Q. द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग द्वारा अनुशंसित लोक सेवा संहिता पर चर्चा कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक)

उत्तर: 

दृष्टिकोण:

  • परिचय: लोक सेवा संहिता के बारे में लिखिए।
  • मुख्य विषयवस्तु
    • लोक सेवा संहिता के दस सिद्धांतों का उल्लेख कीजिए।
    • द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग द्वारा अनुशंसित सिफ़ारिशों को लिखें।
  • निष्कर्ष: आगे की राह लिखिए।

परिचय:

द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) द्वारा अनुशंसित लोक सेवा संहिता, भारत में सार्वजनिक सेवाओं में सुशासन और नैतिक आचरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिशानिर्देशों का एक व्यापक समूह है। कोड में दस मुख्य सिद्धांत शामिल हैं जो सार्वजनिक सेवाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

मुख्य विषयवस्तु:

लोक सेवा संहिता के दस सिद्धांत इस प्रकार हैं:

  1. सत्यनिष्ठा: लोक सेवकों को उच्च स्तर की सत्यनिष्ठा बनाए रखनी चाहिए और ऐसे किसी भी व्यवहार से बचना चाहिए जिसे भ्रष्ट या अनैतिक माना जा सकता है।
  2. निष्पक्षता: लोक सेवकों को निष्पक्ष होना चाहिए और बिना किसी भेदभाव या पक्षपात के सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।
  3. वस्तुनिष्ठता: लोक सेवकों को वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर निर्णय लेना चाहिए और किसी भी व्यक्तिगत पूर्वाग्रह या प्राथमिकता से बचना चाहिए।
  4. जवाबदेही: लोक सेवकों को अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जवाबदेह होना चाहिए, और किसी भी गलती या विफलता के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
  5. खुलापन: लोक सेवकों को जनता के साथ अपने व्यवहार में खुला और पारदर्शी होना चाहिए, जब भी संभव हो सार्वजनिक रिकॉर्ड तक जानकारी और पहुंच प्रदान करनी चाहिए।
  6. ईमानदारी: लोक सेवकों को जनता के साथ अपने संचार में ईमानदार और सच्चा होना चाहिए, किसी भी भ्रामक या झूठे बयानों से बचना चाहिए।
  7. व्यावसायिकता: लोक सेवकों को अपने कार्य में ज्ञान, कौशल और नैतिक आचरण सहित उच्च स्तर की व्यावसायिकता प्रदर्शित करनी चाहिए।
  8. मानवाधिकारों का सम्मान: लोक सेवकों को सभी नागरिकों के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए, जिसमें गरिमा, गोपनीयता और भेदभाव से मुक्ति का अधिकार भी शामिल है।
  9. सेवा उन्मुखीकरण: लोक सेवकों को जनता के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और समाज की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए।
  10. नैतिक शासन: लोक सेवकों को नैतिक शासन का अभ्यास करना चाहिए और अपने काम में नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखना चाहिए।

निष्कर्ष:

इस संहिता में उल्लिखित सिद्धांतों का पालन करके, लोक सेवक अधिक पारदर्शी, कुशल और उत्तरदायी सार्वजनिक सेवा क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकते हैं जो नागरिकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने में सक्षम है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.