत्यंत आवश्यक है। इस दस्तावेज़ में सभी विषयों और उपविषयों की विस्तृत सूची दी होती है। PDF स्वरूप में होने से यह आसानी से संग्रहित और संदर्भ के लिए उपयोग किया जा सकता है।
उम्मीदवार को चाहिए कि वे इसे प्रिंट कर लें और अध्ययन के दौरान प्रत्येक विषय पर प्रगति को चिह्नित करें। यह पद्धति दोहराव वाले अध्ययन में सहायक होती है और सुनिश्चित करती है कि कोई भी महत्वपूर्ण विषय छूट न जाए।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा उम्मीदवारों के बुनियादी ज्ञान और विश्लेषणात्मक क्षमता को परखने के लिए आयोजित होती है। इसमें दो पेपर होते हैं – सामान्य अध्ययन और CSAT। यह चरण केवल क्वालिफाइंग है, लेकिन इसके अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाते।
यह प्रश्नपत्र उम्मीदवार की समसामयिक घटनाओं की जानकारी, ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, भारतीय राजनीति, आर्थिक विकास, पर्यावरण, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि विषयों पर उसकी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता की जांच करता है।
UPSC Prelims Syllabus in Hindi | |
क्रम संख्या | पाठ्यक्रम का विषय |
1 | राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ |
2 | भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन |
3 | भारत एवं विश्व का भूगोल: प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल |
4 | भारतीय राज्यतंत्र और शासन – संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे |
5 | आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में पहल |
6 | पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन के सामान्य मुद्दे |
7 | सामान्य विज्ञान |
यह पेपर उम्मीदवार की मानसिक क्षमता, तार्किक विचार, गणितीय योग्यता, निर्णय लेने की क्षमता, और बोधगम्यता की जांच करता है। हालांकि यह पेपर केवल क्वालिफाइंग प्रकृति का होता है (33% न्यूनतम अंक अनिवार्य), लेकिन इसमें पास होना अनिवार्य है।
प्रश्नपत्र-2: सीसैट (CSAT) | |
क्रम संख्या | पाठ्यक्रम का विषय |
1 | बोधगम्यता |
2 | संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल |
3 | तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता |
4 | निर्णय लेना और समस्या समाधान |
5 | सामान्य मानसिक योग्यता |
6 | आधारभूत संख्ययन – संख्याएँ, उनके संबंध, विस्तार-क्रम (दसवीं कक्षा स्तर) |
7 | आँकड़ों का निर्वचन – चार्ट, ग्राफ, तालिका, आँकड़ों की पर्याप्तता (दसवीं कक्षा स्तर) |
UPSC Prelims Syllabus 2026 GS Paper 1 CSAT
मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक होती है और उम्मीदवार के विषय ज्ञान, लेखन क्षमता, तथा विश्लेषणात्मक सोच का मूल्यांकन करती है। इसमें 9 पेपर शामिल होते हैं, जिनमें सामान्य अध्ययन, निबंध और वैकल्पिक विषय आते हैं।
यह पेपर उम्मीदवार की ऐतिहासिक समझ, सांस्कृतिक दृष्टिकोण, समाजशास्त्रीय विश्लेषण और भौगोलिक ज्ञान की परीक्षा लेता है।
UPSC Mains Syllabus in Hindi GS Paper 1 | |
विषय | विवरण |
भारतीय विरासत और संस्कृति | प्राचीन काल से आधुनिक काल तक की भारतीय कला, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू |
आधुनिक भारतीय इतिहास | 18वीं सदी के प्रारंभ से लेकर वर्तमान समय तक की प्रमुख घटनाएँ, व्यक्तित्व और विषय |
स्वतंत्रता संग्राम | स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरण, विभिन्न क्षेत्रों का योगदान, प्रमुख व्यक्तित्व और आंदोलनों का परिदृश्य |
स्वतंत्रता के बाद का भारत | देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन की प्रक्रियाएँ |
विश्व इतिहास | 18वीं सदी की औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय आंदोलन, सीमाओं का पुनःनिर्धारण, उपनिवेशवाद और उसका अंत, उदारवाद, समाजवाद, पूंजीवाद जैसे राजनीतिक दर्शन |
भारतीय समाज | भारतीय समाज के मुख्य लक्षण, जाति, धर्म, क्षेत्रीयता, महिला स्थिति में सुधार, महिला आंदोलन, जनसंख्या व जनसांख्यिकीय परिवर्तन, गरीबी और विकास से जुड़े मुद्दे |
सामाजिक मुद्दे | अनुसूचित जाति/जनजाति की स्थिति, सामाजिक संरचना, धर्म, संस्कृति, धर्मनिरपेक्षता |
विश्व के सामाजिक-ऐतिहासिक पहलू | विश्व के ऐतिहासिक-सामाजिक परिवेश की मुख्य विशेषताएँ |
भूगोल और पर्यावरण | विश्व के प्राकृतिक संसाधनों का वितरण, भू-राजनीतिक, आर्थिक और भौतिक अवसंरचना का विकास, उदारवाद और लोकतंत्र की स्थापना के प्रयास |
