प्रश्न की मुख्य माँग
- चर्चा कीजिए कि ई-गवर्नेंस 2047 तक विकसित भारत में किस प्रकार योगदान देगा।
- सेवा वितरण में परिवर्तन लाने में डिजिटल इंडिया पहल की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
- नागरिक भागीदारी में डिजिटल इंडिया पहल की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
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उत्तर
ई-गवर्नेंस सेवा वितरण, पारदर्शिता और नागरिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग करता है। यह शासन संबंधी अंतराल को पाटकर और समावेशिता सुनिश्चित करके वर्ष 2047 भारत भ्रमण के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिजिटल इंडिया के तहत की गई पहल इस परिवर्तन को सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जा रही है।
ई-गवर्नेंस 2047 तक भारत भ्रमण में कैसे योगदान देगा
- बढ़ी हुई पारदर्शिता और जवाबदेही: ई-ऑफिस के माध्यम से डिजिटल फाइल प्रबंधन यह सुनिश्चित करता है कि फाइलों का प्रसंस्करण इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाए, जिससे भ्रष्टाचार के अवसर कम हो जाएँ।
- उदाहरण: DARPG के 100-दिवसीय एजेंडे के दौरान, 3.7 मिलियन ई-फाइलों को डिजिटल रूप से प्रबंधित किया गया, जिससे कागज के उपयोग और स्टेशनरी की लागत में कटौती हुई।
- कुशल, रिसाव-रहित कल्याणकारी वितरण: प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली सब्सिडी को सीधे लाभार्थियों तक पहुँचाती है, जिससे लाखों-करोड़ों रुपये की लीकेज रुक जाती है।
- उदाहरण: PM-किसान की 19वीं किस्त के तहत लगभग 10 करोड़ किसानों को सीधे 22,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
- डेटा-संचालित निर्णय-प्रक्रिया: ई-ऑफिस एनालिटिक्स से प्राप्त रियलटाइम डैशबोर्ड मंत्रालयों को लंबित फाइलों पर नजर रखने और समय-सीमा लागू करने में सहायता करते हैं।
- सहभागी शासन: MyGov प्लेटफॉर्म नीति निर्माण के लिए सर्वेक्षण, कार्यों और चर्चाओं में लाखों उपयोगकर्ताओं को शामिल करता है।
- उदाहरण: MyGov प्रतिभागियों के सुझावों ने प्रधानमंत्री के “मन की बात” रेडियो संबोधन की विषय वस्तु को आकार दिया।
सेवा वितरण में परिवर्तन लाने में डिजिटल इंडिया पहल की भूमिका
- ई-ऑफिस: मंत्रालयों में कार्यप्रवाह को डिजिटल बनाता है, इसकी अंगीकरण दर 95% है तथा इससे अनुमोदन समय में कमी आती है।
- UMANG: 2000 से अधिक सेवाओं तक एकल विंडो चालित पहुँच, 595 करोड़ लेन-देन के साथ दस लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं को सेवा।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: आधार लिंक्ड भुगतान से लाखों करोड़ रुपये की चोरी बचती है।
- उदाहरण: PM-किसान योजना के तहत 2,000 रुपये की त्रैमासिक किस्त बिना किसी विचलन के किसानों तक पहुँच गई।
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM): एक पारदर्शी खरीद पोर्टल, जिसने वित्त वर्ष 2024-25 में लेन-देन में 5 लाख करोड़ रुपये को पार कर लिया।
- डिजिलॉकर: क्लाउड-आधारित दस्तावेज वॉलेट, जिसके 430 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और 9.4 बिलियन दस्तावेज जारी किए गए हैं।
- उदाहरण: छात्रों ने विश्वविद्यालय में आवेदन के लिए बिना किसी भौतिक भ्रमण के तुरंत CBSE की मार्कशीट डाउनलोड कर ली।
नागरिक भागीदारी में डिजिटल इंडिया पहल की भूमिका
- UMANG फीडबैक मॉड्यूल: अंतर्निहित शिकायत और रेटिंग सुविधाएँ, उपयोगकर्ताओं को रियलटाइम सेवा संबंधी समस्याओं की रिपोर्ट करने की सुविधा देती हैं।
- उदाहरण: UMANG के माध्यम से दर्ज की गई EPFO पेंशन विलंब की शिकायत का समाधान 48 घंटे के भीतर कर दिया गया।
- CPGRAMS: केंद्रीकृत शिकायत प्रणाली, जो वर्ष 2024 में 2.9 मिलियन मामलों में से 90% से अधिक मामलों का निपटारा करेगी।
- डिजिटल परामर्श उपकरण: सरकारी पोर्टलों पर ई-पोल और सर्वेक्षण बजट व नीतियों के लिए इनपुट एकत्र करते हैं।
- उदाहरण: बजट 2025 श्वेत-पत्र में नागरिकों के सुझावों को शामिल किया गया।
- डिजिलॉकर साझाकरण: निजी संस्थाओं के साथ दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से साझा करने तथा विश्वास का निर्माण करने में सक्षम बनाता है।
वर्ष 2047 तक जवाबदेह और समावेशी शासन प्राप्त करने के लिए ई-गवर्नेंस आवश्यक है। डिजिटल बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना और डिजिटल विभाजन को कम करना, सफलता के लिए अति महत्त्वपूर्ण है। उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने से प्रगतिशील और नागरिक-केंद्रित भारत सुनिश्चित होगा।
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