Q. भारत में व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी स्थिति से संबंधित नियमों में प्रमुख कमियों और सीमाओं का विश्लेषण कीजिए साथ ही औद्योगीकरण के प्रभाव को रेखांकित करते हुए सुझाव प्रस्तुत कीजिए । (10 अंक, 150 शब्द)

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • प्रस्तावना: भारत में औद्योगीकरण के संदर्भ में व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी परिस्थितियों से संबंधित प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
  • मुख्य विषयवस्तु
    • प्राचीन कानूनों और उसके दायरे से जुड़ी कमियों पर चर्चा कीजिए, विशेषकर छोटे उद्योगों एवं अनौपचारिक क्षेत्रों में।
    • मौजूदा कानूनों की खंडित प्रकृति और एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।
    • हाल के उदाहरणों के साथ अपर्याप्त औद्योगिक सुरक्षा व प्रशिक्षण एवं जागरूकता के मुद्दे पर प्रकाश डालिए।
    • चर्चा कीजिए कि मौजूदा मानक अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं से कैसे मेल नहीं खाते हैं, विशेषकर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में।
    • प्रवासी श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा सामना किए जाने वाले विशिष्ट मुद्दों का समाधान कीजिए।
    • व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 जैसे नए कोड पर चर्चा कीजिए।
    • कोविड-19 महामारी एवं कार्य क्षेत्र में वर्तमान घटनाओं को इस मुद्दे से जोड़ते हुए इसकी प्रासंगिकता और तात्कालिकता को रेखांकित कीजिए।
  • निष्कर्ष: तीव्र गति से औद्योगीकरण को देखते हुए श्रम कार्यबलों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधारों और नए नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दीजिए।

 

प्रस्तावना:

भारत के तीव्र औद्योगीकरण के साथ-साथ इसके कार्यबल के लिए पर्याप्त व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य और कामकाजी परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण चुनौतियाँ पेश आई हैं। विभिन्न विधायी उपायों और नीतियों के बावजूद, नियामक ढांचे में प्रमुख कमियां और सीमाएं हैं जो इन मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करने में विफल हैं।

मुख्य विषयवस्तु:

अपर्याप्त विस्तार और प्रवर्तन:

  • भारत के कई श्रम कानून, जैसे फ़ैक्टरी अधिनियम, 1948, और खान अधिनियम, 1952, पुराने हो चुके हैं और औद्योगिक जोखिमों और खतरों की उभरती प्रकृति को पर्याप्त रूप से कवर नहीं करते हैं।
  • लघु उद्योग और अनौपचारिक क्षेत्र, जो कार्यबल के एक महत्वपूर्ण हिस्से को रोजगार देते हैं, अक्सर इन नियमों के दायरे से बच जाते हैं।
  • नियामक निकायों में अपर्याप्त स्टाफिंग और संसाधनों के कारण श्रम से जुड़े क़ानूनों का प्रवर्तन कमजोर बना हुआ है, जिससे सुरक्षा संबंधी मानदंडों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हो रहा है। उदाहरण के लिए, राणा प्लाजा आपदा(बांग्लादेश) खराब प्रवर्तन के परिणामों पर प्रकाश डालती है।

व्यापक विधान का अभाव:

  • भारत में व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (ओएसएच) के सभी पहलुओं को संबोधित करने वाले एक एकल, व्यापक ढांचे का अभाव है। मौजूदा कानून खंडित और क्षेत्र-विशिष्ट हैं, जिससे सुरक्षा में विसंगतियां और कमियां पैदा होती हैं।
  • भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996, कुछ उपाय प्रदान करता है लेकिन इसका दायरा सीमित है और अक्सर उचित प्रकार से लागू नहीं किया जाता है।

अपर्याप्त जागरूकता एवं प्रशिक्षण:

  • सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल और अधिकारों के बारे में श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच जागरूकता और प्रशिक्षण की कमी है। यह विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्र में स्पष्ट है, जहां सुरक्षा उपायों की अक्सर उपेक्षा की जाती है।
  • हाल की औद्योगिक दुर्घटनाएँ, जैसे आंध्र प्रदेश में एक रासायनिक कारखाने में गैस रिसाव (2020), अपर्याप्त सुरक्षा प्रशिक्षण और जागरूकता के परिणामों को रेखांकित करती हैं।

 अपर्याप्त स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मानक:

  • व्यावसायिक गतिविधियों में स्वास्थ्य और सुरक्षा के मानक प्रायः अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप नहीं होते हैं। यह खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में दिखाई देते है, जहां श्रमिकों की सुरक्षा से नियमित रूप से समझौता किया जाता है।
  • नियामक ढांचे में व्यावसायिक गतिविधियों के कारण होने वाली बीमारियों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे श्रमिकों को दीर्घकालिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं।

असंगठित क्षेत्र में चुनौतियाँ:

  • भारत का अधिकांश कार्यबल असंगठित क्षेत्र में है, जिसमें औपचारिक सुरक्षा संबंधी नियमों और उचित निगरानी का अभाव है।
  • प्रवासी श्रमिक, इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, अक्सर पर्याप्त कानूनी सुरक्षा के बिना अनिश्चित परिस्थितियों में काम करते हैं, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान देखा गया था।

व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 का उद्देश्य मौजूदा श्रम कानूनों को समेकित और सरल बनाना है। हालाँकि, इन कमियों को दूर करने में इसकी प्रभावशीलता का आंकलन करना बाकी है। कोविड-19 महामारी ने श्रमिकों से जुड़ी चुनौतियों और कमजोरियों को उजागर किया है, विशेषकर स्वास्थ्य और सुरक्षा उपायों के मामले में, जिससे व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी नियमों में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।

निष्कर्ष:

गौरतलब है कि भारत ने औद्योगीकरण में काफी प्रगति की है मगर व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी परिस्थितियों के लिए संबंधित नियामक ढांचा गति नहीं पकड़ पाया है। विधायी और प्रवर्तन तंत्र में मौजूदा अंतराल और सीमाओं के कारण, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में, कार्यबल के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए अपर्याप्त सुरक्षा पैदा हुई है। महामारी सहित हाल के घटनाक्रमों ने इन कमियों को और उजागर किया है। श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर औद्योगीकरण के प्रभाव को कम करने के लिए, व्यापक सुधार और व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मानकों का सख्त प्रवर्तन अनिवार्य है। नवीन व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 इन चुनौतियों से निपटने का विकल्प प्रदान करती है, लेकिन इसका सफल कार्यान्वयन ही भारत के कार्यबल के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.