मानव-पर्यावरण संबंध | जलवायु परिवर्तन से जुड़ी भू-आकृतिक घटनाएँ, प्राकृतिक आवासों का संरक्षण, जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र, इनके परिवर्तन और प्रभाव |
इस पेपर का उद्देश्य उम्मीदवार की राजनीतिक प्रणाली, नीति निर्माण, संवैधानिक प्रावधानों, सरकारी योजनाओं, लोक प्रशासन, और भारत के वैश्विक संबंधों में समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता की जांच करना है।
UPSC Mains Syllabus in Hindi GS Paper 2 | |
विषय | विवरण |
भारतीय संविधान | ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, विकास, विशेषताएं, संशोधन प्रक्रिया, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना |
संघ और राज्यों के कार्य | संघीय ढांचे से संबंधित विषय और चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण एवं उसकी चुनौतियां |
शक्ति विभाजन और विवाद समाधान | विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र और संबंधित संस्थान |
संवैधानिक तुलना | भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना |
संसद और राज्य विधानमंडल | संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियां, विशेषाधिकार और उत्पन्न होने वाले मुद्दे |
कार्यपालिका और न्यायपालिका | संरचना, संगठन और कार्य, मंत्रालय एवं विभाग, औपचारिक और अनौपचारिक संघों की भूमिका |
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम | अधिनियम की मुख्य विशेषताएं और महत्व |
संवैधानिक पद और निकाय | विभिन्न संवैधानिक पदों की नियुक्ति, शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व |
अर्ध-न्यायिक निकाय | विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकायों की संरचना और भूमिका |
सरकारी नीतियां | विकास के लिए सरकारी हस्तक्षेप, अभिकल्पन, कार्यान्वयन और उससे उत्पन्न चुनौतियां |
विकास प्रक्रियाएं | सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, NGO, लोकोपकारी संस्थाएं और अन्य एजेंसियों की भूमिका |
कल्याणकारी योजनाएं | केंद्र एवं राज्यों द्वारा अति संवेदनशील वर्गों के लिए योजनाएं, उनका कार्य-निष्पादन, सुरक्षा और बेहतरी के उपाय |
सामाजिक क्षेत्र और सेवाएं | स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन विकास और प्रबंधन |
गरीबी और भूख | संबंधित चुनौतियां और समाधान के प्रयास |
शासन व्यवस्था और पारदर्शिता | जवाबदेही, ई-गवर्नेंस के मॉडल, सफलताएं, सीमाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता हेतु संस्थाएं और उपाय |
सिविल सेवाओं की भूमिका | लोकतंत्र में प्रशासनिक सेवाओं का योगदान |
भारत और पड़ोसी संबंध | पड़ोसी देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंध |
अंतर्राष्ट्रीय समूह और करार | द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समझौते, भारत से जुड़े मुद्दे |
विदेश नीति | विकसित और विकासशील देशों की नीतियों का भारत पर प्रभाव |
अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और मंच | संरचना, अधिदेश और भूमिका |
UPSC Mains Syllabus 2025 lso Read:
इस पेपर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उम्मीदवार न केवल भारत की आर्थिक प्रगति और विकास नीतियों को समझता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी जागरूक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण रखता हो।
UPSC Mains Syllabus in Hindi GS Paper 3 | |
विषय | विवरण |
भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना | संसाधनों का जुटाव, प्रायोजन, विकास, रोजगार से संबंधित विषय |
सतत विकास | सतत विकास की अवधारणा, उससे जुड़े मुद्दे और चुनौतियां |
सरकारी बजट | बजट प्रक्रिया, प्रमुख घोषणाएं और आर्थिक प्रभाव |
प्रमुख फसलें और कृषि | देश के विभिन्न भागों में फसलों के पैटर्न, सिंचाई के प्रकार, जल संसाधन नीतियां, संवीक्षित फसलें, कृषि पद्धतियां और उत्पादन प्रणाली |
भूमि सुधार और कृषि उद्योग | भूमि सुधार की नीतियां, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ईंधन, उर्वरक, कृषि उत्पाद विपणन और सुरक्षा मुद्दे |
खनिज संसाधन और उद्योग | भारत के खनिज संसाधन, अवस्थिति, महत्व, खनन, ऊर्जा, आभियांत्रिकी और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र |
पशुपालन | भारत में पशुपालन की स्थिति और महत्व |
औद्योगिक नीति और विकास | औद्योगिक नीति का अवलोकन, बदलाव और उनके औद्योगिक विकास पर प्रभाव |
अवसंरचना | ऊर्जा, संचार, जल, विमानन, बंदरगाह, रेलवे आदि क्षेत्रों का विकास |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास | विकास, अनुप्रयोग और रोजगार व जीवन पर प्रभाव |
भारतीय उपलब्धियां | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीय योगदान, देशज स्रोत से प्रौद्योगिकी का विकास और आत्मनिर्भरता |
नवीनतम प्रौद्योगिकी | सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, माइक्रोटेक्नोलॉजी, नैनो प्रौद्योगिकी आदि में प्रगति |
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण | संरक्षण के उपाय, पर्यावरण प्रदूषण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन |
आपदा और आपदा प्रबंधन | आपदा के प्रकार, प्रबंधन रणनीतियां, संसाधन सुरक्षा और सुधार |
पर्यावरणीय संबंध और चुनौतियां | पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक घटनाओं का संबंध |
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रयास | पर्यावरण सुरक्षा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका |
भौगोलिक और प्राकृतिक सुरक्षा चुनौतियां | भारत और पड़ोसी देशों से जुड़ी भौगोलिक व प्राकृतिक सुरक्षा चुनौतियां |
सांस्कृतिक प्रथाएं और वैधानिक प्रावधान | पर्यावरण संरक्षण हेतु सांस्कृतिक परंपराएं और कानूनी उपाय |
सुरक्षा बल और संस्थाएं | विभिन्न सुरक्षा बल, संस्थाएं और उनके अधिकार |
इस पेपर का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवार में व्यावहारिक नैतिकता, ईमानदारी, न्यायप्रियता, और पेशेवर आचरण के गुण विकसित करना है, जो सार्वजनिक प्रशासन और समाज के प्रति जिम्मेदारियाँ निभाने में सहायक हों।
UPSC Mains Syllabus in Hindi GS Paper 4 | |
विषय | विवरण |
नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध | मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के विभिन्न आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र की भूमिका। |
मानवीय मूल्य | महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य निर्माण में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका। |
अभिवृत्ति | अभिवृत्ति का सारांश, संरचना और वृत्ति; विचार एवं आचरण पर प्रभाव; नैतिक और राजनीतिक अभिन्नता; सामाजिक प्रभाव व प्रबंधन; अवधारण। |
सिविल सेवा के बुनियादी मूल्य | सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, भेदभाव-रहित दृष्टिकोण, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और संवेदनशीलता। |
भावनात्मक समझ | भावनात्मक समझ की अवधारणाएं, प्रशासन और शासन में उनके उपयोग और अनुप्रयोग। |
नैतिक विचारकों का योगदान | भारत और विश्व के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का नैतिकता व शासन व्यवस्था में योगदान। |
लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य और नीतिशास्त्र | सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं व दुविधाएं; नीति/नैतिकता का सुदृढ़ीकरण; विधि, नियम, विनियम और अंतरात्मा का महत्व; अंतर्राष्ट्रीय संबंध और निजी फंडिंग में नैतिक मुद्दे। |
शासन व्यवस्था में ईमानदारी | लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था में ईमानदारी का दार्शनिक आधार; पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, आचार संहिता, कार्य संस्कृति, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार से निपटने की चुनौतियां। |
केस स्टडी | उपरोक्त विषयों से संबंधित व्यवहारिक उदाहरण और अध्ययन, जिनसे समस्या समाधान और नैतिक निर्णय लेने की क्षमता का मूल्यांकन किया जा सके। |
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हाँ, UPSC Syllabus in Hindi और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में विषय समान हैं, केवल भाषा का अंतर होता है।
आधिकारिक वेबसाइट से या विश्वसनीय तैयारी पोर्टल से UPSC Syllabus in Hindi PDF डाउनलोड किया जा सकता है।
इसमें सामान्य अध्ययन और CSAT शामिल हैं।
कुल नौ पेपर, जिनमें सात मेरिट आधारित और दो क्वालिफाइंग पेपर होते हैं।
2026 के लिए मुख्य ढांचा समान है, लेकिन कुछ विषयों में सामयिक अपडेट जोड़े गए हैं।
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